UP सैनिक स्कूल में बालिका कैडेटों के लिए बनेगा पहला छात्रावास, योगी सरकार खर्च करेगी 12.34 करोड़
प्रदेश सरकार ने जारी किया छात्रावास और खेलकूद मैदान के विकास का बजट। 1234.52 लाख रुपये हास्टल निर्माण और 278.59 लाख रुपये खेल के मैदान के विकास पर होगा खर्च। कैप्टन मनोज पांडेय देश का पहला सैनिक स्कूल है जिसकी स्थापना 1960 में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. संपूर्णानंद ने की थी।
लखनऊ, जेएनएन। बालिकाओं के सशस्त्र सेनाओं में अफसर बनने के सपने को पूरा करने के लिए देश में पहली बार उनका प्रवेश शुरू करने वाले 'कैप्टन मनोज पांडेय यूपी सैनिक स्कूल' में नया बालिका हॉस्टल बनेगा। यहां 150 बालिका कैडेटों के नए हॉस्टल के निर्माण के लिए 12.34 करोड़ रुपये प्रदेश सरकार ने जारी कर दिए हैं। वहीं, बालिका कैडेटों के खेल के मैदान को भी विकसित किया जाएगा। बाउंड्री वाल सहित कई निर्माण कार्य के लिए 2.78 करोड़ रुपये का बजट आवंटित हो गया है। टोकन मनी के रूप में छात्रावास के लिए नौ लाख और खेल के मैदान के लिए एक लाख रुपये जारी कर दिए गए हैं।
कैप्टन मनोज पांडेय देश का पहला सैनिक स्कूल है, जिसकी स्थापना 1960 में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. संपूर्णानंद ने की थी। इस सैनिक स्कूल के बाद ही देश में दूसरे सैनिक स्कूलों की स्थापना की गई थी। कैप्टन मनोज पांडेय यूपी सैनिक स्कूल ने ही देश में पहली बार बेटियों के एडमिशन शुरू किए थे। कक्षा नौ में एडमिशन के लिए यहां 15 सीटें बालिकाओं की आरक्षित हैं। स्कूल में बालिका छात्रावास के निर्माण और उनके खेलकूद की गतिविधियों को बेहतर करने के लिए मैदान के विकास का प्रस्ताव स्कूल के प्रधानाचार्य ले. कर्नल यूपी सिंह ने भेजा था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की घोषणा के बाद बालिका छात्रावास और खेल के मैदान के विकास का प्रस्ताव को शासन ने अंतिम रूप दिया। छात्रावास के निर्माण के लिए शासन ने 14.66 करोड़ रुपये के सापेक्ष 12.34 करोड़ रुपये की धनराशि जारी कर दी है। खेलकूद के मैदान की बाउंड्री वाल के निर्माण के लिए 2.82 करोड़ के सापेक्ष 2.78 करोड़ रुपये की धनराशि अवमुक्त कर दी गई है।
क्या कहते हैं प्रधानाचार्य : कैप्टन मनोज पांडेय यूपी सैनिक स्कूल प्रधानाचार्य ले. कर्नल उदय प्रताप सिंह के मुताबिक, नए छात्रावास के निर्माण से बालिकाओं के शिक्षा और भी अधिक सुचारु रूप से संचालित होगी। बाउंड्री वाल का निर्माण होने से बालिकाओं के लिए सुरक्षित खेल का मैदान मिलेगा। बालिकाओं के खेल प्रशिक्षण की गुणवत्ता भी बेहतर होगी। मुख्यमंत्री के विशेष प्रयास से बालिका छात्रावास जल्द मूर्तरूप लेगा।