उत्तर प्रदेश में गुपचुप विद्युत दरें बढ़ाने में जुटीं बिजली कंपनियां Uttar Pradesh News
बिजली कंपनियां जल्द विद्युत दरें बढ़ाने का प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग में दाखिल करने की गुपचुप तैयारी में जुटी हैं।
लखनऊ, जेएनएन। कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण लॉकडाउन में तमाम परेशानी व बंदिशें झेल रहे लोगों को प्रदेश की बिजली कंपनियां जल्द ही झटका देने वाली है। बिजली कंपनियां जल्द विद्युत दरें बढ़ाने का प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग में दाखिल करने की गुपचुप तैयारी में जुटी हैं। इस बीच उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने लॉकडाउन में उपभोक्ताओं की खराब स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री से बिजली की मौजूदा दरें घटाने की मांग की है।
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि वर्ष 2019-20 में जब बिजली दर में बढ़ोतरी की गई थी तो उस समय लंबी बहस के बाद खुद विद्युत नियामक आयोग ने तय किया था कि प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं का उदय व ट्रूअप में 2017-18 तक बिजली कंपनियों पर कुल 13337 करोड़ रुपये देनदारी निकल रही है जिसे आगे दिया जाएगा। इस रकम को उपभोक्ताओं को दिलाने के लिए सरकार को बिजली कंपनियों को दरें घटाने का अविलंब निर्देश देना चाहिए।
परिषद का कहना है कि आम उपभोक्ता, किसान, छोटे दुकानदार व उद्यमियों की ओर से बिजली दरों में कमी किये जाने की मांग उठ रही है। केंद्र सरकार ने लॉकडाउन अवधि में बिजली उत्पादन कंपनियों के फिक्स्ड कॉस्ट में कटौती की है और अनेक राहत प्रदान की है। इसका लाभ उपभोक्तओ तक पहुंचना चाहिए। परिषद ने मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री से मांग की है कि लॉकडाउन से प्रभावित उपभोक्ताओं की खराब स्थिति को देखते हुए सरकार विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 108 के तहत नियामक आयोग को बिजली दर घटाने का निर्देश दे। सूत्रों का कहना है कि वित्तीय संकट से जूझ रही बिजली कंपनियां मौजूदा बिजली की दरों में इजाफे संबंधी प्रस्ताव को तैयार कर रही हैं। इस वर्ष के अंत में पंचायतों के चुनाव हैं इसलिए ग्रामीण क्षेत्र की बिजली की दरों में न्यूनतम और शहरों की बिजली दर में ज्यादा इजाफा प्रस्तावित है। माना जा रहा है कि वर्ष 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के कारण अगले वर्ष 2021 में बिजली की दरें बढ़ाने की स्थिति नहीं बनेगी।
सुरक्षा निदेशालय में फर्मों का पंजीकरण होगा आसान
ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि विद्युत सुरक्षा निदेशालय में फर्मों के पंजीकरण की प्रक्रिया सरल बनाई जाए। पंजीकृत फर्मों की हर वर्ष होने वाली नवीनीकरण की व्यवस्था खत्म कर इसे पांच वर्ष तक किया जाए। उन्होंने नेडा के सौर ऊर्जा के लक्ष्य को भी निर्धारित अवधि में पूरा करने को कहा। यह भी कहा कि भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की सरकार की मंशा के अनुरूप तकनीक का उपयोग कर व्यवस्था में सुधार किया जाए। मंत्री ने समीक्षा बैठक में कहा कि विद्युत संबंधी कार्यों को करने वाली फर्मों को विद्युत सुरक्षा निदेशालय में पंजीकरण अनिवार्य है। अभी तक पंजीकृत फर्म को हर वर्ष नवीनीकरण कराना पड़ता है। इस प्रक्रिया में भ्रष्टाचार की भी शिकायतें आ रही थी। इसी को देखते एक बार पंजीकरण कराने पर पांच वर्ष बाद ही नवीनीकरण की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि सभी श्रेणियों में व्यावसायिक व औद्योगिक कार्यों या अधिक लोड के कनेक्शन के लिए विद्युत सुरक्षा निदेशालय की एनओसी की प्रक्रिया को भी ऑनलाइन किया जाए। जल्द ही यह सभी सेवाएं शुरू की जाएंगी। जिससे लोगों को बाबुओं के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। नेडा की समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि 10700 मेगावाट सोलर ऊर्जा के उत्पादन के लक्ष्य को दिसंबर 2021 तक हर हाल में पूरा किया जाए।
इसके लिए मेगा परियोजनाओं, कुसुम-ए व कुसुम-सी पर विशेष फोकस रहे। उन्होंने नेडा द्वारा संचालित परियोजनाओं की धीमी प्रगति पर नाराजगी भी जताई। उन्होंने सभी सरकारी इमारतों, स्कूलों, अस्पतालों व नगर निगमों से संपर्क स्थापित कर वहां भी सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए प्रयास करने के निर्देश दिए। बड़े सरकारी बकायेदार विभागों के बजट में इसका प्रावधान करवाएं जिससे भविष्य में इनकी देनदारियां कम हो सकें।