Motor Vehicle Act: बेटे की गलती पर पिता के खिलाफ चार्जशीट, 11 माह पहले सिपाही को मारी थी टक्कर
Motor Vehicle Act सितंबर 2019 को यातायात सिपाही को मारी थी टक्कर दाहिना हाथ व पैर गया था टूट। बेटे के खिलाफ जेजे बोर्ड में आख्या पिता पर 199-ए मोटर व्हीकल एक्ट के चालानी रिपोर्ट
लखनऊ, जेएनएन। Motor Vehicle Act: बच्चों के हाथ में वाहन देने वाले अभिभावक अब अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकेंगे। अब नए मोटर व्हीकल एक्ट के तहत नाबालिग के वाहन चलाते वक्त हुए हादसे में अभिवावक या वाहन मालिक भी उतने ही जिम्मेदार हैं। दोनों को मोटर व्हीकल एक्ट के तहत सजा का भागीदार होना होगा। नजीर बना लखनऊ का 16 सितंबर 2019 को जियामऊ में हुआ हादसा।
जिसमें गोमतीनगर के विशालखंड निवासी एक नाबालिग की बाइक की टक्कर से यातायात सिपाही सूर्य प्रकाश (58) का दाहिना पैर व हाथ टूट गया। उस वक्त वह वीआईपी ड्यूटी पर जियामऊ में तैनात थे। विवेचक अवधेश त्रिपीठी ने मामले की जांच शुरू की तो सामने आया नाबालिग अपने परिजनों से चुराकर अपने बड़े भाई की बाइक लेकर निकला था और हादसा हो गया। उन्होंने पूरे मामले की जांच करते हुए नए मोटर व्हीकल एक्ट के तहत पूरे मामले की आख्या जेजे बोर्ड में रिपोर्ट पेश की। वहीं पिता के खिलाफ 199-ए मोटर व्हीकल एक्ट के तहत चालानी रिपोर्ट (नोटिस) भेजी गई। जिसमें उन्हें एमवी एक्ट के नियम उल्लंघन करने या कराने का दोषी पाया गया। मामला कोर्ट में विचाराधीन है। जहां दोनों पर जुर्माना व सजा का निर्णय लिया जाएगा।
199-ए के तहत जुर्माने और सजा का है प्रावधान
नए मोटर व्हीकल एक्ट के तहत अगर कोई नाबालिग वाहन चलाते पकड़ा जाता है तो वाहन स्वामी को इसका खामियाजा भुगतना होगा। इसमें नाबालिग के गाड़ी चलाने पर 25 हजार रुपये तक का जुर्माना भरना होगा। गाड़ी का रजिस्ट्रेशन एक साल के लिए रद्द कर दिया जाएगा। इसके बाद नाबालिग का ड्राइविंग लाइसेंस 25 साल से उम्र तक नहीं बनेगा। इसके अलावा अगर नाबालिग से वाहन चलाने के दौरान कोई दुर्घटना होती है, उस परिस्थिति में वाहन स्वामी पर दोष सिद्ध होने पर 25 हजार रुपये के जुर्माने के साथ-साथ तीन साल तक का कारावास हो सकता है। वहीं नाबालिग को किशोर न्यायालय में पेश किया जाएगा।