रामपुर कूच से कई निशाने साध रहे अखिलेश, मुस्लिम वोटों पर पकड़ के साथ उपचुनाव पर नजर
लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद सांसद आजम खां के समर्थन में सड़क पर उतरे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव रामपुर कूच के बहाने एक तीर से कई निशाने साधना चाहते हैं।
लखनऊ, जेएनएन। लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद सांसद आजम खां के समर्थन में सड़क पर उतरे समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव रामपुर कूच के बहाने एक तीर से कई निशाने साधना चाहते हैं। वह वरिष्ठ नेता आजम खां के पक्ष में पार्टी के खड़ी होने का संदेश देने के साथ उपचुनावों पर भी निगाह लगाए हैं। उनका यह कदम मुस्लिम वोटरों पर पकड़ बनाए रखने की कोशिश भी है।
संगठन में पद के दावेदारों की परीक्षा
लखनऊ से रामपुर के बीच पड़ने वाले तराई के इलाके को सपा का गढ़ माना जाता है। सूत्रों का कहना है कि संगठन के पुनर्गठन से पूर्व अखिलेश स्वयं पद के दावेदारों का दमखम देखने के लिए निकले हैं। सपा नेतृत्व को आशंका है कि संगठन में बाहरी घुसपैठ कर सकते हैं क्योंकि शिवपाल यादव के साथ गए बहुत कार्यकर्ता वापसी करना चाहते हैं। रामपुर कूच की तरह अखिलेश ऐसे ही अन्य यात्राओं पर भी निकल सकते हैं।
रामपुर में सपा का कब्जा बनाए रखने की चाहत
उत्तर प्रदेश की जिन 13 विधान सभा सीटों पर उपचुनाव होंगे, उनमें से रामपुर समाजवादी पार्टी के कब्जे में थी। आजम खां के सांसद निर्वाचित हो जाने के बाद रिक्त रामपुर सीट पर सपा अपना कब्जा बनाए रखना चाहती है। इस सीट पर बसपा द्वारा मुस्लिम कार्ड चलने से सपा की चुनौती बढ़ी है। इस सीट पर बसपा को बढ़त मिली तो सपा पर दोहरी मार होगी।
कांग्रेस से समर्थन की आस
रामपुर मुद्दे पर समाजवादी पार्टी को कांग्रेस से समर्थन की आस लगी है। सूत्रों का कहना है कि आजम खां के खिलाफ मोर्चा खोले हुए कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के उपाध्यक्ष फैसल लाला के खिलाफ कांग्रेस अनुशासनात्मक कार्रवाई कर चुकी है। गत लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस के उम्मीदवार से सपा प्रत्याशी आजम खां को राहत मिली थी।