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Doctors Degree Case in Lucknow: फाइनेंस कंपनी के अधिकारी ने द‍िया था डाटा, पुल‍िस ने ब‍िछाया जाल

Doctors Degree Case in Lucknow सूत्रों के अनुसार जैसे ही कोई डॉक्टर अपनी एमबीबीएस की डिग्री पर प्रोफेशन लोन के लिए आवेदन करता फाइनेंस कंपनी का जालसाज अधिकारी गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों को डॉक्टरों का डाटा दे देता था।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 10 Feb 2021 09:32 AM (IST)Updated: Wed, 10 Feb 2021 10:48 AM (IST)
Doctors Degree Case in Lucknow: फाइनेंस कंपनी के अधिकारी ने द‍िया था डाटा, पुल‍िस ने ब‍िछाया जाल
जालसाज अधिकारी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम ब‍िछा रही जाल।

लखनऊ, जेएनएन। डॉक्टरों की डिग्री पर ग्रहण लगाकर करोड़ों रुपये का लोन लेने वाले जालसाज गिरोह के सरगना फाइनेंस कंपनी के अधिकारी की गिरफ्तारी के लिए हजरतगंज पुलिस और साइबर क्राइम सेल तानाबाना बुन रही है। बीते दिनों पकड़े गए गिरोह के सदस्यों से पूछताछ के दौरान पुलिस को फाइनेंस कंपनी के एक बड़े अधिकारी (कई जिलों के प्रभारी) का नाम प्रकाश में आया था। पुलिस अब उस जलासाज अधिकारी की कुंडली खंगाल रही है। जल्द ही उसकी भी गिरफ्तारी होगी।

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मुहैया कराता था गिरोह के सदस्यों को डॉक्टरों का डाटा

साइबर क्राइम सेल के सूत्रों के अनुसार फाइनेंस कंपनी का जालसाज अधिकारी, सेल्स एक्जीक्यूटिव और गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों को डॉक्टरों का डाटा देता था। जैसे ही कोई डॉक्टर अपनी एमबीबीएस की डिग्री पर डॉक्टर प्रोफेशन लोन के लिए आवेदन करता। वह अधिकारी उसकी लीड गिरोह के लोगों को दे देता था। लीड मिलते ही गिरोह के लोग डॉक्टर के पास जाते उन्हें स्कीम बताते। उनसे डिग्री और उससे संबंधित दस्तावेज लेते। उसके बाद डॉक्टर के नाम से ही फर्जी बैंक खाता खोला जाता। लोन के आवेदन होता था। वहीं, डॉक्टर से दस्तावेज लेने के बाद उनसे कहते थे कि कुछ कागज अधूरे हैं। उन्हें भी आप तैयार कर लें। डॉक्टर जबतक वह दस्तावेज तैयार कराते तबतक जालसाज उनके द्वारा पहले दिए गए दस्तावेजों के आधार पर फर्जी खाते पर लोन ले लेते। लोन का रुपया खाते से निकाल कर गिरोह के लोग बांट लेते थे।

यह है मामला

साइबर क्राइम सेल ने शनिवार देर शाम डॉक्टरों की डिग्री के आधार पर करोड़ों का लोन लेकर रुपये हड़पने वाले गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया था। एसीपी साइबर क्राइम सेल विवेक रंजन राय ने बताया कि पकड़े गए जालसाजों में रितेश शुक्ला निवासी ओमैक्स सिटी, खरगापुर अवधपुरी निवासी इशान शर्मा, बाराबंकी का अभिमन्यु राय, मोहित कुमार वर्मा, और महेंद्र पांडेय उर्फ मुन्ना था। रितेश और इशान बजाज फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी हैं। मामले की जानकारी होने पर कंपनी के एक अधिकारी ने हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था। गिरोह के जालसाजों ने शहर के दो डॉक्टरों के नाम से 30 और 35 लाख का लोन लिया था। यह दो मामले अभी संज्ञान में आए हैं। जानकारी में आया है कि कई डॉक्टरों के नाम पर गिरोह के सदस्य करीब तीन से चार करोड़ का लोन ले चुके हैं। 


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