Tejas Express : कोरोना काल ने रोकी तेजस की रफ्तार, अंतिम फेरे में 889 यात्रियों ने सफर का लिया आनंद
Tejas Express पिछले साल अक्टूबर में तेजस की शुरुआत हुई थी। कोरोना काल में कॉरपोरेट सेक्टर की यह ट्रेन प्रभावित। यात्री न मिलने पर अनिश्चितकाल के लिए बंद की गई तेजस एक्सप्रेस। अंतिम सफर में रविवार को 889 यात्रियों ने किया सफर।
लखनऊ, जेएनएन। Tejas Express : कोरोना काल में यात्री न मिलने पर अनिश्चितकाल के लिए बंद की गई तेजस एक्सप्रेस के अंतिम सफर में खासी गहमागहमी रही। जिस तेजस एक्सप्रेस स्पेशल को 23 नवंबर से यात्री नहीं मिल रहे थे। उस कॉरपोरेट सेक्टर की पहली ट्रेन में रविवार को अंतिम फेरे में 889 यात्रियों ने सफर का आनंद लिया। इसमें 427 यात्री ट्रेन से लखनऊ से नई दिल्ली गए। जबकि देर रात लखनऊ पहुंची तेजस में 462 यात्री नई दिल्ली से आए।
दरअसल, तेजस एक्सप्रेस के संचालन के लिए रेलवे को प्रतिदिन भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आइआरसीटीसी) करीब 13 लाख रुपये का भुगतान करता है। जिसमें मरम्मत के साथ लीज फीस भी शामिल है। पिछले साल अक्टूबर में तेजस की शुरुआत हुई थी। इस ट्रेन के बाद ही मुंबई, अहमदाबाद तेजस और कॉरपोरेट ट्रेन वाराणसी, इंदौर, काशी महाकाल आरंभ की गई। इस साल मार्च तक यह ट्रेनें निरंतर दौड़ती रहीं। लेकिन कोरोना में लॉक डाउन के कारण रेलवे को मार्च से इन ट्रेनों का संचालन भी बंद करना पड़ा।
लखनऊ, नई दिलली और मुंबई, अहमदाबाद में तेजस की शुरुआत पिछले महीने कर दी गयी। कोरोना के कारण लखनऊ मेल जैसी ट्रेन को ही यात्री नहीं मिल रहे थे। ऐसे में तेजस का एडवांस रिजर्वेशन पीरिएड 10 दिन रखा गया। जिसे बाद में बढ़ाकर एक महीना कर दिया गया। इसके बावजूद 23 नवंबर के बाद तेजस को किसी दिन 20 तो किसी दिन 25 यात्री मिल रहे थे। रोजाना रेलवे को 13 लाख रुपये का भुगतान करने का संकट आइआरसीटीसी के सामने खड़ा हो गया। आइआरसीटीसी ने रेलवे बोर्ड को पत्र लिखकर लीज फीस में छूट देने को कहा था। लेकिन बोर्ड से सहमति न बनने पर आइआरसीटीसी ने ट्रेन संचालन बंद करने का निर्णय लिया। अब तेजस का संचालन कब शुरू होगा। इस पर कोई रेलवे अधिकारी बोलने को तैयार नहीं हैं।