अयोध्या में राम मंदिर निर्माण में पार हो रहे नित नए पड़ाव, परिसर के विस्तार संग अब विदेश में निधि समर्पण अभियान
Ram temple Construction in Ayodhya राम मंदिर निर्माण के लिए चल रही नींव खोदाई के बीच श्रीराम जन्मभूमि परिसर के विस्तार की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने एक करोड़ रुपये में पहला भूखंड खरीदा है।
अयोध्या, जेएनएन। रामनगरी अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण के काज में दिन प्रतिदिन नए आयाम जुड़ते जा रहे हैं। पांच अगस्त, 2020 को यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर की नींव रखी थी। उसी के बाद से ही मंदिर निर्माण कार्य ने गति पकड़ी। पहले राम मंदिर का नक्शा पास किया गया। नींव के कार्य के बीच उसी हिसाब से मंदिर की डिजाइन को अपडेट किया गया। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से इसी साल मंदिर निर्माण के लिए देशभर 44 दिनों तक निधि समर्पण अभियान चलाया गया, जिसमें करीब 2400 करोड़ रुपये का चंदा इकट्ठा हुआ। भक्तों की मांग पर अब तो वैश्विक स्तर पर भी निधि समर्पण अभियान चलाने की तैयारी शुरू हो गई है। इस बीच रामजन्मभूमि परिसर का विस्तार शुरू भी शुरू हो गया है। श्रीराम जन्मभूमि परिसर को 70 एकड़ से विस्तारित कर 107 एकड़ किए जाने के क्रम में पहली जमीन खरीद ली गई है। अब राम मंदिर निर्माण के लिए नींव की खोदाई में तेजी के बीच इसकी भराई की तैयारी आगे बढ़ रही है।
खरीदा गया 676.85 वर्ग मीटर का भूखंड : राम मंदिर निर्माण के लिए चल रही नींव खोदाई के बीच श्रीराम जन्मभूमि परिसर के विस्तार की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने एक करोड़ रुपये में पहला भूखंड खरीदा है। खरीदा गया है, जो 676.85 वर्ग मीटर का है। यह शीर्ष पीठ अशर्फी भवन से सटा है। इस भूखंड के स्वामी दीपनारायण ने ट्रस्ट को जमीन का बैनामा लिखा है। ट्रस्ट अन्य भूखंडों की खरीदारी के लिए इस क्षेत्र के नागरिकों से संपर्क साधने में जुटा है। भगवान राम का मंदिर पांच एकड़ में निर्मित होना है। मंदिर का पूरा परिसर अब तक 70 एकड़ में सीमित था, पर मंदिर निर्माण समिति ने इसके विस्तार की योजना बनाई, जिसे अब जमीन पर उतारने का कार्य आरंभ कर दिया गया है। इसे तकरीबन 107 एकड़ तक विस्तारित किया जाना है।
एक अप्रैल से शुरू होगी राममंदिर नींव की भराई : राम मंदिर निर्माण के लिए नींव की खोदाई में तेजी के बीच इसकी भराई की तैयारी आगे बढ़ रही है। नींव की डिजाइन के अनुरूप खोदाई का कार्य हो रहा है। इसी माह में खोदाई का कार्य पूरा करने का लक्ष्य है। इसके बाद एक अप्रैल से नींव की भराई का कार्य प्रस्तावित है। कार्यदायी संस्था व इसकी निगरानी करने वाली संस्था को इससे संबंधित सूचना भी दी गई है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारियों की मौजूदगी में इसी तिथि से नींव भराई की औपचारिक शुरुआत हो जाएगी। सूत्र बताते हैं कि मार्च माह के अंत तक नींव की भराई संबंधित तैयारी का ब्लूप्रिंट सामने आ जाएगा।
शिलाओं के आने का सिलसिला भी होगा तेज : नींव की खोदाई में तेजी के बीच इसमें लगने वाली शिलाओं के आने का सिलसिला भी तेज होगा। ऐसी शिलाएं गढ़ी जा रही हैं, जिन्हें आपस में जोड़ने का प्रयोग गत पखवारे से चल रहा है और विशेषज्ञ इंजीनियर्ड फिल्ड मैटीरियल के साथ नींव में प्रयुक्त होने वाली शिलाओं के आकार-प्रकार का अंतिम रूप सुनिश्चित करने में लगे हैं। गत दिनों निर्माण समिति की बैठक में मार्च माह के भीतर नींव की खोदाई का कार्य पूरा करने को कहा गया है। जिम्मेदारों ने कार्यदायी संस्था को नींव भराई की प्रस्तावित तिथि के बारे में बताया। साथ ही भराई के तरीके व प्रयुक्त होने वाली सामग्री के बारे में भी समुचित जानकारी दी गई। मंदिर निर्माण समिति के चैयरमैन नृपेंद्र मिश्र ने कार्यदायी संस्था के इंजीनियर्स के साथ विमर्श भी किया।
कई देशों में चलेगा निधि समर्पण अभियान : राम मंदिर निर्माण के लिए अब जल्द ही भारत की तर्ज पर पर विश्व के कई देशों में निधि समर्पण अभियान शुरू किया जा सकता है। इसको लेकर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारी इस पर विमर्श शुरू कर चुके हैं। योजना आगे बढ़ी तो विहिप की अगुवाई में ही विश्व के अलग-अलग देशों में निवास कर रहे रामभक्तों तक रसीद व कूपन पहुंचाया जाएगा। हालांकि, यह अभियान तभी शुरू होगा जब विदेश से धन लेने की अनुमति ट्रस्ट को मिल जाएगी। इसके लिए पहले ट्रस्ट को फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट का प्रमाणपत्र हासिल करना होगा। ट्रस्ट इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर चुका है। देश में मकर संक्रांति से राममंदिर के लिए निधि समर्पण अभियान चला, जो पूरा हो गया। इसमें अब तक तकरीबन 24 सौ करोड़ प्राप्त हो चुके हैं। यहां चले निधि समर्पण अभियान के दौरान बार-बार विदेशी रामभक्त सहयोग देने का आग्रह कर रहे थे। समझा जाता है कि इसी वजह से ट्रस्ट ने इस दिशा में कार्य शुरू किया है।
कई अप्रवासी भारतीय सहयोग राशि देने को आतुर : कई अप्रवासी भारतीय आराध्य की जन्मभूमि पर बनने जा रहे भव्य मंदिर में सहयोग करने के लिए व्यग्र हैं। वे किसी तरह मंदिर निर्माण के लिए अपना सहयोग देना चाहते हैं। कुछ लोगों ने भारत में रहने वालों की मदद से निधि अर्पित की तो अब कुछ ऐसे रामभक्त भी मिले जो अयोध्या आए तो वे अपना सहयोग मंदिर निर्माण में करना नहीं भूले। गत दिनों कनाडा से आए भारतीय मूल के रितेश नागर ने 50 कैनेडियन डॉलर दिये। हालांकि ट्रस्ट के पास फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट का प्रमाणपत्र न होने से यह राशि बैंक में जमा नहीं हुई। यह धनराशि रामललानगर के डिपॉजिटर के पास है। रामनगरी में नेपाल से जुड़े कुछ मंदिर हैं। यहां के महंत भी नेपाल के हैं। जब से राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट ने कार्यालय खोला, तब से ही नेपाल के रामभक्त वहां से इनके माध्यम से धनराशि भेजते हैं। अभी तक नेपाल से तकरीबन तीन लाख रुपए आ चुके हैं।