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नवीन गल्लामंडी में भीषण आग, दम घुटने से पल्लेदार की मौत

सीतापुर रोड स्थित मंडी में शुक्रवार देर रात की घटना फल की सात आढ़ते जलकर राख। 50 हजार से अधिक कैरेट 20 से अधिक ठेलिया और पांच बाइकें जलीं।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sat, 11 May 2019 07:32 PM (IST)Updated: Sat, 11 May 2019 07:32 PM (IST)
नवीन गल्लामंडी में भीषण आग, दम घुटने से पल्लेदार की मौत
नवीन गल्लामंडी में भीषण आग, दम घुटने से पल्लेदार की मौत

लखनऊ, जेएनएन। सीतापुर रोड स्थित नवीन गल्ला मंडी में शुक्रवार देर रात करीब पौने दो बजे फल मंडी में आग लग गई। आग की चपेट में आने से एक के बाद एक सात आढ़ते जलकर राख हो गई। इस बीच एक आढ़त में सो रहे पल्लेदार संजय (28) निवासी हरदोई बेनीगंज नीम डाणा मछिगवां की दम घुटने से मौत हो गई। वहीं उसका साथी संतोष वर्मा गंभीर रूप से झुलस गया। उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है। आग की चपेट में आने से आढ़तों में रखी करीब 50 हजार से अधिक कैरेट, 20 से अधिक ठेलिया रिक्शा और पांच बाइकें जल गईं। दमकल कर्मियों ने छह घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद 15 से अधिक गाडिय़ों की मदद से आग पर काबू पाया। 

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आढ़त नंबर 79 से लगी थी आग 
शिव शक्ति फ्रूट कंपनी के आढ़ती अन्नू द्विवेदी ने बताया कि रात करीब पौने दो बजे पप्पू खान की आढ़त नंबर 79 में शॉर्ट सर्किट से आग लग गई। देखते ही देखते आग की लपटें बढ़ गईं। इसकी चपेट में पड़ोस स्थित बाबू अतीक, मो. यासीन, जितेंद्र सोनकर, इमरान, पिंटू सोनकर की आढ़त भी आग की चपेट में आकर जलने लगीं। घटना के समय सभी आढ़ती अपने घरों पर थे। अन्नू ने बताया कि उनकी आढ़त में पल्लेदार संजय और संतोष सो रहे थे। आग बेकाबू होता देख लोगों ने दमकल को सूचना दी। सूचना पर अलीगंज इंस्पेक्टर फरीद अहमद, सीएफओ विजय कुमार सिंह, इंदिरानगर, बीकेटी, हजरतगंज, चौक समेत अन्य फायर स्टेशनों से दमकल की 15 से अधिक गाडिय़ां मौके पर पहुंच गईं।

प्लास्टिक की कैरेट के कारण हुई दिक्कतें, हुए कई धमाके  

सीएफओ ने बताया कि आढ़तों में करीब 50 से अधिक प्लास्टिक की कैरेट रखी हुई थीं। अंदर से लेकर छत और पीछे तक कैरेट एक के ऊपर एक लगी थी। अग्निकांड के दौरान क्षेत्र में धुआं फैल गया था। प्लास्टिक और फलों की पेटियों में रखे फूंस के कारण आग लगातार बढ़ती जा रही थी। इस बीच दोपहिया वाहन आग की चपेट में आकर चलने लगे। दोपहिया वाहनों के पेट्रोल टैंक फटने से ताबड़तोड़ कई धमाके हुए, जिससे लोगों में अफरा-तफरी मच गई। 

करोड़ों के लेनदेन के रिकॉर्ड जले 

व्यवसायियों ने बताया कि उनकी आढ़तों में रखा फर्नीचर, कंप्यूटर समेत अन्य सामान जल गए। इसके साथ ही करोड़ों के लेनदेन के दस्तावेज भी जल गए। वहीं हजारों की नकदी भी गल्ले में रखी थी, जो जलकर राख हो गई। 

सर्च ऑपरेशन में घंटों बाद मिला शव, नहीं पहुंची एंबुलेंस 

स्थानीय लोगों ने बताया कि अन्नू की आढ़त में सो रहे पल्लेदार संजय की दम घुटने से मौत हुई। मौत के बाद वह आढ़त में ही पड़ा रहा। वहीं, अग्निकांड के दौरान तपिश के कारण साथी संतोष की आंख खुल गई थी। वह भागा तो आग की चपेट में आने से गंभीर रूप से झुलस गया। लोगों ने एंबुलेंस 108 को सूचना दी, पर वह भी नहीं पहुंचीं। इसके बाद पुलिस की गाड़ी से घायल संतोष को सिविल अस्पताल भेजा गया। आग कम होने पर पुलिस और दमकल ने जब सर्च ऑपरेशन शुरू किया तो संजय का शव पड़ा मिला। 

सड़क पर जमी थी आठ इंच मोटी प्लास्टिक की परत 

अग्निकांड के दौरान इतनी बड़ी संख्या में कैरेट पिघलने के कारण मंडी के अंदर सड़क तक करीब आठ इंच मोटी प्लास्टिक की परत जम गई थी। इसके कारण कई लोगों के पैर भी जल गए। 

व्यवसाइयों ने मंडी समिति प्रबंधन पर जताया आक्रोश 

आढ़तियों ने बताया कि मंडी समिति प्रबंधन सिर्फ उनसे टैक्स उगाही करता है। विभाग द्वारा कोई सुविधा नहीं दी जाती है। पूरी मंडी में करीब एक माह से सफाई नहीं हुई है। जगह-जगह पुआल और ज्वलनशील वस्तुएं पड़ी रहती हैं। 

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