Move to Jagran APP

मंदिर की भांति आकार लेने लगा अयोध्या जंक्शन, शोभा बढ़ाएंगे राजस्थान के बंशीपहाड़पुर से आए पत्थर

रामनगरी में 104 करोड़ रुपये की लागत से अयोध्या जंक्शन के पुनर्निर्माण का कार्य चल रहा है। पहले चरण में कर्मियों के लिए आवास का निर्माण पूरा कराया जा चुका है। अब मुख्य भवन और मार्ग का निर्माण आरंभ हो चुका है।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 21 Jan 2021 07:30 AM (IST)Updated: Thu, 21 Jan 2021 05:15 PM (IST)
मंदिर की भांति आकार लेने लगा अयोध्या जंक्शन, शोभा बढ़ाएंगे राजस्थान के बंशीपहाड़पुर से आए पत्थर
शिलाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने में जुटा राइट्स।

अयोध्या, [रविप्रकाश श्रीवास्तव]। राममंदिर की शोभा बढ़ाने वाले बंशीपहाड़पुर के पत्थर अयोध्या जंक्शन का भी स्वरूप निखारेंगे। मंदिर की तरह आकार ले रहे अयोध्या जंक्शन के मुख्य भवन में भी बंशीपहाड़पुर की शिलाओं का प्रयोग किया जाएगा। राजस्थान में भरतपुर स्थित बंशीपहाड़पुर के पत्थर अपनी मजबूती, सुंदरता और लंबी आयु के लिए प्रसिद्ध हैं। इन्हीं विशेषताओं के कारण राममंदिर निर्माण में भी बंशीपहाड़पुर की शिलाओं को प्राथमिकता दी गई है। अब रेलवे भी अयोध्या जंक्शन के पुनर्निमाण में इन शिलाओं का प्रयोग करने जा रहा है। कार्यदायी संस्था राइट्स के कर्मी शिलाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने में लगे हैं। राइट्स के जिम्मेदार राजस्थान का दौरा भी कर चुके हैं। पत्थरों की मात्रा को लेकर उच्चाधिकारियों के बीच विमर्श चल रहा है। माना जा रहा है कि दस से 15 दिन के भीतर पत्थरों की खेप अयोध्या पहुंचनी शुरू हो जाएगी।

loksabha election banner

रामनगरी में 104 करोड़ रुपये की लागत से अयोध्या जंक्शन के पुनर्निर्माण का कार्य चल रहा है। पहले चरण में कर्मियों के लिए आवास का निर्माण पूरा कराया जा चुका है। अब मुख्य भवन और मार्ग का निर्माण आरंभ हो चुका है। राइट्स  के संयुक्त महाप्रबंधक एके जौहरी के नेतृत्व में यहां स्टेशन को नया स्वरूप प्रदान किया जा रहा है। वह कहते हैं कि मुख्य भवन में शिखर, मुकुट व छोटे पिरामिड होंगे। अयोध्या जंक्शन का पुनर्विकास रामनगरी के विकास से जुड़ी बड़ी योजनाओं में शामिल है। रामजन्मभूमि परिसर और अयोध्या रेलवे स्टेशन के बीच अधिक दूरी नहीं है।

केंद्र सरकार की मंशा है कि रामनगरी आने वाले यात्रियों को स्टेशन पर उतरते ही नगरी की दिव्यता का एहसास हो, इसलिए जंक्शन का स्वरूप मंदिर की तरह रखा गया है। आगामी 30 अक्टूबर तक मुख्य भवन तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। स्टेशन अधीक्षक एमएन मिश्र कहते हैं कि स्टेशन का विकास राममंदिर की गरिमा के अनुरूप किया जा रहा है। राइट्स के संयुक्त महाप्रबंधक और उनकी टीम पूरी जिम्मेदारी से लगी है। मुख्य मार्ग के लिए कोल साइङ्क्षडग को खाली कराकर भूमि उपलब्ध करा दी गई है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.