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UP के सात नए राजकीय मेडिकल कॉलेजों में सवर्ण आरक्षण को एमसीआइ की 'न'

भारतीय चिकित्सा परिषद ने उत्तर प्रदेश के सात नए राजकीय मेडिकल कॉलेजों में सवर्ण आरक्षण की सीट बढ़ाने से मना कर दिया है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Mon, 15 Jul 2019 11:39 PM (IST)Updated: Tue, 16 Jul 2019 07:44 AM (IST)
UP के सात नए राजकीय मेडिकल कॉलेजों में सवर्ण आरक्षण को एमसीआइ की 'न'
UP के सात नए राजकीय मेडिकल कॉलेजों में सवर्ण आरक्षण को एमसीआइ की 'न'

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआइ) ने डॉक्टर बनने की तैयारी कर रहे गरीब सवर्णों को तगड़ा झटका दिया है। परिषद ने उत्तर प्रदेश के सात नए राजकीय मेडिकल कॉलेजों में सवर्ण आरक्षण की सीट बढ़ाने से मना कर दिया है। इस गतिरोध का हल निकालने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने विभागीय सचिव मुकेश कुमार मेश्राम को दिल्ली भेजा है।

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एमसीआइ ने हालांकि पिछले दिनों प्रदेश के नौ राजकीय मेडिकल कॉलेजों में सवर्ण आरक्षण के लिए 275 सीटें बढ़ाई हैैं, लेकिन इसी साल से प्रदेश में शुरू हुए सौ-सौ सीटों वाले सात नए सरकारी मेडिकल कॉलेजों में अब इस श्रेणी की सीटें बढ़ाने से उसने मना कर दिया है। इसमें अयोध्या, बस्ती, बहराइच, फीरोजाबाद, शाहजहांपुर व बदायूं के राजकीय मेडिकल कॉलेजों के साथ ग्रेटर नोएडा स्थित गवर्मेंट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज भी शामिल हैै।

चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक डॉ.केके गुप्ता ने बताया कि एमसीआइ ने तीन तरह के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की सीटें बढ़ाने से मना किया है, इसमें मानक पूरे न करने वाले कॉलेजों के अलावा एक ओर एमबीबीएस की 250 या इससे ज्यादा सीटों वाले कॉलेज हैैं तो दूसरी और वे कॉलेज हैैं, जो सौ सीटों के साथ पहली बार मेडिकल की पढ़ाई कराने जा रहे हैैं।

प्रदेश के सात नए मेडिकल कॉलेज सौ सीटों वाली श्रेणी में आते हैैं। इन कॉलेजों में सवर्ण आरक्षण की अतिरिक्त सीटें न मिलने ने राज्य सरकार की चिंता बढ़ा दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे लेकर 13 जुलाई को बैठक बुलाई थी। बैठक में दो विकल्प सुझाए गए। एक यह कि दिल्ली जाकर एमसीआइ से सीटें बढ़वाने का प्रयास किया जाए और दूसरा यह कि एमसीआइ से अनुमति न मिले तो राज्य सरकार सौ सीटों में ही समायोजन कर सवर्ण आरक्षण की सीटों की गुंजायश निकाल सकती है।

फिलहाल मेश्राम को दिल्ली भेजा गया है लेकिन, एमसीआइ के जरिए सीटें बढऩे की उम्मीद कम है। इसे देखते हुए चिकित्सा शिक्षा विभाग ने अपने स्तर से सवर्ण आरक्षण देने की तैयारी भी शुरू कर दी है। महानिदेशक ने बताया कि उनके पास सवर्ण आरक्षण लागू करने के लिए दो साल हैैं, यदि इस साल कुछ कसर रह गई तो उसे अगले साल पूरा कर लिया जाएगा।

नीट यूजी काउंसिलिंग रुकी

एमबीबीएस कक्षाओं में दाखिले के लिए चल रही नीट यूजी काउंसिलिंग का दूसरा चरण अगले आदेश तक निरस्त कर दिया गया है। सोमवार से दूसरे चरण के तहत ऑनलाइन पंजीकरण शुरू होना था, लेकिन नए राजकीय मेडिकल कॉलेजों में सवर्ण आरक्षण को लेकर स्थिति स्पष्ट न होने और अन्य तकनीकी बदलाव के कारण इसे फिलहाल अगले आदेश तक स्थगित कर दिया गया है। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ.केके गुप्ता ने बताया कि नए कार्यक्रम की सूचना जल्द ही विभागीय वेबसाइट पर प्रदर्शित की जाएगी।


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