UP में जातीय हिंसा की साजिश में थी PFI कमांडर की भी भूमिका, अब रिमांड पर लेगी STF
हाथरस कांड के बाद सूबे में जातीय हिंसा की साजिश का मामला। लखनऊ जेल में बंद अंसद बदरुद्दीन के बयान दर्ज करने के बाद अब उसे पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेने की तैयारी। केरल से लेकर दिल्ली के बीच रही गतिविधियों की भी गहनता से छानबीन।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। हाथरस कांड के बाद यूपी में जातीय हिंसा भड़काने की साजिश के तार अब बीते दिनों लखनऊ में पकड़े गए पॉलुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) के कमांडर अंसद बदरुद्दीन से भी जुड़ रहे हैं। पीएफआइ की स्टूडेंट विंग कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआइ) के राष्ट्रीय महासचिव रऊफ से पूछताछ में सामने आए तथ्यों के आधार पर अपनी जांच के कदम बढ़ा रही है।
इसी कड़ी में एसटीएफ लखनऊ जेल में बंद अंसद बदरुद्दीन के बयान दर्ज करने के बाद अब उसे पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है। अंसद के साथ पकड़े गए उसके साथी फिरोज से भी पूछताछ की तैयारी है। दोनों की केरल से लेकर दिल्ली के बीच रही गतिविधियों की भी गहनता से छानबीन चल रही है। सूत्रों का कहना है कि एसटीएफ ने उनके विरुद्ध कुछ अहम साक्ष्य भी जुटाए हैं।
एसटीएफ मथुरा के माठ थाने में सीएफआइ के सदस्यों के विरुद्ध दर्ज मुकदमे की जांच में कदम बढ़ा रही है। इसी मामले की पड़ताल में रऊफ की भूमिका सामने आने के बाद उसकी गिरफ्तारी की गई थी। रऊफ से पूछताछ के बाद ही एसटीएफ ने दिल्ली में पीएफआइ के आफिस समेत अन्य स्थानों पर छापेमारी भी की थी। इधर, एसटीएफ ने 16 फरवरी को लखनऊ में हिंदू संगठनों के कार्यक्रमों में आतंकी हमले की साजिश के आरोप में पीएफआइ के कमांडर केरल निवासी अंसद बदरुद्दीन व केरल के ही निवासी फिरोज खान को गिरफ्तार किया था। उनके कब्जे से हाई एक्सप्लोसिव डिवाइस (मय बैट्री डेटोनेटर व लाल रंग का तार), .32 बोर की एक पिस्टल व कई दस्तावेज बरामद हुए थे। बाद में यह जांच एटीएस को सौंप दी गई थी। एसटीएफ ने अपनी पड़ताल में सामने आए तथ्यों को एटीएस से भी साझा किया है।