Ayodhya Controversial Structure : अयोध्या के विवादित ढांचा ध्वंस की बरसी पर UP में अलर्ट पर सुरक्षा बल, अयोध्या में विशेष सख्ती
Ayodhya Controversial Structure Demolition 28th Anniversary प्रदेश सरकार ने हर जिले में सुरक्षा बलों को मुस्तैद कर रखा है। सूबे की राजधानी लखनऊ के साथ गोरखपुर वाराणसी प्रयागराज कानपुर मेरठ आगरा बरेली व मुरादाबाद में भी सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर हैं।
अयोध्या, जेएनएन। भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में भव्य रामलला मंदिर के भूमि पूजन तथा मंदिर निर्माण की प्रक्रिया आरंभ होने के बाद यहां के विवादित ढांचा ध्वंस की पहली बरसी पर रविवार को प्रदेश में सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर हैं। अयोध्या में सुरक्षा के बेहद कड़े इंतजाम हैं। यहां पर हर जगह पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किया गया है।
अयोध्या में विवादित ढांचा के ध्वंस की आज यानी छह दिसंबर को 22वीं बरसी है। इसको लेकर प्रदेश सरकार ने हर जिले में सुरक्षा बलों को मुस्तैद कर रखा है। सूबे की राजधानी लखनऊ के साथ गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज, कानपुर, मेरठ, आगरा, बरेली व मुरादाबाद में भी सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर हैं। अयोध्या में छह दिसंबर को लेकर अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। यहां पर सिविल पुलिस के अलावा आरपीएफ, सीआरपीएफ के जवानों की तैनाती की गई है। इनके साथ डॉग स्क्वायड, एटीएस तथा जल पुलिस व एसटीएफ की टीम भी तैनात हैं। सभी होटल, धर्मशाला और रेलवे स्टेशन समेत सार्वजनिक स्थलों पर सादे वर्दी में पुलिस के जवान हैं।
अयोध्या में जिला तथा पुलिस प्रशासन ने सख्ती बरतते हुए दोनों समुदाय को किसी भी तरह के कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं दी है। इतना ही नहीं कार्यक्रम करने वाले पक्ष के ऊपर दंडात्मक दंडात्मक कार्रवाई भी तय है। अयोध्या में सुरक्षा घेरा सख्त कर दिया गया है। राम जन्मभूमि प्रांगण की ओर जाने वाले सभी मार्गों को सील कर दिया गया है। यहां पर आने व जाने वाले हर व्यक्ति से पूछताछ हो रही है। पांच अगस्त को मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन के साथ ही नींव पूजन के बाद पडऩे वाली पहली बरसी पर रामनगरी में अयोध्या में सुरक्षा बल बेहद मुस्तैद हैं। यहां पर हर प्रवेश मार्ग पर सघन चेकिंग अभियान जारी है।
डीआईजी दीपक कुमार ने बताया कि बिना अनुमति के यहां पर आज किसी भी कार्यक्रम को करने पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। संत समाज व मुस्लिम धर्मगुरुओं ने दोनों समुदाय से योमें गम और शौर्य दिवस जैसे कार्यक्रम को नहीं करने की अपील की है। इसके साथ ही कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए भी किसी भी तरीके के कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी गयी है। आज तो पुलिस की सोशल मीडिया पर भी पैनी निगाह है। यहां पर अगर किसी ने भी धाॢमक दृष्टिकोण से भ्रामक खबर फैलाने की कोई भी कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होगी। इसके इतर अयोध्या में लोग छह दिसंबर 1992 को भूल कर अब अयोध्या के विकास की चर्चा में लगे हैं। यहां पर आज भी जनजीवन पूरी तरह सामान्य है।
अयोध्या के संतों ने भी अपील करते हुए कहा है कि अब यौमे गम और शौर्य दिवस मनाने की आवश्यकता नहीं है। उनका कहना है कि अयोध्या विवाद पर फैसला आ चुका है और राम मंदिर निर्माण का काम भी शुरू हो चूका है। इसके साथ ही मस्जिद के लिए भी जमीन दी जा चुकी है। अब हिंदू और मुस्लिम को अमन और चैन के साथ रहना चाहिए।
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि छह दिसंबर को दोनों समुदाय कोई भी कार्यक्रम का आयोजन न करें जिससे कि देश और प्रदेश का माहौल बिगड़े। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार ने कहा कि छह दिसंबर को किसी भी तरीके के कार्यक्रम की अनुमति नहीं है। दोनों समुदाय के लोगों से यह अपील है सामाजिक सहभागिता के साथ रहें। अयोध्या में दोनों वर्ग के लोगों ने आज किसी भी तरीके का आयोजन न करने का आश्वासन दिया है। सभी पक्षों ने सौहार्द और शांति की बात की है।
गौरतलब है कि आज से 28 वर्ष पहले छह दिसंबर 1992 को अयोध्या में उग्र भीड़ ने विवादित ढांचे का विध्वंस कर दिया था। तभी से छह दिसंबर को हिंदू पक्ष शौर्य दिवस तो मुस्लिम पक्ष यौमे गम के रूप में मनाते आ रहे हैं। इस बार माहौल यहां बदला हुआ है। अब तो रामजन्मभूमि और मस्जिद विवाद का पटाक्षेप हो चुका है। इसके साथ-साथ बाबरी विध्वंस मामले में सभी आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया है।