'खुली पोल' शताब्दी के 'अनुभूति' कोच में भी नहीं मिल रही सुविधाएं, रेल मंत्री तक पहुंची शिकायत
शताब्दी ट्रेन में अब भी काम नहीं कर रहीं अनुभूति बोगी की सीट की एलईडी रेल यात्री ने सीधे रेल मंत्री पीयूष गोयल को भेजी शिकायत।
लखनऊ, जेएनएन। भारतीय रेल के दावों और हकीकत बड़ा अंतर है। शताब्दी ट्रेन में विशेष आरामदायक और अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होने का दावा कर अनुभूति कोच लगाए गए हैं। विशेष कोच में लखनऊ से नई दिल्ली तक का किराया भी विमान से अधिक रखा। हकीकत कुछ और ही है। इस कोच की सीटों पर लगी एलईडी स्क्रीन दो साल से सफेद हाथी बनी हैं। एक रेलयात्री अभिनव कुमार ने रेलमंत्री को भेजी शिकायत में रेलवे के दावों का यही सच बेपर्दा किया है।
विमान का 1968 तो अनुभूति का सफर 2280 में पड़ रहा
रेलवे के दावों को ऐसे समझें। लखनऊ से नई दिल्ली का इंडिगो एयरलाइन के विमान 6ई-5004 का किराया 16 मार्च को 1968 रुपये है। जबकि इसी दिन शताब्दी एक्सप्रेस की एक्जीक्यूटिव अनुभूति क्लास का किराया 2280 रुपये और एक्जक्यूटिव क्लास का 1955 रुपये है। यानी विमान किराये से भी तनिक अधिक ही। भारी-भरकम किराया रेलवे के खजाने में जा रहा, जबकि मुसाफिरों को मनोरंजन के नाम पर 'खामोशÓ स्क्रीन मिल रही है।
मार्च 2018 में लगे थे अनुभूति कोच
शताब्दी एक्सप्रेस में डायनेमिक फेयर लागू होने के बाद एसी चेयरकार क्लास का किराया बढ़ गया। जबकि एक्जीक्यूटिव श्रेणी का किराया भी 1955 रुपये तक हो गया। रेलवे ने मार्च 2018 में ट्रेन में अनुभूति कोच लगाया था। आरामदायक सीटें, सेंसरयुक्त दरवाजे व टॉयलेट के साथ सभी सीटों पर यात्रियों के मनोरंजन के लिए एलईडी की सुविधा का दावा किया गया था। दो साल में एलईडी में प्री रिकॉर्डेड प्रोग्राम ही फीड नहीं हो सके हैं। जबकि इस कोच का किराया भी एक्जीक्यूटिव श्रेणी से 325 रुपये अधिक है। हालांकि, तेजस एक्सप्रेस के एक्जीक्यूटिव क्लास से कम है।
- 2462 : रुपये तेजस की एक्जक्यूटिव क्लास का किराया
- 2015 : रुपये राजधानी एक्सप्रेस का एसी सेकेंड का किराया
- 2480 रुपये में होता रहता है राजधानी एसी फस्र्ट का सफर