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CoronaVirus in UP: उत्तर प्रदेश में शहरों से गांव की ओर चला कोरोना वायरस का संक्रमण

CoronaVirus in UP प्रोफेसर भट्ट ने कहा कि इस समय उत्तर प्रदेश के गांवों के लिए ज्यादा खतरा है। बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों ने गांवों का रुख किया है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 28 May 2020 05:10 PM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 05:12 PM (IST)
CoronaVirus in UP: उत्तर प्रदेश में शहरों से गांव की ओर चला कोरोना वायरस का संक्रमण
CoronaVirus in UP: उत्तर प्रदेश में शहरों से गांव की ओर चला कोरोना वायरस का संक्रमण

लखनऊ, जेएनएन।CoronaVirus in UP: चीन से फैला जानलेवा कोरोना वायरस का संक्रमण उत्तर प्रदेश में भी चरम पर है। यहां पर संक्रमण से उबरने वालों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। इसी बीच वायरस ने अब शहरों से गांव की ओर रुख कर लिया है। प्रवासी कामगार/श्रमिकों के लगातार आगमन से यह संक्रमण अब गांव की ओर तेजी से चल रहा है।

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किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर एमएलबी भट्ट में दावा किया है कि राज्य में इस समय कोरोना वायरस अपने चरम पर है। अब शहरों में इसकी तीव्रता में काफी कमी आएगी। डॉ. भट्ट की मानें तो कोरोना मरीजों की संख्या में थोड़ी बढ़ोत्तरी हो सकती है, लेकिन अब संक्रमण की दर रुकेगी और धीरे-धीरे कम होनी शुरू हो जाएगी।

गांवों के लिए बढ़ गया है खतरा

प्रोफेसर भट्ट ने कहा कि इस समय उत्तर प्रदेश के गांवों के लिए ज्यादा खतरा है। बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों ने गांवों का रुख किया है। यूपी में हर दिन 200 से 250 कोरोना संक्रमित आ रहे हैं और इसमें सबसे ज्यादा संख्या प्रवासी मजदूरों की है। उन्होंने कहा कि पूरे विश्व की तुलना में भारत में कोरोना के संक्रमण की शक्ति काफी कम है।

केजीएमयू वीसी ने कहा कि यूपी में अभी तक केवल सात हजार मरीज सामने आए हैं। अभी तक केवल ढ़ाई लाख मरीजों का ही परीक्षण किया गया है। उत्तर प्रदेश में इस पर शोध भी शुरू किया गया है। दरअसल हर वायरस की एक तीव्रता होती है और नोवेल कोरोना वायरस की भी संक्रमण शक्ति है, क्योंकि यह वायरस लगातार अपनी प्रवृति में बदलाव कर रहा है।

केजीएमयू के कुलपति ने बताया कि प्रदेश में अब तक चार हजार से अधिक संक्रमित ठीक हो चुके हैं। प्रदेश में संक्रमण दर बढ़ने के साथ ही योगी आदित्यनाथ सरकार ने 75 हजार आइसोलेशन बेड तैयार किया है।

प्रोफेसर भट्ट ने कहा कि अब पूरे प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग मिलकर डेथ ऑडिट निकाल रहे हैं। इससे वास्तविक रूप से पता लगाया जा सकेगा कि कोविड-19 बीमारी से पीड़ित मरीज की मौत कैसे हुई, क्योंकि कई ऐसे भी मामले सामने आए हैं कि किडनी, हार्ट और पाचन तंत्र में दिक्कत के कारण कोरोना मरीज की मौत हुई है।

शोध भी जारी

कोरोना वायरस लगातार अपना स्वरूप बदल रहा है। इसके साथ ही केजीएमयू और एनबीआरआई ने इस पर शोध भी शुरू कर दिया है कि भारत में और उत्तर प्रदेश में नोवल कोरोना वायरस का नेचर क्या है। अभी तक जो जानकारियां सामने आई हैं उसमें यह मालूम हुआ है कि इसके चरित्र में बदलाव देखा जा रहा है।

लक्षण में लगातार बदलाव

वायरस के डीएनए में लगातार बदलाव हो रहा है। प्रोफेसर भट्ट ने कहा कि वायरस के म्यूटेशन में बदलाव की वजह से इसे कंट्रोल करने में ज्यादा दिक्कतें हो रही हैं और दवाई बनाने में भी सफलता हाथ नहीं लग रही है। कुलपति ने बताया कि अभी तक यही मालूम था कि यह गले के माध्यम से फेफड़ों पर हमला करता है और उसे मरीज की मौत हो जाती है, लेकिन अब यह स्टमक, हार्ट, किडनी सहित कई स्थानों पर अटैक कर रहा है और मल्टी ऑर्गन फेल होने से मरीजों की मौत हो रही है। पहले इस वायरस से संक्रमित लोगों में खांसी आना, गले में दर्द और तेज बुखार के लक्षण दिख रहे थे। अब तो मांसपेशियों में दर्द, डायरिया, स्वाद का जाना, महक खत्म होना और जोड़ों में दर्द सहित कई और लक्षण भी देखे गए हैं। इससे साफ हो रहा है कि कोरोना वायरस के लक्षण बदल रहे हैं।


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