प्रियंका गांधी के PS संदीप सिंह को हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच से राहत नहीं, CM योगी की सराहाना
Priyanka Gandhi Vadra हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के सचिव संदीप सिंह की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई 29 जून को नियत की है।
लखनऊ, जेएनएन। Priyanka Gandhi Vadra: इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंकागांधी वाड्रा के सचिव संदीप सिंह की अग्रिम जमानत अर्जी पर आज सुनवाई करने के बाद भी उनको राहत नहीं दी है। कोर्ट ने कोराना वायरस संक्रमण के दौरान लॉकडाउन में योगी आदित्यनाथ सरकार के काम की तारीफ करने के साथ संदीप सिंह की याचिका पर अब 29 जून को सुनवाई तय की है।
कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के निजी सचिव संदीप सिंह की अग्रिम जमानत याचिका पर आज सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि योगी आदित्यनाथ सरकार ने छात्रों व प्रवासियों के लिए बसों की अच्छी व्यवस्था की थी। इसके लिए सरकार बधाई की पात्र है। हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के सचिव संदीप सिंह की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई 29 जून को नियत की है। न्यायमूॢत राजेश सिंह चौहान ने यह आदेश संदीप की अग्रिम जमानत अर्जी पर दिया। इसमें कहा गया कि यह कोई आपराधिक मामला नहीं है।
प्रदेश के बस विवाद में कांग्रेस की मुश्किल कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की रिहाई तो हो चुकी है, लेकिन प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह को राहत नहीं मिलेगी। शुक्रवार को अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने बहस सुनने के बाद उन्हेंं कोई राहत नहीं दी। कोर्ट ने सरकार से रिपोर्ट भी तलब की है और अगली सुनवाई के लिए 29 जून की तारीख दे दी है।
संदीप के अधिवक्ता नदीम मुर्तजा के मुताबिक कोर्ट ने सरकारी वकील के आग्रह पर सुनवाई गुरुवार को नियत की थी जो नहीं हो सकी। संदीप पर प्रवासी श्रमिकों के लिए लगाई गईं एक हजार बसों की सूची में हेराफेरी के मामले में एफआईआर की गई थी। 17 तारीख को उत्तर प्रदेश के कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष पूरे 29 दिन बाद जेल से रिहा हो गए लेकिन संदीप सिंह को अभी भी इंतजार करना होगा।
प्रियंका गांधी ने 16 मई को ट्वीट कर कहा था कि हजारों श्रमिक, प्रवासी भाई-बहन बिना खाए भूखे-प्यासे पैदल दुनिया भर की मुसीबतों को उठाते हुए अपने घरों की ओर चल रहे हैं। यूपी के हर बॉर्डर पर बहुत मजदूर मौजूद हैं। ऐसे में प्रिंयका ने प्रवासी श्रमिकों के लिए 1000 बसें भेजने के लिए प्रदेश सरकार से अनुमति मांगी थी। पहले योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस मांग को ठुकरा दिया था, लेकिन बाद में स्वीकार कर लिया। इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार के प्रशासन ने प्रियंका के कार्यालय से हजार बस और चालकों के विवरण की मांग की थी।
यूपी सरकार का आरोप है कि बसों की लिस्ट में ऑटो, एंबुलेंस, बाइक के नंबर मिले थे। कुछ बस के नंबर की पुष्टि ही नहीं हो पाई थी। कुछ बसों के नंबर चोरी के वाहन की होने की आशंका भी जाहिर की गई थी। इसके बाद प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह के खिलाफ लखनऊ के हजरतंज कोतवाली में केस दर्ज कराया गया है। जिसके लिए वह अग्रिम जमानत के प्रयास में हैं। एएजी विनोद शाही ने बताया कि कोर्ट ने इस पर सरकार से रिपोर्ट तलब की है। अब 29 जून को अगली सुनवाई होगी।
पहले भी हुई सरकार की तारीफ
इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी सरकार के कदमों की सराहना की थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोविड-19 से निपटने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की, लेकिन लेकिन, उसे पर्याप्त नहीं माना। कोर्ट ने कोविड-19 को नियंत्रित करने के लिए सिस्टमेटिक जांच कराने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि हम हमेशा कोरोना इंफेक्शन के भय में रह रहे हैं। बाहर निकलने वाले हर व्यक्ति के कोरोना से पीडि़त होने का अंदेशा बना रहता है। बाहर निकला कौन सा व्यक्ति कोरोना पाजिटिव है, उसका पता लगाना जरूरी है। मॉस्क व सैनिटाइजर का प्रयोग करने के निर्देशों का कड़ाई से पालन कराना जरूरी है।
यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा व न्यायमूर्ति अजित कुमार की खंडपीठ ने कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे अस्पतालों व क्वारेंटाइन सेंटरों की सुविधाओं की निगरानी के लिए दाखिल की गई जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने सरकार को कई सुझाव दिये हैं। उस पर अमल करने के लिए 25 जून को ब्लूप्रिंट तैयार करके पेश करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने सहायक सालीसिटर जनरल से आइसीएमआर (इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च) से जांच मशीनें वार्डों में स्थापित करने के संबंध मे जानकारी लेने को कहा है। इससे पहले कोर्ट ने सरकार से टेस्टिंग में खर्च की जानकारी मांगी थी।