UPPCL: शहर व गांवों में उपभोक्ताओं की संख्या बिजली घरों में होगी सीमित
UPPCL अधिक लोड वाले बिजली घरों का लोड होगा ट्रांसफर। लखनऊ के ग्रामीण क्षेत्रों में नई पहल बेहतर होगी बिजली।
लखनऊ, जेएनएन। UPPCL: ग्रामीण बिजली घर हो या फिर शहर के उपकेंद्र, वह ओवर लोडेड नहीं होंगे। हर बिजली घर के उपकेंद्र में उपभोक्ताओं की संख्या सीमित होगी। नए बिजली घरों में ओवर लोडेड बिजली घर के उपभोक्ताओं को नए बिजली घरों में स्थानांतरित किए जाएंगे।
खाके के मुताबिक हर बिजली घर में उपभोक्ताओं की संख्या 25 से तीस हजार के बीच करने की तैयारी है। इससे अभियंता भी बेहतर तरीके से मानीटरिंग कर सकेंगे और शिकायतों का निस्तारण भी समयबद्ध् तरीके से कर सकेंगे। इस योजना को अमली जामा पहनाने के लिए शहर व गांव में कई नए बिजली घर बनाने का काम शुरू कर दिया गया है।
लखनऊ में शहरी बिजली घर के साथ-साथ ग्रामीण बिजली घरों पर भी फोकस किया गया है। राजधानी में पांच नए बिजली घर बनने हैं। वर्तमान में सेस एक 96,982 उपभोक्ता , सेस द्वितीय में 79,325 उपभोक्ता, सेस तृतीय में 96,135 उपभोक्ता, सेस चतुर्थ में उपभोक्ताओं की संख्या का ग्राफ 71,983 है जबकि बीकेटी डिवीजन में उपभोक्ता 72,947 आंकडा पार कर रहे हैं।
नया प्रस्ताव ग्रामीण व शहरों में बिजली व्यवस्था के इंफ्रास्टक्चर को और मजबूत करेगा। इसके लिए सेस एक में नादरगंज, उतरेठिया, गहरु के अलावा नया बिजली घर बिजनौर बनेगा। सेस द्वितीय में दुबग्गा, सरोसा के अलावा एफसीआइ नया बिजली घर है प्रस्तावित। सेस तृतीय में मोहनलालगंज व गोसाइगंज उपकेंद्र हैं, यहां भी समेसी व अमेठी उपकेंद्र बनेंगे। सेस चतुर्थ में काकोरी व मलिहाबाद दशकों से उपकेंद्र चले आ रहे हैं, यहां मॉल में नए उपकेंद्र बनेगा। इसी तरह न्यू कैंपस में बिजली घर बनेगा।