Move to Jagran APP

Coronavirus: कोरोना की अकड़ निचोड़ रही मौसमी, गुणों की खान- 10 प्वाइंट्स में जानें फायदे

Coronavirus पूरे वर्ष होती है बेहतर खपत मगर कोरोना काल में इम्यूनिटी बढ़ाने को बढ़ गई मांग।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Sat, 30 May 2020 10:10 AM (IST)Updated: Sat, 30 May 2020 11:14 AM (IST)
Coronavirus: कोरोना की अकड़ निचोड़ रही मौसमी, गुणों की खान- 10 प्वाइंट्स में जानें फायदे
Coronavirus: कोरोना की अकड़ निचोड़ रही मौसमी, गुणों की खान- 10 प्वाइंट्स में जानें फायदे

लखनऊ [नीरज मिश्र]। मौसम कोई हो पर मौसमी की धाक बाजार में हमेशा कायम रहती है। रोगी हो या आमजन सभी इसका जमकर सेवन करते हैं। अस्पतालों के बाहर, ठेलों और रेहड़ियों पर चलते मोबाइल जूस सेंटर इसकी उपयोगिता की तस्दीक करते हैं। हालांकि, कोरोना कॉल में इसकी आपूर्ति और खपत दोनों के बीच बड़ा अंतर आया है। आम दिनों में पांच से छह ट्रक की खपत वाली मौसमी इन दिनों महज एक ट्रक पर जाकर सिमट गई है। जूस काउंटर बंद होने से इसकी उपयोगिता महज घरों तक सिमट कर रह गई है। लेकिन अब फिर से यह अपनी पुरानी रंगत की ओर लौट रही है।

loksabha election banner

आपूर्ति के साथ ही धीरे-धीरे खपत में भी इजाफा होना शुरू हो गया है। सेहत के इस फल की आपूर्ति ज्यादातर बागानों से फ्रेश ही होती है। वजह यह है कि इसे ज्यादा देर रोका नहीं जा सकता है। कोल्ड स्टोरेज में भी इसे ज्यादा दिनों तक स्टोर नहीं किया जा सकता है। बाहर निकलते ही मौसमी पीली पड़ने लगती है जिससे खरीदार और जूस के शौकीन इसके सेवन से बचते हैं। 

मौसमी की पतली छिलके वाली नागपुर की गौरान्वी मौसमी सबसे ज्यादा पसंद की जाती है। इन दिनों थोक मंडी में इसकी आवक कम है। आम दिनों में रोज 80 से 90 टन के बीच बिकने वाली मौसमी इन दिनों बमुश्किल 20 टन तक ही मंडी से उठ रही है। कारोबारी पप्पू खलीफा के मुताबिक अब रास्तों में जांच की बाधा खत्म होने के बाद माल की आवक करीब दो ट्रक रोज होने लगी है।

रोज खपत

पहले-80 टन रोज की

अब-16 से 20 टन

प्रतिदिन मंडी में आवक

पहले-80 से 90 टन

अब-16 से 28 टन

दर

थोक मंडी-1400 से 2000 रुपये क्विवंटल

फुटकर बाजार-40 से 50 रुपये प्रति किलो

इन स्थानों से आती है मौसमी

नागपुर, चालीसगांव, अनंतापुर, हैदराबाद आदि स्थानों से मौसमी की आवक मंडियों को होती है। पतले छिलके वाली नागपुर की गौरान्वी मौसमी सबसे ज्यादा पसंद की जाती है।

पीक सीजन

फरवरी के दूसरे पक्ष से जून माह तक मौसमी का पीक सीजन माना जाता है। हालांकि इसका सेवन और बिक्री बारहोमास होती है। लेकिन इस दौरान क्वालिटी बेहतरीन होती है। रोज बागानों के ताजे माल की आपूर्ति होती है।

शहरी क्षेत्रों में फुटकर रोजगार का एक बड़ा साधन

शहर के गली-मोहल्लों में दैनिक कमाई का एक बड़ा जरिया मौसमी का फुटकर बिकता जूस भी हैं। बाहर से आए लोग थोक मंडी से अपनी खपत के अनुरूप मौसमी उठाकर शहरी क्षेत्रों में जूस निकाल इसे कमाई का साधन बना चुक हैं। अस्पताल के बाहर हो या फिर ठेलों और रेहड़ियों पर चलती-फिरती सचल जूस की दुकानें मौसमी की धमक बरकरार रखे है।  

थोक और फुटकर मंडी के बीच रेट का दोगुने का अंतर

आढ़ती पप्पू खलीफा ने बताया कि फुटकर में करीब दोगुने का अंतर इसलिए होता है कि ठेले, रेहड़ी या फिर जूस काउंटर वाला माल एक साथ खरीद लेता है तभी उसका परता पड़ता है। कभी-कभार पूरा माल नहीं निकल पाता है तो वह उसे दूसरे और तीसरे दिन प्रयोग करता है। काफी माल पीला होकर खराब हो जाता है। यही वजह दोगुने रेट के अंतर का है।  

क्या कहते है मंडी सचिव ? 

मंडी सचिव संजय सिंह के मुताबिक, इधर कोरोना के दौरान हुए लॉकडाउन की वजह से मॉल की न तो भरपूर आवक मंडियों में थी और न ही खपत। जूस सेंटर और फुटकर कारोबार बंद रहने से मौसमी सिर्फ घरों तक सिमट कर रह गई थी। लेकिन इधर माल की आवक शुरू होने से खपत में धीरे-धीरे इजाफा होना शुरू हो गया है। मौसमी बारहोमास बिकती है।

गुणों की खान है मौसमी 

इसका वैज्ञानिक नाम सिट्रस लिमेटा है। यह नीबू प्रजाति का फल है, लेकिन नीबू की अपेक्षा कई गुना अधिक लाभकारी है। इसका फल करीब एक माह तक बिना बिगड़े सुरक्षित रह सकता है। 

एक मौसमी, फायदे कई

  • मौसमी के जूस में भरपूर मात्रा में विटामिन सी होता है। विटामिन सी आपकी प्रतिदिन की आवश्यकता को पूरा करता है। 
  • यह बॉडी को डिटॉक्सीफाई करता है। इसे पीने से शरीर से टॉक्सिंस बाहर निकल जाते हैं। 
  • कई शोधों में यह बात सामने आई है कि ये इम्युनिटी को बढ़ाता है। इसमें काफी सारे एंटी ऑक्सीडेंट्स होते हैं। 
  • यह कॉमन कोल्ड यानी सर्दी, खांसी से बचाता है। 
  • इसमें फाइबर होता है, जिससे पाचन दुरुस्त होता है। कब्ज की समस्या दूर होती है। 
  • कई बीमारियों से बचाता है। खासकर ऐसी बीमारियों से जो विटामिन सी की कमी से होती हैं। 
  • एथलीट्स को यह जूस पीने की सलाह दी जाती है,  क्योंकि इससे जोड़ों में होने वाला दर्द कम होता है। 
  • कई शोधों में ये बात सामने आई है कि मौसमी के जूस से ऑस्टियोआर्थराइटिस, रुमेटाइड आर्थराइिटस नहीं होता। 
  • इसका जूस आंखों के लिए काफी अच्छा है। एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल कारणों से ये आपकी आंखों को इन्फेक्शन से बचाता है। 
  • प्रतिदिन मौसमी जूस पीने से शरीर में ऊर्जा बनी रहती है। कमजोरी दूर होती है। 

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.