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Health Alert: खाद्य तेल का इस्तेमाल बस एक बार, न करें सेहत से खिलवाड़

2.25 लाख मीटिक टन वनस्पति तेल का देश में हर साल इस्तेमाल होता है। इसका 30 फीसद हिस्सा हो जाता है बेकार।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sat, 18 May 2019 08:43 AM (IST)Updated: Mon, 20 May 2019 10:06 AM (IST)
Health Alert: खाद्य तेल का इस्तेमाल बस एक बार, न करें सेहत से खिलवाड़
Health Alert: खाद्य तेल का इस्तेमाल बस एक बार, न करें सेहत से खिलवाड़

लखनऊ, [रूमा सिन्हा]। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्डस अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआइ) ने एक ही तेल में बार-बार खाद्य सामग्री तले जाने पर रोक लगा दी है। समोसे, पूड़ी आदि को एक ही तेल में बार-बार तलने से तेल काला हो जाता है। यह तेल देखने में ही खराब नहीं लगता, बल्कि सेहत के लिए भी बेहद खतरनाक होता है। घरों में तो यह तेल थोड़ी मात्र में निकलता है, लेकिन देश में हर साल लाखों मीटिक टन खराब तेल निकलता है, जिसे बाजार में ‘खुला तेल’ कहकर बेच दिया जाता है। होटल, रेस्टोरेंट, कैटरर, हलवाई आदि कम कीमत में मिलने वाले इस तेल का धड़ल्ले से इस्तेमाल करते हैं।

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लगेगा दो लाख का जुर्माना
दो से अधिक बार खाद्य तेल का इस्तेमाल करने वालों पर फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट 2006 (एफएसएसएआइ) के तहत दो लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है। 

तेल बार-बार गर्म करना नुकसानदायक
काले तेल से होने वाले नुकसान को देखते हुए अब पैकेज्ड फूड कंपनियां, होटल या फूड चेन चलाने वाले किसी भी स्थिति में 25 प्रतिशत से अधिक टीपीसी के ऑयल का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान (आइआइटीआर) के निदेशक प्रो. आलोक धावन ने बताया कि बार-बार गर्म करने के कारण तेल का टोटल पोलर कंपाउड (टीपीसी) 25 फीसद से कहीं अधिक हो जाता है, जो इसे जहरीला बना देता है। खासतौर से मांसाहारी भोजन बनाने के बाद बचे तेल में हेक्टोसाइक्लिक अमीन की मात्र बहुत अधिक हो जाती है। इसके अलावा बार-बार फ्राई करने के बाद बचे तेल में पॉलीसाइक्लिक एरोमेटिक हाइड्रोकार्बन (पीएएच) की मात्र भी बढ़ जाती है, जो कैंसर का मुख्य कारक माना जाता है। 

बेकार तेल से बनेगा बायोडीजल
बायोडीजल एसोसिएशन ऑफ इंडिया और बायो फ्यूल डेवलपमेंट बोर्ड के सदस्यसंदीप चक्रवर्ती ने बताया कि इस बेकार होने वाले तेल से बायोडीजल बनाया जा सकेगा। इसके लिए टेक्नोलॉजी विकसित की जा चुकी है।

विकराल है समस्या
बायोडीजल एसोसिएशन ऑफ इंडिया और बायो फ्यूल डेवलपमेंट बोर्ड के सदस्यसंदीप चक्रवर्ती बताते हैं कि देश में हर साल दो लाख 25 हजार मीटिक टन वनस्पति तेल का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें से 40 प्रतिशत यानी करीब 90 लाख लीटर ऑयल पैकेज्ड फूड कंपनियों, होटल, बड़ी-बड़ी कैंटीन आदि में इस्तेमाल किया जाता है।

ये हैं फायदे

  • खाद्य पदार्थो की एसिडिटी नहीं बढ़ती
  • पदार्थ की सेल्फ लाइफ बढ़ जाती है
  • लोग ऐसी चीजों को बार-बार खाना पसंद करते हैं

तीन श्रेणियों में चिह्न्ति होंगे प्रतिष्ठान

  • रोजाना 50 लीटर से अधिक तेल का इस्तेमाल करने वाले
  • 25 से 50 लीटर के बीच खाद्य तेल का इस्तेमाल करने वाले
  • 25 लीटर से कम तेल का इस्तेमाल करने वाले

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