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लखनऊ: फर्जी लेफ्टीनेंट को थाने के बाहर पीड़िता ने दी सजा, गाल पर जड़ा जोरदार थप्पड़

दो युवतियों समेत पांच पीडि़तों ने थाने में दी तहरीर। दो से पांच लाख तक सभी पीडि़तों से लिए थे रुपये।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Mon, 13 May 2019 08:54 PM (IST)Updated: Tue, 14 May 2019 01:05 PM (IST)
लखनऊ: फर्जी लेफ्टीनेंट को थाने के बाहर पीड़िता ने दी सजा, गाल पर जड़ा जोरदार थप्पड़
लखनऊ: फर्जी लेफ्टीनेंट को थाने के बाहर पीड़िता ने दी सजा, गाल पर जड़ा जोरदार थप्पड़

लखनऊ, जेएनएन। फर्जी लेफ्टीनेंट बनकर बेरोजगारों को नौकरी और आर्मी मेडिकल कॉलेज में दाखिले के नाम पर ठगने वाले जालसाज को सोमवार सुबह एक पीडि़ता ने थाने के बाहर जोरदार थप्पड़ जड़ दिया। यह देख उसके साथ पहुंचे चार अन्य पीड़ितों ने हंगामा शुरू कर दिया। बवाल बढ़ता देख पुलिस ने लोगों को समझाकर शांत कराया और जालसाज को आननफानन गाड़ी में बिठाकर जेल भेज दिया। 

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जानकारी के मुताबिक हिरासत में लिए गए आरोपित हर्ष वर्धन सिंह से मिलिट्री इंटेलीजेंस और अभिसूचना मुख्यालय की टीम ने रविवार देर रात तक पूछताछ की। सोमवार सुबह विभूतिखंड पुलिस जालसाज को जेल भेजने की तैयारी कर रही थी। इसी बीच ठगी का शिकार विकास मिश्रा, जसप्रीत सिंह जस्सी, हरप्रीत कौर, सुभांगी सिंह, ऋषभ वर्मा थाने पहुंचे। पुलिस आरोपित को जेल ले जाने के लिए बाहर निकली तो पीडि़ता हरप्रीत कौर ने हर्ष वर्धन को थप्पड़ जड़ दिया। बाद में उसके साथ आए अन्य लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। हंगामा बढ़ता देख पुलिस ने हर्षवर्धन को गाड़ी में बिठाया और जेल भेज दिया। पांचों पीड़ितों ने थाने में तहरीर दी है। 

पीड़ितों ने बताया कि हर्षवर्धन ने उन्हें आर्मी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में दाखिला दिलाने का दावा किया था। वह खुद को लेफ्टीनेंट बताते हुए अपनी पोस्टिंग एएमसी (आर्मी मेडिकल कोर) में बताता था। इंस्पेक्टर राजीव द्विवेदी ने बताया कि आरोपित को जेल भेज दिया गया है। वहीं, पीड़ितों की तहरीर पर दर्ज मुकदमे में धाराएं और पीडि़त बढ़ा दिए जाएंगे। कई अन्य पीड़ितों ने भी पुलिस से संपर्क किया है। 

इंस्पेक्टर पुत्र और अपनी जूनियर को भी ठगा 

सीओ हजरतगंज अभय कुमार मिश्रा ने बताया कि जालसाज हर्ष वर्धन ने भर्ती बोर्ड में तैनात एक इंस्पेक्टर के बेटे जसप्रीत सिंह से ढाई लाख रुपये ठगे थे। उसे भी उसने आर्मी मेडिकल कॉलेज में दाखिला कराने का दावा किया था। हर्षवर्धन ने शहर स्थित एक स्कूल से इंटर की पढ़ाई की थी। पीडि़ता शिवांगी उसकी जूनियर थी। मेडिकल कॉलेज में दाखिले के नाम पर उससे 2.88 लाख रुपये ऐंठे थे। वहीं, हरप्रीत कौर से पांच लाख, विकास मिश्रा से चार लाख और ऋषभ से दो लाख रुपये लिए थे। 

बुलेट तो कभी स्कूटी से बवर्दी पहुंचता था क्लाइंट से मिलने 

साइबर क्राइम सेल के दारोगा राहुल राठौर ने बताया कि हर्ष वर्धन सिंह अपने क्लाइंट विकास मिश्रा, जसप्रीत सिंह, हरप्रीत कौर, सुभांगी सिंह समेत अन्य से अक्सर लोहिया हॉस्पिटल अथवा एमिटी चौराहे के आसपास मिलता था। वह जब मिलने जाता था तो बुलेट और स्कूटी से बवर्दी दुरुस्त जाता था। 

साथियों को भी नहीं हुआ शक, कहा- छह माह अंडर कवर रहा 

पीड़ित सुभांगी ने बताया कि उन्हें और अन्य साथियों को भी कभी हर्षवर्धन पर शक नहीं हुआ। वह उनसे ऐसे रौब गांठता था कि किसी को शक ही नहीं हुआ। वह साथियों को बताता था कि ज्वाइनिंग के बाद छह माह तक कई स्थानों पर अंडर कवर रहा। वहीं, पुलिस गिरोह के सरगना विराट उर्फ विवेक ठाकुर और सिद्धार्थ की तलाश में दबिश दे रही है। 

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