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शिक्षा का उद्देश्य केवल नौकरी पाना नहीं, इंसान को सक्षम बनाना : बिहार के राज्यपाल

कालीचरण पीजी कॉलेज में युवाओं के व्यक्तित्व विकास में संस्थान की भूमिका विषय पर सेमिनार। मुख्य अतिथि बिहार के राज्यपाल लाल जी टंडन ने कहा डीम्ड विवि की सूची में शामिल होगा कॉलेज।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Fri, 12 Jul 2019 07:08 PM (IST)Updated: Fri, 12 Jul 2019 07:08 PM (IST)
शिक्षा का उद्देश्य केवल नौकरी पाना नहीं, इंसान को सक्षम बनाना : बिहार के राज्यपाल
शिक्षा का उद्देश्य केवल नौकरी पाना नहीं, इंसान को सक्षम बनाना : बिहार के राज्यपाल

लखनऊ, जेएनएन। बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन ने शुक्रवार को कहा कि वर्तमान समय में देश में नई शिक्षा नीति के साथ रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। जरूरी इस बात की है कि युवाओं को मानसिकता बदलकर नए बदलाव को अपनाना होगा। शिक्षा को केवल सरकारी नौकरी पाने का जरिया न बनाएं। शिक्षा का उद्देश्य मनुष्य को सक्षम बनाना है। खुद में काबलियत पैदा करें। अगर व्यक्ति में काबलियत है तो लोग स्वयं अपने आपको तराश कर रोजगार देंगे।

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वह शुक्रवार को 'युवाओं के व्यक्तित्व विकास में संस्थान की भूमिका'विषय पर आयोजित सेमिनार में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। चौक स्थित कालीचरण पीजी कॉलेज में आयोजित एक दिवसीय सेमिनार का आगाज मुख्य अतिथि राज्यपाल लालजी टंडन सहित अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। फिर कॉलेज की छात्राओं ने सरस्वती वंदना से कार्यक्रम को आगे बढ़ाया। इसके बाद कॉलेज के प्रबंधक इंजीनियर वीके मिश्र व प्राचार्य डॉ. देवेंद्र कुमार सिंह ने अतिथियों को बैच पहनाकर उनका स्वागत किया। लालजी टंडन ने कालीचरण कॉलेज के इतिहास पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि कॉलेज जल्द ही डीम्ड विश्वविद्यालय की सूची में शामिल होगा। देश में शिक्षा का स्तर बदला रहा है, युवाओं को भी शिक्षा को केवल नौकरी पाने का जरिए नहीं समझना चाहिए। वरना सर्टिफिकेट होने के बावजूद भी कंप्टीशन पास नहीं कर सकेंगे। 

शैक्षिक संस्थानों के शिक्षकों की भी जिम्मेदारी है कि वह युवाओं को अनुशासन व नैतिकता का पाठ पढ़ाए। आज देश में शिक्षा और रोजगार के बेहतर संसाधन है। सभी को नौकरी देना सरकार के लिए संभव नहीं है, लेकिन सरकार ने रोजगार के नए रास्ते बनाए हैं। युवाओं को रोजगार करने के लिए सरकार बिना बैंड गारंटी व ब्याज के 50 लाख रुपये तक का लोन दे रही है। मुख्य वक्ता बीबीएयू के पूर्व कुलपति प्रो. आरसी सोबती ने कहा कि युवाओं के व्यक्तित्व विकास में संस्थान की बेहद अहम भूमिका होती है। सिर्फ डिग्री देना ही संस्थान का कर्तव्य नहीं है, बल्कि युवाओं को बेहतर नागरिक बनाना भी संस्थान की जिम्मेदारी है। ताकि वह देश और समाज के विकास में योगदान दे। 

दैनिक जागरण के स्थानीय संपादक सद्गुरु शरण अवस्थी ने कहा कि केजीएमयू, आइआइएम, आइआइटी जैसे आदि संस्थानों में प्रवेश लेना हर मेधावी का सपना होता है, क्योंकि उनको पता है कि यहां से निकलकर वह अच्छे वैज्ञानिक, डॉक्टर, इंजीनियर आदि बनेंगे। लेकिन इन प्रतिष्ठानों में योग्य शिक्षकों के पद रिक्त है। इन रिक्त पदों को भरने के लिए सरकार को चाहिए कि वह विदेशों में काम कर रहे भारत के मेधावी युवाओं को वापस बुलाए और रिक्त पदों पर नियुक्त करें। संस्थान जितना मजबूत होगा, उससे उतने मेधावी निकलेंगे जो देश को मजबूती प्रदान करेंगे। लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व प्रति कुलपति प्रो. एमपी सिंह व प्रबंध समिति के सदस्य एनके सेठ आदि वक्ताओं ने विचार रखे। इसके बाद कॉलेज परिसर में राज्यपाल लालजी टंडन सहित अन्य अतिथियों ने पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। 


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