Lucknow University Centenary Year Celebration: मध्य और आधुनिक इतिहास के हुए दर्शन
Lucknow University Centenary Year Celebration प्रो राय ने प्राचीन भारतीय इतिहास विभाग के संग्रहालय का दौरा किया। जहां उन्हें अवगत कराया गया लखनऊ विश्वविद्यालय लखनऊ के प्राचीन भारतीय इतिहास एवं पुरातत्त्व विभाग के पुरातत्व संग्रहालय को स्थापित करने का श्रेय भूतपूर्व विभागाध्यक्ष प्रो बीएन श्रीवास्तव को दिया जाता है।
लखनऊ, जेएनएन। लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष आयोजनों के दौरान सोमवार को मध्यकालीन और आधुनिक इतिहास विभाग ने प्रसिद्ध इतिहासकारों द्वारा व्याख्यान की एक श्रृंखला का आयोजन किया। विभाग ने "इतिहास के इतिहास" विषय पर एक प्रदर्शनी भी आयोजित की। प्रदर्शनी का उद्घाटन कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने किया। जहां विभाग के प्रतिष्ठित विशेषज्ञों ने कुलपति को भारतीय मध्यकालीन के ऐतिहासिक विकास के बारे में बताया और यह भारत और विश्व के आधुनिक इतिहास से कैसे संबंधित है।
प्रो राय ने प्राचीन भारतीय इतिहास विभाग के संग्रहालय का दौरा किया। जहां उन्हें अवगत कराया गया लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ के प्राचीन भारतीय इतिहास एवं पुरातत्त्व विभाग के पुरातत्व संग्रहालय को स्थापित करने का श्रेय भूतपूर्व विभागाध्यक्ष प्रो बीएन श्रीवास्तव को दिया जाता है। इस संग्रहालय को स्थापित करने का उद्देश्य छात्रों को प्राचीन भारतीय इतिहास के विभिन्न कालों से संबंधित मूर्तिकला, स्थापत्य कला एवं शैलकृत वास्तु के विषय में प्रतिकृतियों के माध्यम से जानकारी प्रदान करना है। इस संग्रहालय में विभिन्न कालों (मौर्य काल से लेकर पूर्व मध्यकाल) से सम्बंधित मूर्तियों, मंदिरों, शैलकृत वास्तु की प्रतिकृतियाँ का प्रदर्शन कियक गया है।
डॉ डीपी तिवारी के निर्देशन में कराये गए उच्च एवं मध्य गंगा मैदान में पुरातात्विक अन्वेषणों और उत्खननों तथा शोधार्थियों द्वारा किये गए पुरातात्विक अन्वेषणों द्वारा विभिन्न पुरस्थलों से प्राप्त पुरावशेषों पुरानिधियों एवं पत्रवाशेषों के संग्रह से इस संग्रहालय का विस्तार हुआ। कालक्रम के अनुसार यहाँ निम्न पुरापाषाण काल, नवपाषाण काल, सिन्धु-सरस्वती संस्कृति , प्राक-चित्रित धूसर मृदभांड संस्कृति, चित्रित धूसर मृदभांड संस्कृति, उत्तरी कृष्णमार्जित मृदभांड संस्कृति, मौर्य काल, शुंग काल, कुषाण काल, गुप्त काल, पूर्व मध्य काल और मध्य काल के पुरावशेषों एवं कलाकृतियों का संग्रह एवं प्रदर्शन किया गया है।