लम्बे समय से लंबित मांग को लेकर भूख हड़ताल पर स्टेशन मास्टर्स, खाली पेट करवा रहे ट्रेन का संचालन
All India Railway Strike of Station Masters ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर एसोसिएशन के आहवान पर देश के 40 हजार स्टेशन मास्टर गुरुवार को एक दिन की भूख हड़ताल पर हैं। खाली पेट रहकर इन स्टेशन मास्टर्स ने ट्रेन और मालगाड़ियां दौड़ायीं। भूख हड़ताल को देखते हुए रेलवे अलर्ट है।
लखनऊ, जेएनएन। लम्बे समय से लंबित मांग पर रेल मंत्रालय के ध्यान न देने पर स्टेशन मास्टर्स के सब्र का बांध टूट गया है। देश भर के स्टेशन मास्टर्स शुक्रवार सुबह से भूख हड़ताल पर हैं। इनकी भूख हड़ताल का समय प्रात: दस बजे से शाम छह बजे तक है। रेलवे स्टेशन मास्टर अपनी लंबित मांगों को रेल प्रशासन के लंबे समय से नजरअंदाज करने से नाराज होकर भूख हड़ताल पर हैं।
दिन रात काम करने वाले स्टेशन मास्टरों की सात सूत्री मांगों के पूरा न होने पर वह गुरुवार को भूख हड़ताल पर चले गए। ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर एसोसिएशन के आहवान पर देश के 40 हजार स्टेशन मास्टर गुरुवार को एक दिन की भूख हड़ताल पर हैं। खाली पेट रहकर इन स्टेशन मास्टर्स ने ट्रेन और मालगाड़ियां दौड़ायीं। स्टेशन मास्टरों की भूख हड़ताल को देखते हुए रेलवे अलर्ट हो गया है। रेलवे के स्वास्थ्य महकमे को किसी आपात स्थिति में स्टेशन मास्टर की सेहत पर कोई विपरीत प्रभाव पड़ने पर त्वरित उपचार मुहैया कराने का निर्देश रेलवे बोर्ड ने जारी किया है।
दरअसल स्टेशन मास्टर ओपन लाईन में 50 लाख का बीमा, रेलवे का निजिकरण बंद करने की मांग कर रहे हैं। एसोसिएशन के लखनऊ मंडल सचिव अनूप कुमार ने बताया कि स्टेशन मास्टर कैडर में बड़ी संख्या में पद रिक्त पड़े हैं। उनको न भरने का असर यह हो रहा है कि स्टेशन मास्टरों को आठ की जगह 12 से 14 घंटे काम करना पड़ रहा है। उनको भरने की जरूरत है। नए स्टेशन मास्टरों के स्टायपेंड एरियर बहुत महीनों से बकाया है। उनका शीघ्र भुगतान किये जाने की जरूरत है।
रेलवे बोर्ड ने 43600 बेसिक वेतन वाले स्टेशन मास्टरों के नाइट ड्यूटी एलाउंस देने पर रोक लगाने के साथ वर्ष 2017 से उनकी रिकवरी के भी आदेश दिए थे। इस आदेश को वापस लिया जाना चाहिए। वहीं स्टेशन मास्टर इंचार्ज होता है। इसलिए उसके लिए भी आरपीएफ के प्राउड की तरह सैल्यूट स्कीम लाग किया जाए। इसमें स्टेशन मास्टर के केबिन में आने वाले आरपीएफ सहित सभी कर्मचारी उनका सम्मान करें।