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मिट्टी की कराएं जांच, फूलों के साथ-साथ सब्जियां भी उगाएं; इन बातों का भी रखें ध्यान

राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान के मुख्य वैज्ञानिक एवं उद्यान प्रभारी डॉ. एसके तिवारी ने पाठकों के सवालों के जवाब दिए।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Thu, 27 Feb 2020 10:12 AM (IST)Updated: Thu, 27 Feb 2020 10:12 AM (IST)
मिट्टी की कराएं जांच, फूलों के साथ-साथ सब्जियां भी उगाएं; इन बातों का भी रखें ध्यान
मिट्टी की कराएं जांच, फूलों के साथ-साथ सब्जियां भी उगाएं; इन बातों का भी रखें ध्यान

लखनऊ, जेएनएन। लोगों में बागवानी का शौक बढ़ रहा है। जानकारी के अभाव में वह पेड़-पौधों की देखभाल अच्छी तरह से नहीं कर पाते हैं। साथ ही जैविक खाद किस तरह से देना चाहिए, कीटों से बचाने के लिए क्या करें, सब्जियों को लगाने के लिए किन बातों का ध्यान रखा जाए। पाठकों के ऐसे तमाम सवालों के जवाब देने के लिए दैनिक जागरण के प्रश्न पहर कार्यक्रम में बुधवार को राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान के मुख्य वैज्ञानिक एवं उद्यान प्रभारी डॉ. एसके तिवारी मौजूद थे। उन्होंने पाठकों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब दिए।

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Q: जाड़े के फूल लगा रखे हैं उन्हें कौन सी खाद देना चाहिए। (मृणालिनी गुप्ता, राजाजीपुरम)

A: गमलों में फूल खिलते समय खाद देने की आवश्यकता नहीं होती है। बस ध्यान यह रखें कि पौधे रोपते समय जो मिश्रण बनाए उसमें गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट जरूर डालें।

Q: बगीचे और छत पर फूल के पौधे तो लगाती हूं, लेकिन क्या सब्जियां भी लगा सकते हैं। (रेखा मिश्र, राजेंद्रनगर)

A: जी हां, फूलों के साथ आप सब्जियां अवश्य लगाएं। यह आपके बगीचे में चार चांद लगाने के साथ सेहत के लिए भी लाभकारी होती हैं।

Q: मैं मिट्टी की जांच कराना चाहता हूं। कहां करा सकता हूं। (नवीन किशोर, सीतापुर रोड)

A: कृषि विभाग की प्रयोगशाला आलमबाग में है। यहां आप खेत की मिट्टी का परीक्षण करवा सकते हैं।

Q: आम्रपाली के 300 पेड़ लगाए थे। बीते तीन वर्षो से फल नहीं लिया है अब ले सकते हैं। (आत्मदेव गुप्ता, बलरामपुर)

A: इस बार बौर न तोड़े फल लगने दीजिए, देखें कि कैसा फल लग रहा है। पेड़ों में गुड़ाई कर खाद डालें।

Q: आम का बाग है, लेकिन दीमक की समस्या है क्या करना चाहिए। (अमित मिश्र, सीतापुर)

A: मिट्टी की जांच कराएं। बलुई दोमट मिट्टी होगी। दीमक मार नहीं सकते हैं, लेकिन रोक सकते हैं।

Q: आम्रपाली के पेड़ में वर्ष 2018 में फल आया था, लेकिन पिछले साल और इस बार बौर आया। (प्रकाश शाह, राजाजीपुरम)

A: आम्रपाली लेट वैरायटी है। गुड़ाई कर एनपीके या डाइअमोनिया फास्फेट डालें।

Q: आम, अमरूद का बाग लगाना चाहते हैं। बलुई मिट्टी है कौन सी वैरायटी सही रहेगी। (डॉ. अनिल कुमार, सीतापुर)

A: इसकी सही जानकारी आपको केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान से प्राप्त हो सकती है। उन्होंने अमरूद की कई वैरायटी विकसित की हैं।

Q: पांच साल पहले आंवला लगाया था, लेकिन उसमें फल नहीं आया। (जगत नारायण, हरदोई)

A: दो तरह के पौधे आते हैं। लगता है कि आपने बीजू आंवला लगा लिया है। कुछ समय इंतजार करें। बीजू पौधे में फल देर से लगता है।

Q: पुदीना बोते हैं। अच्छी उपज के लिए क्या करें। (अमीरुद्दीन अंसारी, बलरामपुर)

A: जाड़े में पुदीना निकाल कर फिर से बोएं। इसकी जड़े जमीन की सतह के साथ बढ़ती हैं। घनी होने के कारण पैदावार प्रभावित होती है और पत्तियां भी छोटी-छोटी निकलती हैं। इससे उपज अच्छी होगी।

Q: बेल का पेड़ लगाया है, लेकिन फल गिर जाता है। (केदारनाथ, फैजाबाद)

A: पेड़ में एनपीके व माइक्रोन्यट्रीएंट्स लगाएं। इससे पेड़ की ताकत बढ़ेगी। शाखाएं मजबूत होंगी तो फल भी नहीं गिरेगा।

Q: सब्जियां लगाना चाहती हूं बीज कहां से लूं। (सुनीता सिंह, चारबाग)

A: सब्जियों के अच्छी क्वालिटी के बीज आप ऑनलाइन मंगा सकती हैं। बोने के लिए प्लास्टिक, थर्मोकोल या कैनवास के बैग का इस्तेमाल कर सकती हैं। पालक, मेथी, धनिया, पुदीना, सलाद जैसी पत्तेदार सब्जियों के अलावा गाजर, मूली, टमाटर, बैंगन आदि भी आसानी से उगाए जा सकते हैं। सेम, बीन्स, लौकी, तोराई भी उगा सकती हैं।

Q: छत पर गमले रखे हैं। तेज धूप से पौधे सूखने लगते हैं क्या करें। (अशोक पाठक, हरदोई)

A: गर्मी में छत पर तापमान अधिक रहता है। इससे सुबह-शाम सिंचाई के बावजूद पौधे सूखने का डर रहता है। वाष्पन रोकने के लिए गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट के अच्छी तरह सिंचाई कर ऊपर तह बना दें। मिट्टी के ऊपर पुआल या काली पन्नी भी लगा कर पानी के वाष्पन को रोका जा सकता है।

इसका भी रखें ध्यान

  • लॉन में घास के साथ उगने वाली खरपतवार आदि को निकाल दें
  • सिंचाई जरूरत के मुताबिक करें। आरओ, कूलर व एसी के पानी को सिंचाई में इस्तेमाल करें
  • नीम के तेल को लिक्विड साबुन के साथ मिलाकर स्प्रे करें। इससे कीट आदि से पौधों को बचाया जा सकता है
  • मिट्टी की जांच अवश्य कराएं। इससे यह जान सकते हैं, मिट्टी को किस तरह के पोषण की जरूरत है।

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