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सुस्‍त रफ्तार एलडीए का दस्‍ता, 500 अवैध निर्माण तोड़ने में लेगा 18 साल lucknow news

एलडीए ने हाईकोर्ट में बोला एक दो दिन में पूरी बिल्डिंग नहीं नहीं तोड़ सकते। अवैध निर्माण तोडऩे के लिए उन्नत मशीनें नहीं।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Mon, 16 Sep 2019 07:38 AM (IST)Updated: Mon, 16 Sep 2019 07:38 AM (IST)
सुस्‍त रफ्तार एलडीए का दस्‍ता, 500 अवैध निर्माण तोड़ने में लेगा 18 साल lucknow news
सुस्‍त रफ्तार एलडीए का दस्‍ता, 500 अवैध निर्माण तोड़ने में लेगा 18 साल lucknow news

लखनऊ [ऋषि मिश्र]। पिछले एक साल में करीब 500 अवैध निर्माण गिराने का आदेश, मगर सच्चाई ये कि एलडीए का दस्ता 12 दिन में पांच मंजिल की एक इमारत को नहीं ढहा सका। यानी पिछले एक साल के अवैध निर्माणों को अगर प्राधिकरण तोडऩा शुरू कर दे तो उसको छह हजार दिन लग जाएंगे। जो कि लगभग 18 साल होते हैं। प्रवर्तन अमले की सच्चाई यही है कि उनके अवैध निर्माण तोडऩे के आदेश महज दिखावा हैं।

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प्राधिकरण एक अवैध निर्माण को तोडऩे में 12 दिन लगा रहा है, फिर भी पूरा नहीं तोड़ पा रहा है। विजयंतखंड में 30 अगस्त को जो निर्माण तोडऩा शुरू किया गया। उसको 11 सितंबर को भी प्राधिकरण पूरा नहीं तोड़ पाया। चारबाग में भी तीन दिन ध्वस्तीकरण के बाद केवल छतों में छेद और छज्जों को तोड़ा जा सका। ये वे होटल थे, जिनमें आग लगने से सात लोगों की मौत हुई थी। प्राधिकरण की मशीनें लगातार जवाब दे रही हैं। इसलिए पिछले दिनों हाईकोर्ट में भी एलडीए ने कह दिया कि उसके पास अवैध निर्माण तोडऩे के लिए उन्नत मशीनें नहीं हैं। जिनसे स्पष्ट हो गया है कि एलडीए ध्वस्तीकरण करने की स्थिति में है ही नहीं।

केवल छज्जे तोड़ कर छतों में करते छेद

एलडीए का अमला अवैध बिल्डिंगों की केवल छतों में छेद कर सकता है और छज्जों को जेसीबी मशीन से तोड़ सकता है। उन्नत जापानी डिमोलेशन मशीन जो कुछ घंटे बिल्डिंगों को ढहा सकती हैं, उनकी जगह प्राधिकरण के पास पुराने जमाने की ड्रिल और मिट्टी खोदने वाली जेसीबी भर ही हैं।

लविप्रा के उपाध्यक्ष प्रभु एन. सिंह ने बताया कि हमारे पास शक्तिशाली मशीनों की कमी है, जिनसे डिमोलेशन किये जाते हैं। हम बहुत जल्द ही इनकी व्यवस्था करने का प्रयास करेंगे। 


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