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यूपी में 7.5 लाख श्रमिकों को जल्द मिलेगा रोजगार, आईआईए व नरेडको के साथ योगी सरकार का करार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर ही इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन और नरेडको के साथ समझौता किया गया है। इसके तहत पहले साढ़े सात लाख श्रमिकों व कामगारों को रोजगार मिलेगा।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 27 May 2020 09:25 PM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 07:06 AM (IST)
यूपी में 7.5 लाख श्रमिकों को जल्द मिलेगा रोजगार, आईआईए व नरेडको के साथ योगी सरकार का करार
यूपी में 7.5 लाख श्रमिकों को जल्द मिलेगा रोजगार, आईआईए व नरेडको के साथ योगी सरकार का करार

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। दूसरे राज्यों से लौट रहे श्रमिकों व कामगारों की स्किल मैपिंग के साथ ही उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने इन्हें रोजगार मुहैया कराने की ओर ठोस कदम बढ़ा दिया है। उद्योग और सरकार के बीच अब इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए) और राष्ट्रीय रीयल एस्टेट विकास परिषद उत्तर प्रदेश (नरेडको) सेतु का काम करेंगी। शुरुआत में निर्माण क्षेत्र में पांच लाख लोगों को आईआईए और ढाई लाख को नरेडको द्वारा रोजगार दिलाया जाएगा। इसके लिए सरकार ने दोनों ही संस्थाओं के साथ अनुबंध किया है। 

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कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन के बीच दूसरे प्रदेशों में फंसे श्रमिकों कामगारों को योगी सरकार लगातार वापस ला रही है। साथ ही सभी को क्षमता अनुरूप रोजगार उपलबध कराने का वादा भी किया है, जिसके लिए सरकार सभी प्रवासी श्रमिकों व कामगारों का की स्किल मैपिंग भी करा रही है। सरकार का उद्देश्य है कि उद्योगों को उनकी जरूरत के अनुसार मानव संसाधन उपलब्ध कराया जा सके। साथ ही कुशल, अकुशल और अर्धकुशल श्रमिकों को रोजगार दिलाया जा सके।

मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर ही इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन और नरेडको के साथ समझौता किया गया है। इन समझौतों के तहत शुरुआत में साढ़े सात लाख श्रमिकों व कामगारों को रोजगार मिलेगा। बताया गया है कि यह दोनों संस्थाएं एमएसएमई इकाइयों और अन्य उद्योगों तक पहुंच बनाएंगी। रियल एस्टेट के प्रोजेक्ट और एमएसएमई सेक्टर में किस तरह के श्रमिकों की कितनी मांग है, इसका आकलन व श्रेणीकरण करेंगी। फिर स्किल मैपिंग डेटा बैंक के रिकॉर्ड से श्रमिकों व कामगरों को रोजगार दिलाया जाएगा।

प्रशिक्षण भत्ता भी देगी सरकार : औद्योगिक इकाइयों की जरूरत के अनुसार अल्पकालीन प्रशिक्षण कार्यक्रम भी यह दोनों संस्थाएं चला सकती हैं। अकुशल श्रमिकों को अप्रेंटिस या प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षण भत्ता देने की बात भी सरकार ने कही है। हर माह एमएसएमई इकाइयों व अन्य उद्योगों में कार्यरत मजदूरों का ट्रैक रिकॉर्ड देखा जाएगा। इसे प्रदेश सरकार के साथ साझा भी करना होगा। समझौते के अनुसार आईआईए और नरेडको प्रदेश में अपने व्यापक नेटवर्क के जरिए प्रति वर्ष कम से कम पांच लाख लोगों को निर्माण (कंस्ट्रक्शन) और सेवा क्षेत्र (सर्विस सेक्टर) में स्थानीय स्तर पर रोजगार मुहैया कराएंगी। इसमें कुशल, अकुशल और अर्धकुशल तीनों तरह के श्रमिक व कामगार शामिल होंगे।

उद्यमियों ने मांगे पांच लाख श्रमिक-कामगार : उत्तर प्रदेश सरकार ने औद्योगिक इकाइयों से मैन पावर डिमांड का स्टेटस भी मांगा है। यह प्रक्रिया शुरू होने के बाद अब तक औद्योगिक समूहों व उद्यमियों द्वारा यूपी सरकार के स्किल मैपिंग डेटा बैंक से पांच लाख श्रमिक और कामगार मांगे गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने उद्योगों को हर तरह की मदद का निर्देश अधिकारियों को निर्देश दिया है। कहा है कि औद्योगिक संस्थानों में तेजी से काम शुरू कराएं। हर इकाई में एक से दस श्रमिक व कामगारों के लिए नौकरी के अवसर पैदा करने में सहयोग भी करें।


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