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नीरज शेखर के सपा छोडऩे पर रामगोपाल ने कहा-सपा में आने वालों की भीड़, जाने से कोई फर्क नहीं

रामगोपाल ने कहा नीरज शेखर के समाजवादी पार्टी छोडऩे से पार्टी पर कोई फर्क पडऩे वाला नहीं हैं। यहां तो सपा में शामिल होने वालों की लंबी लाइन लगी है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Tue, 16 Jul 2019 04:34 PM (IST)Updated: Tue, 16 Jul 2019 04:58 PM (IST)
नीरज शेखर के सपा छोडऩे पर रामगोपाल ने कहा-सपा में आने वालों की भीड़, जाने से कोई फर्क नहीं
नीरज शेखर के सपा छोडऩे पर रामगोपाल ने कहा-सपा में आने वालों की भीड़, जाने से कोई फर्क नहीं

लखनऊ, जेएनएन। राज्यसभा सदस्य पद से इस्तीफा देने के बाद समाजवादी पार्टी छोडऩे वाले नेता नीरज शेखर को लेकर सपा के प्रमुख महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। रामगोपाल ने कहा कि मैं नीरज शेखर का गुरु हूं तो आज गुरू पूर्णिमा पर उनको आशीर्वाद देता हूं। इसके साथ ही रामगोपाल ने कहा उनके समाजवादी पार्टी छोडऩे से पार्टी पर कोई फर्क पडऩे वाला नहीं हैं। यहां तो सपा में शामिल होने वालों की लंबी लाइन लगी है।

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पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे नीरज शेखर ने राज्यसभा सदस्य के बाद समाजवादी पार्टी से भी इस्तीफा दे दिया है। नीरज शेखर आज भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं। नीरज शेखर के इस फैसले पर समाजवादी पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा कि गुरू होने के नाते मैं उन्हें सिर्फ आशीर्वाद दे सकता हूं।

नीरज शेखर के इस्तीफे पर समाजवादी पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा कि उनकी शुभकामनाएं नीरज शेख के साथ है। हालांकि उन्होंने कहा कि किसी के आने-जाने से पार्टियों पर कोई असर नहीं पड़ता है। रामगोपाल यादव ने कहा कि सियासी दल में लोग आते हैं, जाते हैं। पार्टियां तो रेलगाड़ी की तरह होती है। लोगों को गंतव्य तक ले जाती हैं। लोग चढ़ते हैं और उतर जाते हैं। इसके कारण लोगों को लगता है कि गाड़ी खाली हो गई, लेकिन पार्टी में लोग रहते हैं। मैं दलबदलू के साथ नहीं हूं। कार्यकर्ता के साथ हूं और सपा कार्यकर्ताओं की भीड़ सपा में लगी हुई है। सपा में भी शामिल होने के लिए लोगों की लाइन लगी है।

50 वर्षीय नीरज शेखर बलिया से दो बार लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं। 2007 में पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के निधन के बाद बलिया लोकसभा सीट से वह पहली बार जीते थे। इसके बाद 2009 में उन्हें इस सीट से दोबारा जीत मिली। 2014 का लोकसभा चुनाव वह भाजपा के भरत सिंह ने हार गए थे। इसके बाद समाजवादी पार्टी ने उन्हें राज्यसभा भेजा था। समाजवादी पार्टी में नीरज शेखर रामगोपाल यादव के काफी करीबी माने जाते थे।

बलिया के साथ ही पूर्वांचल में प्रभाव रखने वाले नीरज शेखर ने राज्यसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया। नीरज शेखर ने राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू को इस्तीफा सौंपा। राज्यसभा में नीरज शेखर का कार्यकाल नवंबर 2020 तक था। 


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