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Mayawati Birthday: संघर्ष भरा रहा BSP सुप्रीमो मायावती का जीवन, राजनीति की खातिर चंद्रावती हुईं मायावती

BSP Chief Mayawati 65th Birthday बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमों कही जाने वाली मायावती का राजनीतिक सफर उतना आसान नहीं रहा है। प्रदेश के दलित समुदाय में अच्छी पैठ रखने वाली मायावती चार बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनीं हैं।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 15 Jan 2021 10:38 AM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 02:29 PM (IST)
Mayawati Birthday: संघर्ष भरा रहा BSP सुप्रीमो मायावती का जीवन, राजनीति की खातिर चंद्रावती हुईं मायावती
बसपा इनका जन्मदिन जनकल्याणकारी दिवस के रूप में मना रही है

लखनऊ, जेएनएन। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती का आज यानी 15 जनवरी को 65वां जन्मदिन है। पार्टी प्रमुख के आह्वान पर बसपा इनका जन्मदिन जनकल्याणकारी दिवस के रूप में मना रही है।

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उत्तर प्रदेश की राजनीति में लम्बे समय से अपना परचम लहरा रहीं बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती को इस मुकाम तक पहुंचने के लिए बड़े पापड़ बेलने पड़े। बसपा सुप्रीमो मायावती का उत्तर प्रदेश की राजनीति में अच्छा खासा रसूख है। दिल्ली में एलएलबी की पढ़ाई करने के साथ सिविल सर्विसेज की तैयारी में जुटी एक साधारण सी लड़की चंद्रावती का रुझान राजनीति की तरफ ऐसा हुआ कि देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की चार बार मुख्यमंत्री बनीं।

देश में दलित राजनीति के दिग्गज नेता कांशीराम से भेंट के बाद चंद्रावती के जीवन की दिशा ही बदल गई। यह साधारण सी लड़की चंद्रावती से उत्तर प्रदेश की राजनीति की दिग्गज हस्ती मायावती बनकर उभरीं। मायावती का असली नाम चंद्रावती था। इसी नाम से उनकी पढ़ाई-लिखाई हुई थी, लेकिन जब वे कांशीराम के संपर्क में आईं और सक्रिय राजनीति में भाग लेने लगीं तब कांशीराम ने उनका नाम मायावती रख दिया।

मुश्किलों भरा राजनीतिक सफर: बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमों कही जाने वाली मायावती का राजनीतिक सफर उतना आसान नहीं रहा है। प्रदेश के दलित समुदाय में अच्छी पैठ रखने वाली मायावती चार बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनीं हैं। बसपा मुखिया मायावती का राजनीतिक सफर काफी मुश्किलों भरा रहा। दिल्ली में नौकरी के दौरान मायावती का राजनीतिक सफर 1977 में शुरू हुआ। वह कांशीराम के सम्पर्क में आयीं। वहीं से उन्होंने एक दलित नेत्री बनने का निर्णय लिया। कांशीराम के संरक्षण में 1984 में बसपा की स्थापना के दौरान वह काशीराम की कोर टीम का हिस्सा रहीं। मायावती ने पहला चुनाव उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर के कैराना लोकसभा सीट से लड़ा था। तीन जून 1995 को मायावती पहली बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनीं। और उन्होंने 18 अक्टूबर 1995 तक राज किया। बतौर मुख्यमंत्री दूसरा कार्यकाल 21 मार्च 1997 से 21 सितंबर 1997 तक, तीसरा कार्यकाल 3 मई 2002 से 29 अगस्त 2003 तक और चौथी बार 13 मई 2007 को उन्होंने मुख्यमंत्री पद ग्रहण किया। इस बार उन्होंने पूरे पांच साल तक राज किया, लेकिन 2012 में समाजवादी पार्टी से हार गयीं।

दिल्ली में जन्म और पढ़ाई: मायावती का जन्म 15 जनवरी, 1956 में दिल्ली में एक दलित परिवार के घर पर हुआ। पिता प्रभु दयाल जी भारतीय डाक-तार विभाग के वरिष्ठ लिपिक थे। उनकी माता रामरती अनपढ़ महिला थीं परन्तु उन्होंने अपने सभी बच्चों की शिक्षा में रुचि ली और सबको योग्य भी बनाया। मायावती के छह भाई और दो बहन हैं। इनका पैतृक गांव बादलपुर, प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले में है। बीए करने के बाद मायावती ने दिल्ली के कालिन्दी कॉलेज से एलएलबी किया। पढ़ाई के प्रति इनका इतना रुझान था कि सिविल सर्विसेज की परीक्षा की तैयारी के साथ इन्होंने बीएड भी किया। इसके बाद अपने करियर की शुरुआत दिल्ली के एक स्कूल में एक शिक्षिका के रूप में की। उन्होंने सिविल सॢवसेस की तैयारी भी की।

सीबीआइ की रेड तक झेली: मायावती के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश सरकार ने 2002 में आगरा में ताज हेरिटेज कॉरिडोर का निर्माण शुरू किया। देखते ही देखते पूरा प्रोजेक्ट विवादों में आ गया। इस दौरान उनको तमाम ज्ञापन, पर्यावरण विभाग के नोटिस, सीबीआइ के नोटिस तथा सुप्रीम कोर्ट के नोटिस मिले। इस दौरान विपक्षी दलों ने उनपर जमकर हमले किये। सीबीआई ने मायावती के 12 आवास पर रेड डालीं। उसी दौरान आय से अधिक संपत्ति का खुलासा हुआ। इसमें 17 करोड़ रुपए की हेराफेरी के आरोप लगे थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें मायावती को आरोपी बनाया गया था। 

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