Fee Reimbursement : मास्टर डाटा देने की अंतिम तिथि आज, नहीं दिया तो रूकेगी शुल्क प्रतिपूर्ति
Fee Reimbursement समाज कल्याण विभाग ने कसा शिकंजा राजधानी की सभी 630 संस्थानों से मास्टर डाटा मांगा। 020-21 वित्तीय वर्ष में शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए सामान्य वर्ग के 52500 लाख रुपये और अनुसूचित जाति व जनजाति के शुल्क प्रतिपूर्ति व छात्रवृत्ति के लिए 98012 लाख रुपये का बजट स्वीकृत।
लखनऊ, जेएनएन। Fee Reimbursement: यदि आप शिक्षण संस्थान के संचालक हैं और आपने अभी तक मास्टर डाटा समाज कल्याण विभाग को नहीं दिया है तो आपके लिए सोमवार को अंतिम अवसर है। डाटा नहीं दिया तो विद्यार्थियों को शुल्क प्रतिपूर्ति का लाभ नहीं मिलेगा।
आर्थिक रूप से कमजोर मेधावियों को मिलने वाली शुल्क प्रतिपूर्ति पर भी कोरोना का ग्रहण न लगे इसके लिए समाज कल्याण विभाग राजधानी की सभी 630 संस्थानों से मास्टर डाटा मांगा है। ऑनलाइन डाटा में फीस से लेकर कोर्स और शिक्षकों की पूरी जानकारी होगी। 2020-21 वित्तीय वर्ष में शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए सामान्य वर्ग के 52,500 लाख रुपये और अनुसूचित जाति व जनजाति के शुल्क प्रतिपूर्ति व छात्रवृत्ति के लिए 98,012 लाख रुपये का बजट स्वीकृत है। पूर्व दशम कक्षा नौ और 10 और दशमोत्तर कक्षा 12 के ऊपर विद्यार्थियों को पैसा दिया जाएगा। विद्यार्थी वेबसाइट scholarship.up.nic.in पर जाकर जानकारी ले सकते हैं।
पॉलीटेक्निक और आइटीआइ की प्रवेश प्रक्रिया अभी चल रही है। काउंसिलिंग के बाद प्रवेश होंगे। जिला समाज कल्याण अधिकारी डा.अमरनाथ यती ने बताया कि शुल्क प्रतिपूर्ति को पारदर्शी बनाने के विभागीय निर्णय के सापेक्ष ऐसा किया गया है। इस बार मैनेजमेंट कोटे के विद्यार्थियों को शुल्क प्रतिपूर्ति नहीं दी जाएगी।
जीरो फीस की व्यवस्था भी खत्म हो गई है। सामान्य वर्ग के इंटर में 60 फीसद और स्नातक में 55 फीसद वाले को ही शुल्क प्रतिपूर्ति मिलेगी। मास्टर डाटा न देने वाले संस्थानों के विद्यार्थियों को शुल्क प्रतिपूर्ति का लाभ नहीं मिलेगा। विद्यार्थी भी इसका ध्यान रखें जिससे उन्हें फायदा हो सके।