KGMU की पूर्व प्राचार्य प्रो. पीके मिश्रा का निधन, फेफड़े की बीमारी से थीं पीड़ित
केजीएमयू की पूर्व प्राचार्य व डॉ. बीसी रॉय अवॉर्डी प्रो. पीके मिश्रा ने मंगलवार रात ली अंतिम सांस। बैकुंठधाम में अंतिम संस्कार पुत्र ने दी मुखाग्नि।
लखनऊ, जेएनएन। केजीएमयू की पूर्व प्राचार्य व डॉ. बीसी रॉय अवॉर्डी प्रो. पीके मिश्रा का मंगलवार रात निधन हो गया। वह फेफड़े की बीमारी से पीडि़त थीं। उनके आवास से बैकुंठधाम तक तमाम चिकित्सक और शहरवासी उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे।
मशहूर बाल रोग विशेषज्ञ प्रो. पीके मिश्रा 83 वर्ष की थीं। वह दो वर्ष से फेफड़े की बीमारी से पीडि़त थीं। 15 दिन से उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी। मंगलवार रात 10 बजे निशातगंज स्थित आवास पर उनका निधन हो गया। केजीएमयू, पीजीआइ, लोहिया संस्थान, विभिन्न एम्स समेत कई सरकारी व निजी संस्थानों के चिकित्सक जुटे और उन्हें श्रद्धांजलि दी। साथ ही कर्मचारियों का भी जमावड़ा रहा। बुधवार दोपहर दो बजे उनकी शव यात्रा बैकुंठधाम के लिए निकली। उनके पुत्र व एम्स जोधपुर तथा गोरखपुर के निदेशक प्रो. संजीव मिश्रा ने मुखाग्नि दी।
पति-पत्नी दोनों को नेशनल अवॉर्ड
बाल रोग विशेषज्ञ प्रो. पीके मिश्रा, प्रसिद्ध कैंसर सर्जन प्रो. एनसी मिश्रा की पत्नी थीं। उन्होंने केजीएमयू में आंको सर्जरी को दिशा दी। केंद्र सरकार ने प्रो. एनसी मिश्रा को डॉ. बीसी रॉय अवॉर्ड से सम्मानित किया था। उनके एक पुत्र और एक पुत्री हैं। बेटी वरिष्ठ आइएएस अफसर हैं। वह दिल्ली में तैनात हैं। वहीं, पुत्र प्रो. संजीव मिश्रा गोरखपुर तथा एम्स जोधपुर के निदेशक हैं।
उपलब्धियों की लंबी फेहरिस्त
प्रो. पीके मिश्रा 1987 से 1998 तक किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज (अब केजीएमयू) की पीडियाट्रिक विभाग की अध्यक्ष रहीं। 1992 से 98 के बीच प्राचार्य व मेडिसिन संकाय की डीन का दायित्व संभाला। वह इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स, नेशनल एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज ऑफ इंडिया, इंटरनेशनल कॉलेज ऑफ पीडियाट्रिक्स-यूएसए की फेलो रहीं। इसके अलावा नियोनेटोलॉजी फोरम तथा न्यूयॉर्क एकेडमी ऑफ साइंस, इग्नू, जनरल एडिटोरियल, मेडिकल रिसर्च काउंसिल, आइएमए, एमसीआइ, समेत विभिन्न संस्थाओं में पदाधिकारी भी रहीं।
170 शोध, बनीं वूमेन ऑफ द ईयर
प्रो. पीके मिश्रा ने बाल रोग विभाग में नियोनेटोलॉजी स्पेशियलिटी का गठन किया था। उनके 170 शोध नेशनल व इंटरनेशनल जनरल में प्रकाशित हुए। उन्हें 1990 में डॉ. बीसी रॉय अवॉर्ड, वर्ष 1995 में यूपी रत्न अवॉर्ड, वर्ष 2008 में विज्ञान रत्न अवॉर्ड प्रदान किया गया। इसके अलावा वर्ष 2003 में सीनियर पीडियाट्रीशियन अवॉर्ड, वर्ष 2004 में लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड समेत कई अवॉर्ड प्रदान किए गए। वहीं, अमेरिकन बायोग्राफिक इंस्टीट्यूट ने वर्ष 2000 में वूमेन ऑफ द ईयर का खिताब दिया।