बिजली विभाग के स्टोर में हेराफेरी करने वाले सात अभियंता निलंबित
सीतापुर रोड पर तैनात अधिशासी अभियंता मनीष चौबे भी निलंबित। एसटीएफ अधिशासी अभियंता व जेई को भेज चुकी है पहले ही जेल।
लखनऊ, जेएनएन। स्टोर के सामान में हेराफेरी करने और ठेकेदारों को सस्ते दर में बेचने वाले सात अभियंताओं को निलंबित कर दिया गया है। निलंबित अभियंताओं में एक अधिशासी अभियंता मनीष चौबे लखनऊ में सीतापुर रोड पर तैनात थे। तिलहर में एसडीओ रहने के दौरान उनका भी नाम इसमें आया है। आचार संहित हटते ही उनके स्थान पर दूसरे अभियंता की तैनाती की जाएगी। उधर मुख्य अभियंता प्रदीप कक्कड़ ने बताया कि निलंबन आदेश की प्रति मिलते ही किसी वरिष्ठ उप खंड अधिकारी को कुछ दिनों के लिए जिम्मेदारी दी जाएगी।
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के स्टोर के सामान को अभियंताओं का कॉकस ही बेच रहा था। करोड़ों रुपये के सामान कई सालों में ठेकेदारों के हाथों में बेचना और उसे विभाग में लगाने का सिलसिला चल रहा था। इससे बिजली विभाग को राजस्व की चोट जहां पहुंची, वहीं बिजली विभाग के अभियंताओं के दामन में दाग लग गया। मध्यांचल निगम के एमडी संजय गोयल ने सात बिजली अभियंताओं को निलंबित करके चार्जशीट जारी की है।
मध्यांचल के एमडी संजय गोयल ने बताया कि निलंबित अभियंताओं में अधिशासी अभियंता नीरज, राजेंद्र प्रताप सिंह व मनीष चौबे हैं। वहीं तीन उपखंड अधिकारियों में अरुण कुमार यादव, वरुण गांगुली व आनंद कुमार सिंह के अलावा अवर अभियंता रंजीत कुमार पर कार्रवाई हुई है। एसटीएफ ने स्टोरी के चोरी के सामान को बरामद करने के बाद मध्यांचल निगम को एक जांच रिपोर्ट भेजी थी। इस रिपोर्ट के आधार पर मध्यांचल निगम ने विभागीय स्तर पर टीम बनाकर जांच कराई, तो परत दर परत खुलती चली गई। इससे जांच अधिकारी भी हतप्रभ रह गए।
यह अभियंता भेजे जा चुके हैं जेल
एसटीएफ ने गोंडा के करनैलगंज वितरण खंड-3 के अधिशासी अभियंता नीरज एवं अवर अभियंता रंजीत कुमार को स्टोर के सामान की हेराफेरी के आरोप में गिरफ्तार कर पहले ही जेल भेज दिया है। वहीं जेल जाते ही दोनों अभियंता भी निलंबित कर दिए गए हैं।
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