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IIM लखनऊ में CM योगी के मंत्रियों के साथ अफसरों ने भी सीखा लक्ष्य हासिल करने के लिए टीम वर्क

IIM लखनऊ में लीडरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम मंथन-2 कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए टीम वर्क जरूरी है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sun, 15 Sep 2019 10:42 AM (IST)Updated: Mon, 16 Sep 2019 07:31 AM (IST)
IIM लखनऊ में CM योगी के मंत्रियों के साथ अफसरों ने भी सीखा लक्ष्य हासिल करने के लिए टीम वर्क
IIM लखनऊ में CM योगी के मंत्रियों के साथ अफसरों ने भी सीखा लक्ष्य हासिल करने के लिए टीम वर्क

लखनऊ, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुआई में भारतीय प्रबंध संस्थान (आइआइएम) में पिछले रविवार सुशासन का ज्ञान हासिल कर चुके मंत्रियों के साथ इस रविवार शासन के शीर्ष अफसर भी छात्र बने। पांच कालीदास मार्ग से छह लक्जरी बस में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी व शासन के शीर्ष अधिकारी आइआइएम पहुंचे।

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पाठशाला में पहली नसीहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ही दी और ढाई वर्ष की शेष अवधि में विकास को रफ्तार देने का मंसूबा भी जाहिर किया। लीडरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम मंथन-2 कार्यक्रम को संबोधित करते हुए योगी ने कहा कि लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए टीम वर्क जरूरी है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन (दस खरब) डॉलर वाला बनाने में यह प्रशिक्षण महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। 

उत्तर प्रदेश में सुशासन की परिकल्पना को पूरी तरह साकार करने के लिए दूसरे चरण के मंथन में आइआइएम लखनऊ में योगी आदित्यनाथ और उनके सहयोगी मंत्रियों के साथ रविवार को शासन के शीर्ष अधिकारी भी छात्र की भूमिका में थे। लीडरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम मंथन-2 में शिरकत करने मंत्रिमंडलीय सहयोगियों और शासन के वरिष्ठ अफसरों के साथ आइआइएम लखनऊ पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस प्रोग्राम का उद्देश्य प्रदेश के समग्र विकास और सुशासन का रोडमैप तैयार करना है और एक टीम के रूप में उसे जमीन पर उतारना है।

योगी ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में विकास और सुशासन के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए गंभीरता से कार्य कर रही है। इसे गति प्रदान करने में मंथन जैसे कार्यक्रमों की बड़ी उपयोगिता है। प्रदेश में समग्र विकास और सुशासन का रोडमैप तैयार करना है और एक टीम के रूप में उसे जमीन पर उतारना वर्तमान सरकार का लक्ष्य है। आइआइएम जैसे संस्थान के साथ मिलकर इस दिशा में बड़ा काम किया जा सकता है।

योगी ने कहा कि पिछले सत्र में विकास और सुशासन के संबंध में सार्थक चर्चा हुई थी। इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए प्रदेश सरकार के मंत्रियों के साथ-साथ मुख्य सचिव समेत सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव और विभागाध्यक्षों को भी शामिल किया गया है, जिससे टीम वर्क के साथ लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासनिक तंत्र के पास विजन तो है पर उस विजन को मूर्त रूप देने में इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम सहायक सिद्ध हो सकते हैं। इस प्रकार प्रदेश को 23 करोड़ जनता को बेहतर ढंग से शासन की योजनाओं से लाभान्वित किया जा सकता है। 

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लक्ष्यों को कैसे प्राप्त कर सकते है। इस लिए टीम वर्क जरूरी है। आज इस विषय पर अध्ययन होगा। मुझे विश्वास है कि हम आइआइएम जैसे संस्थान के साथ मिल कर एक बड़ी दिशा में काम के सकते है। प्रथम चरण सकारात्मक रहा। आज दूसरा चरण है। जिसके लिए हम आई आई एम जा रहे हैं। 22 सितंबर को तीसरा चरण होगा जिसमें हम फिर एक बार बैठेंगे।

सीएम पर्यावरण के प्रति बेहद संजीदा

पर्यावरण के प्रति बेहद संजीदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को सीएम के सरकारी आवास से आइआइएम क्लास में जाने वाले मंत्रियों और अफसरों को तांबे की बोतल और बैग दिया। उत्तर प्रदेश में प्लास्टिक पर प्रतिबंध के बाद मंत्री व अधिकारी तांबे की बोतल में पानी पिएंगे। 

योगी ने एक-एक को आगे बढ़ाया 

बस से सबसे पहले खुद मुख्यमंत्री उतरे। नीचे उतरने के बाद वह बस के दरवाजे के पास ही खड़े रहे। उनके बाद जो भी मंत्री और अफसर उतरते, उनकी कुशल क्षेम पूछते। यह भी पूछते कि क्लास के लिए तैयारी पूरी है न? मंत्री और अफसर भी हंसकर उनका अभिवादन करते। कई मंत्रियों ने उनके चरण स्पर्श भी किए। संक्षिप्त संवाद के बाद वे प्रशिक्षण स्थल बोधि गृह-2 भवन की ओर चल पड़ते। सूक्ष्म, लघु एवं निर्यात प्रोत्साहन मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह नीचे उतरे तो मुख्यमंत्री ने उनसे पूछा 'आपका बैग है न?', सिद्धार्थनाथ ने कंधे पर लटका बैग और उसमें खोंसी बोतल उन्हें दिखाकर कहा 'बैग भी है और वाटर बॉटल भी।' 
 

साथ बैठे मंत्री और अफसर

बोधि गृह भवन की पहली मंजिल पर सभी प्रशिक्षणार्थियों ने जलपान किया और इसके बाद शुरू हुआ प्रशिक्षण सत्र। प्रशिक्षण सत्र के लिए मंत्रियों और अफसरों को 11 कार्यसमूहों में बांटा गया। प्रत्येक समूह जिसमें मंत्री और अफसर दोनों शामिल थे, को अलग-अलग राउंड टेबल आवंटित थे। आइआइएम की निदेशक प्रो.अर्चना शुक्ला ने मेहमान प्रशिक्षणार्थियों का स्वागत किया और मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के उद्देश्य के बारे में जानकारी दी। अगले सत्र में प्रो.अर्चना शुक्ला, प्रो.सुशील कुमार, प्रो.पुष्पेंद्र प्रियदर्शी व प्रो.निशांत उप्पल ने मंत्रियों और अफसरों को लक्ष्य निर्धारण के मंत्र दिए।

 

प्राथमिकताएं तय करना भी सीखा

अगला सत्र 'विकास के संचालक : चुनौतियां एवं अवसर' विषय पर केंद्रित था। इसमें प्रो.संजय सिंह, प्रो.चंदन शर्मा और प्रो.क्षितिज अवस्थी ने हाकिमों को विकास को गति देने वाले कारकों के बारे में बारीकी से बताया। इसके बाद कार्य समूहों को पांच प्राथमिक क्षेत्र चिह्नित करने के लिए कहा गया। प्रो.क्षितिज अवस्थी ने प्रशिक्षणार्थियों को सामान्य से विशेष प्राथमिकता की ओर अग्रसर होने के टिप्स दिए। आखिरी सत्र में दिन भर के मंथन के परिणामों पर चर्चा हुई और प्रो.सुशील कुमार ने अगले मॉड्यूल की नींव रखी। गौरतलब है कि लीडरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम के तीन सत्र प्रस्तावित हैं। पहला सत्र बीती आठ सितंबर को हुआ था जबकि तीसरा और अंतिम सत्र 22 सितंबर को होगा। 

तीन मंत्री रहे अनुपस्थित

'मंथन' के दूसरे सत्र के दौरान सरकार के तीन मंत्री मौजूद नहीं थे। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव की तैयारियों के सिलसिले में मुंबई में होने के कारण प्रशिक्षण सत्र में शामिल नहीं हो सके। औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना लंदन में आयोजित डिफेंस एक्सपो में शामिल होने के लिए गए हैं। वहीं परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अशोक कटारिया हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव के सिलसिले में वहां गए हैं। 

सरकार को देखने की उत्सुकता

मंथन के दूसरे सत्र के दौरान आइआइएम लखनऊ के शिक्षकों और कर्मचारियों में 'सरकार' को देखने की उत्सुकता रही। चाय के पहले सत्र के दौरान मुख्यमंत्री ने खुद संस्थान के शिक्षकों से अलग मुलाकात की। पिछले शुक्रवार को संस्थान के प्रशासनिक अधिकारी के पद से रिटायर हुए मिलन सेनगुप्ता तो मुख्यमंत्री की झलक पाने के लिए हॉल के बाहर गलियारे में घंटों इंतजार करते रहे।


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