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लखनऊ के डॉ.शकुंतला मिश्रा विवि में फेल को पास करने का खेल का राजफाश, कॉलेज प्रशासन के मुंह पर ताले

विशेष शिक्षा के नाम पर 2015 से 2018 में हुई गड़बड़ी विवि प्रशासन कुछ भी बोलने को तैयार नहीं। जांच समिति का गठन। इससे पहले 2014 में पीएचडी दाखिले को लेकर जांच में एक दर्जन से अधिक प्रवेश नियमों को दरकिनार कर किए गए।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Sun, 24 Jan 2021 11:33 AM (IST)Updated: Sun, 24 Jan 2021 11:33 AM (IST)
लखनऊ के डॉ.शकुंतला मिश्रा विवि में फेल को पास करने का खेल का राजफाश, कॉलेज प्रशासन के मुंह पर ताले
विशेष शिक्षा के नाम पर 2015 से 2018 में हुई गड़बड़ी, विवि प्रशासन कुछ भी बोलने को तैयार नहीं।

लखनऊ [जितेंद्र उपाध्याय]। डॉ.शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय व संबद्ध कॉलेजों में फेल को पास करने के खेल का राजफाश हुआ है। विशेष शिक्षा के नाम पर हुई गड़बड़ी 2015 से 2018 के बीच हुई थी। शनिवार को परीक्षा समिति की हुई बैठक में इसकी जानकारी होने के साथ ही आननफानन जांच समिति का गठन कर जांच शुरू कर दी गई है।

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नियुक्ति से लेकर पीएचडी दाखिले में गड़बड़ी को लेकर चर्चा में रहने वाले डॉ.शकुंतला मिश्रा में अब इस नई गड़बड़ी के सामने आने के बाद तत्कालीन कुलपति और परीक्षा नियंत्रक की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं। सूत्रों के मुताबिक लिखित परीक्षा में फेल होने वाले विद्यार्थियों को प्रयोगात्मक परीक्षा में मनमाना अंक देकर पास कर दिया गया है। पहले चरण की जांच में 100 से 200 मामले सामने आए हैं। इसी के आधार पर तीन वर्षों में पास होने वाले सभी विद्यार्थियों की जांच शुरू हो गई है।

कुलपति प्रो.आरकेपी सिंह की ओर से जांच समिति को जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि इसे लेकर विवि प्रशासन कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। नाम न छापने की शर्त पर अधिकारी ने जांच समिति बनाने और गड़बड़ी की पुष्टि की है।

पीएचडी में भी गड़बड़ी की गई जांच: इससे पहले 2014 में पीएचडी दाखिले को लेकर जांच में एक दर्जन से अधिक प्रवेश नियमों को दरकिनार कर किए गए। इसकी जांच कर प्रवेश निरस्त करने की तैयारी भी चल रही है।इसमे कई शोधार्थियों का शोध भी पूरा हो गया है। ऐसे में अब शोधार्थी अपने प्रवेश को लेकर परेशान हैं। प्रवेश में तत्कालीन कुलपति के साथ ही परीक्षा नियंत्रक की भूमिका पर सवाल खड़े हो गए हैं।


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