सीजनल एलर्जी से बचना है तो धूल, धुंआ और सुगंध से रखें बच्चों को दूर
केजीएमयू की बाल रोग विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.शालिनी त्रिपाठी ने पाठकों के सवालों के जवाब दिए।
लखनऊ, जेएनएन। बदलते हुए मौसम में बच्चों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। जरा सी लापरवाही करने पर बच्चे डायरिया, डिहाइड्रेशन और एलर्जी का शिकार हो सकते हैं। बच्चों को बाहर ही नहीं बल्कि घरों में भी साफ-सुथरा माहौल देना चाहिए। धूल, धुंआ और सुगंध ये तीन चीजें बच्चों में एलर्जी की प्रमुख वजह है। इनसे बच्चों को दूर रखकर सीजनल एलर्जी से बचा सकता है।
डायरिया के घातक लक्षण
- बच्चों में सीवियर डायरिया होने पर अगर कुछ घातक लक्षण दिखें तो तुरंत बाल रोग विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए।
- बच्चा दूध पीना बंद कर दे
- छह घंटे या इससे ज्यादा तक पेशाब करना बंद कर दे, आंखें पलट दे,
- बच्चा नीला पड़ जाए, शरीर में लाल चकत्ते पड़ जाएं,
- हथेली और तलवे पीले पड़ जाएं।
बदलते मौसम में बढ़ जाती है एलर्जी
बढ़ते प्रदूषण और बदलते मौसम में आंधी, डस्ट, परागकण की वजह से बच्चों में एलर्जी या अस्थमा जैसे लक्षण दिखने लगते हैं। हालांकि अस्थमा में परिवार की हिस्ट्री ज्यादा महत्व रखती है। इसके अलावा घरों में बच्चों को फर वाले खिलौने, कारपेट, धूल, धुंआ, स्मोक, परफ्यूम से दूर रखना चाहिए। इसके अलावा पालतू जानवर के रोएं से भी एलर्जी होती है।
एक साथ ट्रीटमेंट होने पर संभव है इलाज
अस्थमा महिलाओं से ज्यादा पुरुषों में होता है। कई बार इसकी शुरुआत नाक बहने या छींक आने से होती है। ऐसे में एडिनॉयड ग्लैंड, नाक की एलर्जी का ट्रीटमेंट किया जाता है। अस्थमा में इन्हेलर का यूज सबसे अच्छा होता है। इससे दवाओं से होने वाले साइड इफेक्ट से बचा जा सकता है।
ध्यान देने की बात
- बच्चों को किसी भी दूसरे जानवर का दूध नहीं देना चाहिए। इससे उनके शरीर में एंटीजन आ जाते हैं, जिससे बच्चों को बार-बार डायरिया हो सकता है।
- दूध पीने पर बच्चों की पसली चलने लगे, शौच अनियमित हो, स्किन में रैशेज होने लगें तो तुरंत बाहरी दूध बंद कर दें।
- डायरिया होने पर ओआरएस देना चाहिए। ओआरएस का पूरा पैकेट एक लीटर पानी में डालना चाहिए। साथ में बच्चे को किसी तरह का जूस या ग्लूकोज नहीं देना चाहिए।
- हर दस्त के साथ बच्चे को ओआरएस देना चाहिए। डायरिया ठीक होने के बाद भी 14 दिन तक जिंक टैबलेट देनी चाहिए।
- बच्चों को पीने का साफ पानी दें।
पाठकों ने पूछे सवाल
सवाल- डेढ़ साल का बच्चा है, बहुत दुबला-पतला है और कुछ खाता भी नहीं है। (सुभाष चंद्र, बाराबंकी)
जवाब- बच्चे में आयरन की कमी हो सकती है, बच्चे को दाल, हरी सब्जी देना शुरू करें। आयरन प्रोफाइल करा सकते हैं।
सवाल- बच्चे को आरओ का पानी देते हैं फिर भी उसे डायरिया हो जाता है। (जगदीश, लखनऊ)
जवाब- बच्चा बाहर भी पानी पीता होगा, खाना खाता होगा, कई बार रेस्टोरेंट का खाना भी हाइजीनिक नहीं होता है। पर्सनल हाइजीन पर ध्यान दें और बच्चे का बाहर का खाना-पीना बंद करें।
सवाल- सात माह की बच्ची है। उसके हाथ के बगल में अक्सर रैशेज हो जाते हैं, दवा के बाद भी ठीक नहीं होते। (मोहिनी, कृष्णानगर)
जवाब- बच्चे को फंगल इंफेक्शन हो सकता है, बगल में मॉयश्चर रहता है। किसी स्किन स्पेशियलिस्ट से संपर्क करें। साबुन कम से कम इस्तेमाल करें, लो पीएच का साबुन यूज कर सकती हैं।
सवाल- छह साल का बच्चा है। अक्सर जब भी सीजन बदलता है उसे खांसी आती है। सुबह और शाम के समय सबसे ज्यादा होती है। (जीएस प्रजापति, रायबरेली)
जवाब- बच्चे को एलर्जी हो सकती है। उसे धूल, धुएं और सुगंध से दूर रखिए। अस्थमा हो सकता है, चिकित्सक से परामर्श कर नियमित इलाज करवाएं।
सवाल- आठ साल का बेटा है। जब भी पेशाब करता है पाउडर जैसा निकलता है। (सीमा, लखनऊ)
जवाब- किसी अच्छे एमडी पीडियाट्रिशियन से संपर्क करें।
सवाल- साढ़े तीन साल का बच्चा है। सुबह और रात में बहुत खांसी आती है और कफ निकल रहा है। (जूही, टूडियागंज)
जवाब- बच्चे को इंफेक्शन या टीबी भी हो सकती है। इसके अलावा मौसम बदल रहा है, एलर्जी भी हो सकती है। एक बार टीबी की जांच करा लें, घर में एलर्जी की सभी चीजें हटा दें।
सवाल- छह माह का पोता है, उसे उल्टी और बुखार हो गया है। (मो.हनीफ, लखीमपुर)
जवाब- मां के दूध के साथ बच्चे को ऊपर का खाना भी दें, अगर बच्चा पेशाब नहीं करता है, तो बालरोग विशेषज्ञ से संपर्क कर सकते हैं।
सवाल- पांच साल की बच्ची है, उसे खांसी होने पर बाजार के कफ सीरप दिए, लेकिन ठीक नहीं हो रही है। (दर्शन सिंह, लखनऊ)
जवाब- बच्चे को इंफेक्शन या टीबी भी हो सकती है। अच्छे बालरोग विशेषज्ञ से संपर्क करें।
सवाल- गर्मी में क्या बच्चों को तेल की मालिश की जा सकती है। (निधि, राजाजीपुरम)
जवाब- गर्मी में बच्चों को नारियल तेल की मालिश कर सकते हैं, लेकिन उसके बाद नहला देना चाहिए। तेल अगर बॉडी पर रहेगा तो इंफेक्शन हो सकता है।
सवाल- 17 साल का बच्चा है, उसे छींक बहुत आती है। (गोंडा, अभिजीत)
जवाब- बच्चे को किसी अच्छे ईएनटी विशेषज्ञ को दिखवाएं, धूल, धुंआ और सुगंध से दूर रखें।
सवाल- ढाई साल का बच्चा है, बहुत सुस्त रहता है, खाता-पीता नहीं है। (मुशीर अहमद, लखनऊ)
जवाब- बच्चे को खून की कमी हो सकती है, हरी सब्जी नहीं खाता होगा तो आयरन की कमी हो सकती है। आयरन प्रोफाइल का टेस्ट करवाएं।
सवाल- डेढ़ साल का बच्चा है। उसे डायरिया हो गया है, मां के दूध के अलावा ऊपर का भी दूध देते हैं। (महेंद्र, श्रावस्ती)
जवाब- ऊपर का दूध तुरंत बंद कर दें। साफ पानी दें। हैंड पाइप का पानी दे रहे हैं तो इंडिया मार्क के हैंड पाइप से दें।
सवाल- छह साल का बच्चा है, पेट में नाभी के पास दर्द बताता है। इलाज करने के बाद भी उसके पेट में दर्द रहता है। (किशन कुमार, रायबरेली)
जवाब- बच्चे को कीड़े की दवा दें, अगर बच्चा स्कूल जाने से डरता है तो उसे फंक्शनल एब्डोमिनल पेन हो सकता है। इसके लिए अच्छे बालरोग विशेषज्ञ से संपर्क करें।
सवाल- एक साल का बच्चा है। हर 10 दिन में उसे बुखार और डायरिया हो जाता है, उसे हम गाय का दूध देते हैं। (सुधीर, हरदोई)
जवाब- बच्चे को गाय का दूध न दें, बोतल से भी दूध न दें, पॉश्चराइज्ड मिल्क दें। खाने-पीने के समय हैंड हाइजीन पर ध्यान दें और पानी साफ दें।
डायरिया होने पर मां के दूध के साथ दे सकते हैं ओआरएस
छह माह तक बच्चों को एक्सक्लूसिव ब्रेस्ट फीडिंग करवानी चाहिए। छह माह से ऊपर होने पर मां के दूध के अलावा खाने की शुरुआत करनी चाहिए। अगर बच्चे को डायरिया हो तो मां के दूध के अलावा उसे ओआरएस दिया जा सकता है। डायरिया वायरल इंफेक्शन से होता है, ऐसे में बच्चों को एंटीबायोटिक्स नहीं देनी चाहिए। वहीं छह हफ्ते से छह माह के बीच के बच्चों को रोटा वायरस वैक्सीनेशन होना चाहिए। छह माह से ऊपर के बच्चों को रोटा वायरस वैक्सीन नहीं देनी चाहिए।
बच्चों को दें अच्छी डाइट
कई बार बच्चे कुपोषण का शिकार हो जाते हैं। ऐसे बच्चे अक्सर रोते रहते हैं, कम एक्टिव रहते हैं, शरीर में स्वेलिंग रहती है, ऐसे बच्चे को क्वाशकोर (कुपोषण) हो जाता है। अभिभावक बच्चों को प्रोटीनयुक्त भोजन नहीं देते हैं जिसकी वजह से वो कुपोषित हो जाते हैं। इसके अलावा जो लोग बच्चों को बिल्कुल भी एनिमल फैट नहीं देते हैं उन्हें भी कुपोषण होता है। इनमें विटामिन बी 12 की जांच करवानी चाहिए।
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