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LDA : ताक पर रखे नियम , कंपनी को गिफ्ट कर दी करोड़ों की जमीन

गोमती नगर विस्तार में निजी कंपनी को 17150 वर्ग मीटर जमीन समायोजित करने में गड़बड़ी उजागर हुई। एलडीए में चल रही है जांच।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 16 May 2019 01:08 PM (IST)Updated: Thu, 16 May 2019 01:08 PM (IST)
LDA : ताक पर रखे नियम , कंपनी को गिफ्ट कर दी करोड़ों की जमीन
LDA : ताक पर रखे नियम , कंपनी को गिफ्ट कर दी करोड़ों की जमीन

लखनऊ, [ऋषि मिश्र]। गोमती नगर विस्तार सेक्टर सात में निजी कंपनी को करीब 17150 वर्ग मीटर जमीन समायोजित करने के खेल का खुलासा एलडीए में हुआ है। पिछली सरकार के वक्त ये गड़बड़ी की गई थी, फाइलें जब अनुमोदन के लिए एलडीए के वर्तमान आला अफसरों के पास दोबारा आई तो ये मामला पकड़ में आ गया। समायोजन के प्रकरण को स्थगित कर दिया गया है।

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अटल क्रिकेट स्टेडियम के नजदीक गोमती नगर विस्तार में 17150 वर्ग मीटर जमीन का बिल्डर के पक्ष में साल 2015 में समायोजित की गई थी। ईमार एमजीएफ कंपनी को समायोजन के बाद जमीन को लेकर विवाद सामने आने लगे। एलडीए उपाध्यक्ष प्रभु एन सिंह ने मामले की जांच नजूल अधिकारी पंकज कुमार को सौंपी।

नजूल अधिकारी पंकज कुमार ने बताया कि ईमार एमजीएफ 17150 वर्ग मीटर भूमि जो कि शहीद पथ के काफी अंदर अलग अलग स्थानों पर स्थित है। इसके बदले प्राधिकरण की विकसित 17150 वर्ग मीटर भूमि का समायोजन पिछली सरकार के वक्त किया गया था।

गोमती नगर विस्तार में समायोजित भूखंड शहीद पथ के उत्तर में 24 मीटर चौड़ी रोड व दक्षिण में 18 मीटर रोड से लगा हुआ है। इसके समायोजन की कार्रवाई को संदेहजनक माना गया। 29 दिसंबर 2015 में किए गए समायोजन को स्थगित कर दिया गया। इस मामले की जांच के लिए सचिव मंगला प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर दी है। समिति में संयुक्त सचिव रितु सुहास सदस्य, प्रभारी अधिकारी अर्जन पंकज कुमार सचिव व मुख्य नगर नियोजक नितिन मित्तल को सदस्य नामित किया गया है। समिति ने अपनी जांच रिपोर्ट तैयार कर ली है।

गोमती नगर विस्तार योजना सेक्टर सात में ईमार एमजीएफ के भूमि विवाद का मामला सामने आया है। एलडीए के नजूल अधिकारी पंकज कुमार ने पूरे विवाद के बाद अपनी रिपोर्ट उपाध्यक्ष को सौंपी है। ईमार एमजीएफ लैंड लि. ने 6 मार्च 2014 को प्राधिकरण के भूखंड संख्या 7/18, 7/19 में भूमि सम्मिलित कर नियोजित करने की आपत्ति की। इस दौरान बिल्डर की ओर से कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी गई। कोर्ट ने अप्रैल 2014 में आदेश जारी किया। हाईकोर्ट का आदेश था कि एलडीए बिल्डर को भूमि का समायोजन दे। मगर प्राधिकरण के पूर्व अफसरों ने इस फैसले का लाभ लिया और कम महत्व की भूमि के बदले बेशकीमती जमीन बिल्डर को दी गई।

शहीद पथ के पास ग्राम अरदौनामऊ की खसरा संख्या 189 की प्राधिकरण की अर्जित भूमि को अलग कर बचे क्षेत्रफल 1.715 हेक्टयर भूमि में से लखनऊ विकास प्राधिकरण के प्लाट 7/18, 7/19, 7/20, 7/24, 7/25 व 7/30 प्रभावित हो रहे थे। इन भूखंडों के बदले गोमती नगर विस्तार सेक्टर सात में 7/12 में 17150 वर्ग मीटर जमीन को बिल्डर के पक्ष में दिए जाने का निर्णय तत्कालीन उपाध्यक्ष व सचिव ने एक सितंबर 2015 को निर्णय किया।

क्या कहते हैं जिम्मेदार 

लविप्रा के नजूल अधिकारी पंकज कुमार ने बताया कि ये समायोजन गलत हुआ था। इसको फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। ये प्रक्रिया नये सिरे से शुरू की जाएगी।

ईमार एमजीएफ के विधिक सलाहकार शीतल राय ने बताया कि हमें एलडीए जमीन देगा, ये हाईकोर्ट का आदेश है। समायोजन को लेकर जो एलडीए में विभागीय दिक्कतें हैं, उनसे हमारा कोई लेना देना नहीं है।

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