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Assistant Teacher Recruitment Case: उत्तर कुंजी विवाद पर एक जून से सरकार रखेगी अपना पक्ष

69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती मामला उत्तर कुंजी विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं की 1 जून को होगी सुनवाई।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sat, 30 May 2020 11:41 PM (IST)Updated: Sun, 31 May 2020 07:52 AM (IST)
Assistant Teacher Recruitment Case: उत्तर कुंजी विवाद पर एक जून से सरकार रखेगी अपना पक्ष
Assistant Teacher Recruitment Case: उत्तर कुंजी विवाद पर एक जून से सरकार रखेगी अपना पक्ष

लखनऊ, जेएनएन। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने सहायक शिक्षक के 69 हजार पदों पर भर्ती मामले में उत्तर कुंजी के विवाद को लेकर दाखिल दर्जनों याचिकाओं पर अगली सुनवाई एक जून को निर्धारित की है। अगली सुनवाई से महाधिवक्ता सरकार का पक्ष अदालत के सामने रखेंगे। यह आदेश जस्टिस आलोक माथुर की बेंच ने रिषभ मिश्रा व दर्जनों अन्य की तरफ से दाखिल याचिकाओं पर शनिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई करते हुए पारित किया।

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उल्लेखनीय है कि याचिकाकर्ताओं ने 8 मई को जारी उत्तर कुंजी में चार उत्तरों को लेकर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि आपत्ति के संबंध में सक्षम अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई न करने पर याचिकाएं दाखिल की गई हैैं। याचियों की तरफ से शनिवार को सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता लालता प्रसाद मिश्रा, एचजीएस परिहार व सुदीप सेठ ने विस्तृत तर्क रखे। याचियों की ओर से बहस समाप्त हो जाने पर महाधिवक्ता ने एक जून से सरकार का पक्ष प्रस्तुत करने की बात कही। जिस पर कोर्ट ने सुनवाई एक जून तक टाल दी।

इससे पूर्व सुनवाई में कोर्ट ने सरकारी अधिवक्ता को याचिकाओं के सदंर्भ में अपना जवाब पेश करना का समय दिया था। सरकार द्वारा मामले में संक्षिप्त शपथपत्र दाखिल किया गया था, जिस पर याचियों की ओर से आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा गया था कि शपथ पत्र में उत्तर कुंजी के विवादित चार उत्तरों को लेकर कोई स्पष्टीकरण ही नहीं दिया गया जबकि यही इस मामले का मुख्य बिंदु है। जिसके बाद कोर्ट ने याचिका पर राज्य सरकार को विशेषज्ञ की राय के साथ 27 मई तक हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया था। जिसके बाद सरकार ने कोर्ट के आदेश के अनुपालन में अपना जवाब दाखिल किया था।

शनिवार को 69 हजार शिक्षक भर्ती के उत्तर कुंजी विवाद संबंधी याचिकाओं पर सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हुई। सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों से करीब पचास वकील कनेक्टेड थे और सुनवायी काफी सुगम तरीके से सम्पन्न हुई। इस पर जस्टिस आलोक माथुर ने कोर्ट प्रशासन के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि आशा है कि आगे भी सुनवाई में इसी प्रकार सुगमता बनी रहेगी। 


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