Police Commissioner System: पुलिस कमिश्नरेट के सफलतापूर्वक छह माह पूरे, पर खत्म नहीं हुई चुनौतियां
Police Commissioner System कमिश्नरेट मुख्यालय का निर्माण अभी बाकी पुलिस और जनता के बीच समन्वय बेहतर करने की दरकार - पारदर्शिता और साइबर क्राइम पर नियंत्रण करना है चुनौती
लखनऊ, जेएनएन। Police Commissioner System: पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली ने सफलतापूर्वक छह माह पूरे कर लिए हैं, लेकिन इसकी चुनौतियां खत्म नहीं हुई हैं। इस व्यवस्था को सुचारू रूप से पटरी पर लाने के लिए सभी संसाधनों की पूर्ति अभी नहीं हो सकी है। पुलिस कमिश्नरेट मुख्यालय का निर्माण ही अभी तक नहीं हुआ है। इसके बनने तक पुलिस आयुक्त विभिन्न स्थानों पर कार्यालय के लिए स्थान चिन्हित कर रहे हैं।
शासन को भेजे गए रिपोर्ट में पुलिस आयुक्त ने भविष्य की चुनौतियों का भी जिक्र किया है। इनमें पुलिस और जनता के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना प्रमुख है। इसके साथ ही विभाग में हर तरह के कार्यों, वरिष्ठ अधिकारियों व मातहतों के बीच पारदर्शिता लाना आवश्यक है। कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के दो माह बाद कोरोना वायरस ने राजधानी में दस्तक दे दी थी। इसके बाद लॉकडाउन होने के कारण सबकुछ बन्द हो गया था। इसकी वजह से पुलिस सड़कों पर मुस्तैद रही और अपराधी घर से बाहर नहीं निकल सके।
हालांकि, साइबर क्राइम का मामलों में कोई व्यापक कमी नहीं दर्ज की गई। जालसाज अब भी सक्रिय हैं और ठगी के पैटर्न बदल रहे हैं। कमिश्नरेट के सामने साइबर अपराध को रोकना चुनौती है। इसके लिए पुलिस आयुक्त ने एसीपी साइबर क्राइम सेल के नेतृत्व में तीन दारोगा, एक हेड कांस्टेबल और 16 कांस्टेबल तैनात किए हैं। सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के 521 आरोपित पकड़े पुलिस आयुक्त के मुताबिक सीएए व एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन की आड़ में उपद्रव करने के 521 आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। इस मामले में 604 लोगों के खिलाफ 63 एफआइआर दर्ज की गई थी। इनमें 17 के खिलाफ रिकवरी की नोटिस भेजी गई है, जबकि 57 पर गैंगेस्टर की कार्यवाही हो चुकी है।