ED के एक्शन पर सकपकाई उत्तर प्रदेश कांग्रेस, गांधी परिवार के सभी ट्रस्ट को मिली भूमि की जांच
Action of ED on Trusts of Gandhi Family प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू से पूछा गया तो पहले वह जानकारी न होने की बात कहते रहे। उन्हें पूरा मामला बताया गया तो उन्होंने बयान देने से पहले विचार की बात कही। इसके बाद में फोन रिसीव नहीं किया।
लखनऊ, जेएनएन। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के साथ इनके बाकी नेता भी नरेद्र मोदी सरकार की नीतियों को लेकर लगातार सवाल उठा रहे हैं। इसी बीच प्रवर्तन निदेशालय की ओर से ऐसा पैना तीर निकला है, जिसके सहारे कांग्रेस को प्रदेश में भी घेरने की जोरदार तैयारी है।
गांधी परिवार के उत्तर प्रदेश में राजीव गांधी फाउंडेशन, राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट और इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट को आवंटित जमीन की जांच शुरू हो गई है। गांधी परिवार पर जांच की आंच से उत्तर प्रदेश कांग्रेस सकपका गई है और इनको तो कोई जवाब नहीं सूझ रहा। वरिष्ठ नेता जरूर इसे राजनीतिक विद्वेष की कार्रवाई बता रहे हैं।
प्रवर्तन निदेशालय के पत्र पर सभी जिलों में संबंधित ट्रस्ट को आवंटित जमीन की तलाश की जा रही है। इसमें भी खासतौर से कांग्रेसी गढ़ माने जाने वाले अमेठी, सुल्तानपुर व रायबरेली में इस बिंदु पर जांच हो रही है। इस जांच के संबंध में जब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू से पूछा गया तो पहले वह जानकारी न होने की बात कहते रहे। फिर जब उन्हें पूरा मामला बताया गया तो उन्होंने बयान देने से पहले विचार-विमर्श की बात कही। इसके बाद में तो फोन ही रिसीव नहीं किया। ऐसे में यही माना जा सकता है कि मामला सीधे गांधी परिवार से जुड़ा होने की वजह से उत्तर प्रदेश कांग्रेस ऊपर के संदेश के बिना कुछ भी कहने से बच रही है।
इसके बाद भी पूर्व सांसद और केंद्रीय कार्यसमिति के सदस्य प्रमोद तिवारी का कहना है कि यह तो राजनीतिक विद्वेष की कार्रवाई है। पीएम नरेंद्र मोदी बड़ी गलतफहमी में हैं। पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को जेल में रखकर भी अंग्रेज कांग्रेस या नेहरू परिवार को झुका नहीं पाए थे। तिवारी ने सवाल उठाया कि क्या अब उसी संस्था या सांसदों की समिति से भाजपा अपनी जांच कराएगी।
वरिष्ठ नेता व पूर्व प्रदेश महासचिव द्विजेंद्रराम त्रिपाठी का कहना है कि नरेंद्र मोदी सरकार के पास कांग्रेस के किसी सवाल का कोई जवाब नहीं है। राहुल गांधी ने जितने भी प्रश्न उठाए हैं, सरकार पूरी तरह से बैकफुट पर है। खास तौर पर राफेल डील को लेकर सीएजी रिपोर्ट आने के बाद सरकार पूरी तरह से बैकफुट पर आ गई है। अब तो मुद्दों को कैसे डायवर्ट किया जाए, उसकी वजह से यह कवायद चल रही है।