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LMRC ने सोलर पावर से सवा साल में बनाई दस करोड़ की बिजली Lucknow News

16.48 लाख यूनिट बिजली बनाई सोलर पैनलों से। 30 % कम हुआ डिपो व प्रशासनिक भवन का बिजली बिल। 43 एकड़ में फैला मेट्रो डिपो का हिस्सा सोलर पैनलों से जगमग।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Sat, 07 Sep 2019 12:45 PM (IST)Updated: Sun, 08 Sep 2019 07:22 AM (IST)
LMRC ने सोलर पावर से सवा साल में बनाई दस करोड़ की बिजली Lucknow News
LMRC ने सोलर पावर से सवा साल में बनाई दस करोड़ की बिजली Lucknow News

लखनऊ [अंशू दीक्षित]। सूरज की रोशनी यानी सोलर रूफ टाप से लखनऊ मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड सवा साल में दस करोड़ सात लाख से अधिक की बिजली पैदा कर चुका है। यह सरकारी संस्थाओं में जहां चौकाने वाले तथ्य हैं। 43 एकड़ में फैला मेट्रो डिपो का अधिकांश हिस्सा बिजली सोलर पैनलों से जगमगा रहा है। वहीं प्रशासनिक भवन, पॉलीटेक्निक और मुंशी पुलिया उपकेंद्र पर लगे सोलर पैनल बिजली जनरेट करके मेट्रो के हर माह आने वाले खर्चे को नियंत्रित करने में योगदान दे रहे हैं। वहीं, पर्यावरण संरक्षण की दिशा में मेट्रो द्वारा उठाया गया कदम सराहा भी जा रहा है।

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सोलर पैनलों से एलएमआरसी ने 16.48 लाख यूनिट बिजली जनरेट की। इस सफलता के बाद लखनऊ मेट्रो अपने आवासीय कालोनी में बनने वाले सामुदायिक केंद्र व कॉमन सेंटरों में सोलर पैनल लगाने पर विचार कर रहा है। यही नहीं लखनऊ मेट्रो के सहकारिता भवन पर बनने वाले मेन कंट्रोल सेंटर की अधिकांश बिजली भी सोलर से चलाने से योजना है। इसके अलावा प्रदेश में जहां मेट्रो चलेगी, वहां सोलर पैनल को वरीयता दी जाएगी।

करोड़ों में आता है बिजली बिल

चौधरी चरण सिंह से मुंशी पुलिया के बीच मेट्रो का संचालन सुबह छह बजे से रात 10 बजे तक होता है। करीब 320 चक्कर मेट्रो लगाती है। इसके चलते हर माह लखनऊ मेट्रो का तीन करोड़ से अधिक का बिल आता है।

बिजली के 6.50 रुपये प्रति यूनिट के रेट

लखनऊ मेट्रो सरकार से 6.50 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली खरीदती है। हर स्टेशन पर एसी व बिजली को मेंटेन रखने के लिए करीब 500 यूनिट से अधिक बिजली खर्च होती है।

पहियों से जनरेट हो रही बिजली

पर्यावरण संरक्षण में भी लखनऊ मेट्रो रेल कारपोरेशन (एलएमआरसी) कदम से कदम मिला रहा है। पहले एक हजार से अधिक बड़े वृक्षों को एक स्थान से दूसरे स्थान लगाने का काम, फिर मेट्रो के पहियों से री जनरेट इलेक्टिसिटी बचाने का काम लखनऊ मेट्रो ने बेहतरीन तरीके से किया। एलएमआरसी एयरपोर्ट से मुंशी पुलिया (23 किमी.) के बीच चलने वाली मेट्रो से हर दिन चालीस हजार यूनिट बिजली बचा रहा है। एक माह में 78 लाख (40 फीसद) रुपये बचाए जा चुके हैं। भारत में चलने वाली मेट्रो में अपना लखनऊ बिजली री जनरेट करने के मामले में नंबर एक बना हुआ है।


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