CoronaVirus: अब CDRI और IITR में होगी कोरोना की जांच, तैयार की जाएगी एक अलग लैब
CoronaVirus लॉजिस्टिक के लिए ऑर्डर दिए जा चुके हैं किट व अन्य जरूरी सामान मिलते ही कोरोना की जांच का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
लखनऊ [रूमा सिन्हा]। CoronaVirus: कोरोना वायरस की जांच को लेकर विपक्ष द्वारा कहा जा रहा है कि देश में इसके टेस्ट कम किए जा रहे हैं। यदि ज्यादा लोगों की जांच की जाए तो संभवत: कोरोना से संक्रमित लोगों का आंकड़ा बढ़ सकता है।
केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (सीडीआरआइ) और भारतीय विश्व विज्ञान अनुसंधान संस्थान (आइआइटीआर) के वैज्ञानिक इससे सहमत नहीं हैं। उनका कहना है कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) द्वारा इस संबंध में समय रहते हर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। भारत में अभी कम्युनिटी स्प्रेड नहीं है। ऐसे में हमारे यहां की जा रही जांचों की संख्या कम नहीं है।
बीते एक सप्ताह में ही हजारों जांचे की गई हैं। साथ ही आइसीएमआर लगातार इस प्रयास में भी है कि ज्यादा से ज्यादा लैब्स में कोरोना की जांच सुविधा उपलब्ध हो। इस कड़ी में वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआइआर) के महानिदेशक ने भी अपनी प्रयोगशालाओं को जांच के लिए तैयार होने के निर्देश दिए हैं। इस कड़ी में सीडीआरआइ व आइआइटीआर लैब में जांच के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। सीडीआरआइ में वायरोलॉजी पर काम पहले से ही होता है। वहीं, आइआइटीआर ने भी अपने वैज्ञानिकों को किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के माइक्रोबायोलॉजी विभाग द्वारा ट्रेनिंग पूरी करवा दी है। दोनों ही लैब में आइसीएमआर के प्रोटोकॉल के तहत लॉजिस्टिक के लिए ऑर्डर दिए जा चुके हैं और जैसे ही किट व अन्य जरूरी सामान की आपूर्ति होती है, यहां कोरोना की जांच का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
सीडीआरआइ के वैज्ञानिक बताते हैं कि सीएसआइआर दिल्ली में अधिकारी लगातार भारत सरकार के विभिन्न मंत्रलयों के संपर्क में हैं, क्योंकि कुछ सामान अमेरिका से भी आना है। ऐसे में यह कोशिश की जा रही है कि जल्द से जल्द सामान की आपूर्ति हो सके। जिससे सीएसआइआर की विभिन्न प्रयोगशालाओं में जांच का काम शुरू हो सके। सीएसआइआर की हैदराबाद और नई दिल्ली की लैब पहले से ही जांच का कार्य कर रही हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना वायरस नया है, जिसके बारे में अभी बहुत ज्यादा जानकारी नहीं है, ऐसे में बायोसेफ्टी को लेकर भी पूरे एहतियात बरतने की आवश्यकता है। संस्थान लंबे समय से वायरस पर काम करता रहा है, ऐसे में उसे किसी तरीके की दिक्कत पेश नहीं आएगी और जैसे ही केमिकल व अन्य लॉजिस्टिक मिलते हैं, जांच का काम शुरू कर दिया जाएगा। वैज्ञानिकों का मानना है कि देश इस समय कोरोना की आपदा से लड़ रहा है। ऐसे में वैज्ञानिक संस्थान हर संभव सहयोग के लिए तैयार हैं।
जांच के लिए तैयार की जाएगी एक अलग लैब
आइआइटीआर के निदेशक डॉ. आलोक धावन ने बताया कि इस कार्य के लिए एक अलग लैब तैयार की जाएगी। इस संबंध में सोमवार को उन्होंने इंजीनियर और साइंटिस्ट की मीटिंग रखी है । उनका कहना है कि पीपीई किट के लिए आर्डर दिए जा चुके हैं। साथ ही आइसीएमआर द्वारा स्वीकृत डायग्नोस्टिक किट की भी व्यवस्था की जा रही है। जैसे ही जरूरी सामान उपलब्ध होता है, कोरोना वायरस की जांच शुरू कर दी जाएगी।