RTO ऑफिस के बगल चल रही है दलालों की समानांतर सत्ता
देवा रोड स्थित आरटीओ ऑफिस में दलालों का जमावड़ा।
लखनऊ, जेएनएन। नियम है कि परिसर में किसी भी तरह की निजी ऑनलाइन आवेदन व्यवस्था नहीं होनी चाहिए। पर देवा रोड एआरटीओ कार्यालय में ही सबकुछ है। परिसर में ही एआरटीओ कार्यालय तो है ही, उसी के बगल जाली लगा मकान मालिक ने बड़ी सफाई से बाकायदा पार्टीशन बना एक दुकान खोल ली है।
यहां दिनभर आवेदन आदि से जुड़े काम काज होते हैं। आवेदकों का काम कराने वाले बिचौलियों की भी मौजूदगी रहती है। कह सकते हैं कि आवेदकों की ज्यादा भीड़ बजाए एआरटीओ कार्यालय के इसी दुकान पर नजर आती है। हो भी क्यों न जब सब कुछ खुलेआम परिसर से ही संचालित हो रहा हो तो इस पर ठोस पहल कौन करेगा। परिसर में मौजूद यह दुकानदार आवेदकों से मनमाना शुल्क लेते हैं। शुक्रवार को जागरण टीम ने देवा रोड स्थित एआरटीओ कार्यालय की पड़ताल की।
वैसे तो यहां बिजली और सर्वर ध्वस्त होने की शिकायत आम है। इसी का फायदा उठाकर दलाल दूर से आ रहे आवेदक को ताड़ लेता है। 350 रुपये फीस वाले एलएमवी लर्नर लाइसेंस का यह लोग 1100 से 1200 रुपये और साढ़े सात सौ रुपये में बनने वाले स्थाई लाइसेंस का 2400 से 2500 रुपया तक वसूलते हैं। इनमें से दो से तीन सौ रुपया ऑनलाइन आवेदन और साढ़े तीन सौ डीएल की फीस बता वह ग्राहक को रास्ता सुझाता है दोबारा लौटने से बेहतर है कि एक बार में सारा काम करा लें,जिससे आवागमन का खर्च तो बचेगा ही परेशानी भी कम होगी।
पीटीओ अनीता वर्मा ने बताया कि हमारे पास अतिरिक्त चार्ज है। दलाल परिसर में नहीं आने नहीं दिए जाते हैं। बगल में जो जाली लगाकर दुकान चल रही है, इसकी उच्च स्तरीय फोरम पर शिकायत की गई है। दूसरा भवन भी तलाशा जा रहा है। यहां से लाइसेंस कम बनते हैं। बमुश्किल 30 से पचास डीएल का ही औसत रहता है।
आरटीओ कार्यालय में चला पुलिस का डंडा, खदेड़े गए दलाल
गेट बंद कर सुबह से शाम तक कर्मचारी हाथों में डंडा लेकर आने वाले लोगों के कागजात टटोलते रहे। अपराह्न् बाद पुलिस बल बुलाकर कमरे खंगालने का क्रम चला तो दो लोग संदिग्ध नजर आए तो साक्ष्य देखने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया। अभियान में संभागीय परिवहन अधिकारी एके सिंह, ट्रांसपोर्टनगर चौकी इंचार्ज उमेश नैथानी, एआरटीओ प्रशासन राघवेंद्र सिंह समेत पुलिस और होमगार्ड के जवान मौजूद रहे। आरटीओ एके सिंह के मुताबिक सोमवार को फिर कार्रवाई की जाएगी।
पेड़ के पास रहता है दलालों का जमावड़ा
परिसर छोटा होने के कारण दलाल यहां सड़क पर बने पेड़ की छांव में डटे रहते हैं। ग्राहक देखकर इशारे से बुला उन्हें पूरी गणित समझाते हैं। सर्वर गड़बड़ है। वापस लौटने या शाम तक खड़ा होना पड़ेगा। आज बिजली नहीं थी लिहाजा सभी पड़े की छांव या फिर उसी दुकान पर जमा मिले।
ये हैं रेट
350 वाले एलएमवी लर्नर लाइसेंस का 1100 से 1200 रुपया वसूलते हैं दलाल।
वहीं 750 वाले स्थायी लाइसेंस का 2400 से 2500 रुपया जाता है लिया।
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