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रायबरेली: केंद सरकार की रेलवे के निजीकरण समेत कई नीतियों के विरोध में रेल कर्मियों का 'हल्लाबोल'!

रायबरेली में रविवार को रेलवे कर्मचारियों ने केंद्र सरकारी रेल से जुड़ी नीतियों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sun, 09 Aug 2020 12:45 PM (IST)Updated: Sun, 09 Aug 2020 12:45 PM (IST)
रायबरेली: केंद सरकार की रेलवे के निजीकरण समेत कई नीतियों के विरोध में रेल कर्मियों का 'हल्लाबोल'!
रायबरेली: केंद सरकार की रेलवे के निजीकरण समेत कई नीतियों के विरोध में रेल कर्मियों का 'हल्लाबोल'!

रायबरेली, जेएनएन। केंद्र सरकार की रेल से जुड़ी नीतियों से खफा रेलवे के कर्मचारियों ने रविवार को जमकर विरोध और प्रदर्शन किया। कर्मचारियों के अलग-अलग दो गुट थे। जिनका नेतृत्व भी अलग-अलग संगठनों की ओर से किया गया। इस दौरान शारीरिक दूरी का मानक भी टूटा।

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रेलवे के निजीकरण समेत अन्य मांगों को लेकर पहले से ही रेलवे कर्मचारियों में केंद्र सरकार के प्रति नाराजगी है। कोरोना संकट और लॉकडाउन के चलते बीते कुछ दिनों से उनका यह आक्रोश दबा हुआ था। मगर, कर्मचारी संगठनों को केंद्रीय नेतृत्व की हरीझंडी मिलने के बाद फिर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। रविवार को उत्तरीय रेलवे मजदूर यूनियन और नार्दन रेलवे मेंस यूनियन की ओर से आंदोलन छेड़ा गया। दोनों संगठनों की अगुवाई में भारी संख्या में कर्मचारी रायबरेली रेलवे स्टेशन पर जुटे। एक संगठन के साथ आए पदाधिकारियों व कर्मचारियों ने दो गज की निर्धारित दूरी पर बैठकर धरना दिया। तो वहीं दूसरे गुट के कर्मचारी और पदाधिकारियों ने खड़े होकर प्रदर्शन किया। जिसमें कई दफा कोरोना से बचाव का शारीरिक दूरी वाला सबसे अहम मानक भी टूटा दिखा। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि रेलवे को पूंजीपतियों के हाथों में सौंपने की साजिश को कतई कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। 


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