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बर्बाद हो रहा कुकरैल जंगल,'जलकर खाक हुए कई पेड़ तो कहीं दीमकों ने की जड़ कमजोर'

कुकरैल जंगल के पास अतिक्रमण फैल रहा है जिसकी वजह से जंगल का अस्तित्व खत्म हो रहा है।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sun, 19 May 2019 03:23 PM (IST)Updated: Mon, 20 May 2019 09:13 AM (IST)
बर्बाद हो रहा कुकरैल जंगल,'जलकर खाक हुए कई पेड़ तो कहीं दीमकों ने की जड़ कमजोर'
बर्बाद हो रहा कुकरैल जंगल,'जलकर खाक हुए कई पेड़ तो कहीं दीमकों ने की जड़ कमजोर'

लखनऊ, [अजय श्रीवास्तव]। राख से काली हो चुकी जमीन, झुलसे पत्ते और सुलगते तने..यह दृश्य लखनऊ के सबसे बड़े आरक्षित वन क्षेत्र कुकरैल की दुर्दशा को बयां करने को काफी है। यहां कुछ पेड़ आग की भेंट चढ़ चुके हैं तो तमाम प्यास से मर रहे हैं। तिल-तिलकर मर रहे इस जंगल पर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो आगे चलकर यही सुनने को मिलेगा कि लखनऊ में एक कुकरैल जंगल भी था। 

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आसपास तेजी से बढ़ती आबादी और अवैध कटान के संकट से गुजर रहे इस वन क्षेत्र के और भी कई दुख हैं। रखरखाव न होने से शीशम जैसे पेड़ों की जड़ें दीमक की चपेट में हैं। पेड़ जिस तरह से सूख रहे हैं, उसे उसमे किसी रोग के पनपने की आशंका भी है ,लेकिन वन विभाग मौन है। भूजल भी नीचे खिसकने से पेड़ों मानसून का ही इंतजार है। हाल यह है कि दूर तक सूखे पेड़ नजर आ रहे हैं। जड़े इस कदर सूखी नजर आ रही है कि वह आंधी में शायद ही हवा का झोंका ङोल पाएं। कई पेड़ तो ऊंचे होने से पहले ही जमींदोज हो गए। रही कसर जंगल माफिया पूरी कर दे रहे हैं। कटे हुए तने गवाह हैं कि तन पर आरी चल चुकी है। ऐसे दृश्य यहां कई जगह देखने को मिले। दैनिक जागरण ने शुक्रवार को कुकरैल जंगल का हाल लिया। फरीदीनगर से गुडं़बा पुलिया की तरफ बढ़ने पर जंगल के बीच से धुआं उठता दिखा।

जंगल के बीच में पहुंचे तो एक बड़े हिस्से में झाड़ियां व छोटे पेड़ जले हुए थे। जमीन काली पड़ गई थी। कई पेड़ तो तपिश से काले पड़ गए थे। छोटे पेड़ों का तो नामोनिशान खत्म हो गया। कई पेड़ कोयला बन गए थे। आग की गर्मी धरती में जलन पैदा कर रही थी। कुछ पेड़ों से आज भी धुआं उठ रहा था। वन विभाग के अफसर इस धुएं से अंजान थे। खास बात यह रही कि वन विभाग के मुखिया पवन कुमार भी शुक्रवार को कुकरैल जंगल का निरीक्षण करने गए थे, लेकिन उन्हें भी यह धुआं नहीं दिखा और वह घड़ियाल पुर्नवास केंद्र से ही लौट गए। जागरण टीम ने डीएफओ अवध क्षेत्र मनोज सोनकर को जंगल में आग की सूचना दी गई तो उन्हें भी पता नहीं था। एसडीओ जेएल गुप्ता को मौके पर भेजा गया तो उन्होंने दूसरे कर्मियों को पानी डालने को कहा। आगे बढ़ने पर एक जगह और जंगल में आग सुलगती मिली। सुलगते जंगल से उठता धुआं आने वाले कल की स्याह इबारत तो नहीं लिख रहा।

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