चालान काटने का डर दिखाया और ले उड़े शिक्षिका के जेवरात
टप्पेबाजों ने कहा बैग में रखो जेवरात नहीं तो कटेगा पांच हजार का चालान। चौकी के सामने हुई वारदात सोती रही पुलिस।
लखनऊ, जेएनएन। तेलीबाग पुलिस चौकी के सामने गुरुवार सुबह टप्पेबाजों ने खुद को पुलिसकर्मी बताकर एक शिक्षिका से लाखों रुपये के जेवरात उतरवा लिए। टप्पेबाजों ने कहा कि पुलिस चेकिंग चल रही है इतने जेवरात पहन कर चलोगी तो पांच हजार का चालान कटेगा। झांसा दिया और कागज में नकली जेवर देकर असली जेवर उड़ा ले गए। तेलीबाग चौकी की पुलिस सोती रही और टप्पेबाज पुलिसकर्मी बताकर वारदात को अंजाम देकर फरार हो गए।
तेलीबाग स्थित एक निजी स्कूल में शिक्षिका सुनीता कौल के पति किशोर कुमार संजय गांधी पीजीआइ अस्पताल मे टेक्नीशियन के पद पर कार्यरत हैं। वह उनके साथ पीजीआइ अस्पताल के कैंपस में रहती हैं। सुनीता के मुताबिक सुबह सात बजे टैक्सी से तेलीबाग चौकी के सामने उतरीं और सड़क पार करके जाने लगीं, तभी बाइक से दो टप्पेबाज आए और खुद को पुलिसकर्मी बताकर कहा कि लूट व डकैती हो रही हैं सोर जेवरात उतारकर बैग में रखो।
सुनीता ने जब उनकी बात नहीं मानी तो वह पांच हजार का चालान काटने की धमकी देने लगे। जिसपर सुनीता ने सोने की चेन समेत अन्य जेवरात उतारे और टप्पेबाजों द्वारा दिए गए कागज में लपेटकर अपने बैग में रख लिया। सुनीता का कहना है कि जेवर बैग में रखने के बाद टप्पेबाजों ने ही उन्हे सड़क पार कराई। जैसे ही सुनीता स्कूल पहुंची और बैग खोलकर कागज निकाला तो कागज में सिर्फ एक आर्टीफीशियल कंगन मिला। यह देखते ही सुनीता के होश उड़ गये और वह बेसुध होकर वहीं गिर पड़ी। स्कूल स्टाफ ने घटना की जानकारी उनके पति के साथ स्थानीय पुलिस को दी। पुलिस आसपास लगे कैमरों की सीसी कैमरों की फुटेज देखकर टप्पेबाजों की तलाश कर रही है।
हाय रे मेरे सुहाग की निशानी भी चली गई
सुनीता ने रूंधे गले और नम आंखों से बताया कि टप्पेबाज उनके सुहाग की निशानी भी ले गए। सुनीता और उनके पति मूलरूप से जम्मू कश्मीर के मलिक बाग के रहने वाले हैं। 1990 में वहां हुई हिंसा में इनका भी घर जला दिया गया तो ये लोग लखनऊ चले आये थे।
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