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हजरतगंज के Pizza Hut पर एफएसडीए का छापा, खाद्य पदार्थों के लिए गए सैंपल Lucknow News

लखनऊ के सहारागंज मॉल पर पिज्‍जा हट पर एफएसडीए ने की छापेमारी। खाद्य पदार्थों की जांच के लिए सैंपल।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sun, 08 Sep 2019 01:04 PM (IST)Updated: Sun, 08 Sep 2019 01:04 PM (IST)
हजरतगंज के Pizza Hut पर एफएसडीए का छापा, खाद्य पदार्थों के लिए गए सैंपल Lucknow News
हजरतगंज के Pizza Hut पर एफएसडीए का छापा, खाद्य पदार्थों के लिए गए सैंपल Lucknow News

लखनऊ, जेएनएन। पांच खाद्य पदार्थो में गड़बड़ी की आशंका को देखते हुए एएफएसडीए ने शनिवार को हजरतगंज स्थित मशहूर पिज्जा चेन रेस्टोरेंट पिज्जा हट से नमूने लिए। चीज, स्पाइसी मिक्स, मॉल्ट फ्लेवर्ड सीरप, सूप सीजनिंग और पनीर के नमूने लेकर जांच के लिए भेज दिए गए हैं। 

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एएफएसडीए की ओर से जानकारी दी गई कि सामान्य जांच प्रक्रिया के तहत रेस्टोरेंट पर छापा मारा गया, जिसमें पांच पदार्थो में गड़बड़ी के शक में सैंपल लिए गए। इनकी जांच कराने के बाद आए परिणामों के आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।

लगातार होता है एफएसडीए का निरीक्षण 

मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुरेश कुमार मिश्र ने बताया कि ऐसा नहीं है कि एफएसडीए कार्रवाई नहीं करती है। लगातार कार्रवाई चलती है। यही वजह है कि 980 नमूने लेकर जांच कराई गई। जो नमूने फेल हुए उन पर मुकदमा पंजीकृत कराया गया है। कुछ न्यायालय में विचाराधीन हैं। जिनमें गड़बड़ी मिलती है उन पर कड़ी कार्रवाई की जाती है। इस वित्तीय वर्ष में अब तक कार्रवाई के दौरान 12,55,000 का जुर्माना लगाया जा चुका है। किसी को बख्शा नहीं जाएगा। 

नियमों का होना चाहिए पालन 

जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि लगातार अभियान चलाये जाएंगे। पंजीयन कराने से लेकर तय अन्य सभी नियमों का अनुपालन टीम सुनिश्चित कराएंगी। इस संबंध में निर्देश दे दिये गए हैं। खाद्य पदार्थो में गड़बड़ी मिलने पर कड़ी कार्रवाई होगी। 

एक्‍ट के मुताबि‍क होती है कार्रवाई 

एक लाख का जुर्माना व जेल फूड सेफ्टी एक्ट के तहत होटल व डेयरी सहित अन्य खाने-पीने के स्थान पर सफाई व्यवस्था होनी चाहिए। एक्ट के मुताबिक सफाई न मिलने पर एक लाख रुपये का जुर्माना या जेल का प्रावधान है।

फूड लाइसेंस आवश्यक : तय तिथि तक लाइसेंस न बनवाने पर संबंधित व्यापारी के खिलाफ जुर्माना और बिना लाइसेंस कारोबार करते पकड़े जाने पर सजा का प्रावधान है। नए खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत 2011 में व्यापारियों के लिए लाइसेंस की अनिवार्यता लागू हो चुकी है। इसके बावजूद व्यापारी फूड लाइसेंस नहीं बनवा रहे हैं।


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