Move to Jagran APP

संदिग्ध बीजों के पार्सल को लेकर उत्तर प्रदेश में भी अलर्ट, सतर्कता बरतने के जारी किए गए निर्देश

Suspicious Seed Parcels अमेरिका कनाडा न्यूजीलैंड जापान और इंग्लैंड सहित कई देशों में संदिग्ध बीजों के पार्सल आने के बाद भारत में भी सभी प्रदेशों को अलर्ट कर दिया गया है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sun, 09 Aug 2020 06:38 PM (IST)Updated: Sun, 09 Aug 2020 06:41 PM (IST)
संदिग्ध बीजों के पार्सल को लेकर उत्तर प्रदेश में भी अलर्ट, सतर्कता बरतने के जारी किए गए निर्देश
संदिग्ध बीजों के पार्सल को लेकर उत्तर प्रदेश में भी अलर्ट, सतर्कता बरतने के जारी किए गए निर्देश

लखनऊ [शोभित श्रीवास्तव]। अमेरिका, कनाडा, न्यूजीलैंड, जापान और इंग्लैंड सहित कई देशों में संदिग्ध बीजों के पार्सल आने के बाद भारत में भी सभी प्रदेशों को अलर्ट कर दिया गया है। केंद्र से जारी अलर्ट के बाद उत्तर प्रदेश ने भी सभी जिलों को ऐसे संदिग्ध बीजों के पार्सल को लेकर सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि यह अज्ञात बीज फसलों के लिए खतरा बन सकते हैं। इन बीजों को 'बायोटेररिज्म' के रूप में भी देखा जा रहा है। ऐसे बीज यदि किसी को भी मिलते हैं तो उन्हें तत्काल अधिकारियों को सूचित करने के लिए कहा गया है।

prime article banner

जिन देशों में अज्ञात बीज के पार्सल मिले हैं उनमें से कई में चीन का पोस्टमार्क लगा हुआ है। पोलेंड को भी हाल ही में ऐसे बीजों के अनचाहे पार्सल मिले हैं। ये बीज फसलों के लिए बड़ा खतरा पैदा कर सकते हैं। अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक जैवविविधता मुकेश कुमार बताते हैं कि संदिग्ध बीज जैवविविधता को भी खतरा पहुंचा सकते हैं। इसका नुकसान लंबे अंतराल में दिखाई देता है। आज जलकुंभी हमारे लिए मुसीबत बन चुकी है। पहले हमारे यहां के तालाबों में कमल के फूल खिलते थे लेकिन आज इसकी जगह दक्षिण अमेरिका में पाई जाने वाली जलकुंभी ने ले ली है।

अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक जैवविविधता मुकेश कुमार ने बताया कि इसी प्रकार गाजर घास (पार्थेनियम हिस्ट्रोफोरस) है जो धीरे-धीरे अभिशाप का रूप लेती जा रही है। ऐसा माना जाता है कि इस घास के बीज 1950 में अमेरिकी शंकर गेहूं पीएल 480 के साथ भारत आए। आज यह घास देश के लगभग सभी क्षेत्रों में फैलती जा रही है। यह घास पर्यावरण संतुलन के लिए खतरा है।

इसी प्रकार लैंटाना घास है जो भूमि को बंजर बनाती है। तेजी से फैलने वाली यह घास चारे के काम भी नहीं आती है। बताया जाता है कि ईस्ट इंडिया राज के दौरान दक्षिण अमेरिका की एक महिला लैंटाना को गार्डन प्लांट के रूप में भारत लाई थीं। आज यह घास परेशानी बन गई है।

संदिग्ध बीजों के खतरों को देखते हुए केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने सभी राज्यों को इसके लिए अलर्ट किया है। इसमें कहा गया कि संदिग्ध बीजों से पर्यावरण, कृषि पारिस्थितिकी एवं राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है। अगर इससे बीमारियां पनपती हैं तो और बड़ा नुकसान हो सकता है। इसी पत्र के आने के बाद प्रदेश सरकार भी सतर्क हो गई है।

उत्तर प्रदेश राज्य जैवविविधता बोर्ड के सचिव पवन कुमार शर्मा का कहना है कि केंद्र सरकार से अलर्ट आया है। इसे वाट्सएप ग्रुप पर तत्काल सभी को भेज दिया गया है। सोमवार को सभी जिलों में जैवविविधता बोर्ड की तरफ से विस्तृत दिशा-निर्देश भेजे जाएंगे। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.