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World Thalassemia Day: बंधन से पहले कुंडली संग 'सेहत' का मिलान

युवक-युवती शादी से पहले करा रहे कैरियर स्क्रीनिंग। थैलेसीमिया समेत तमाम रक्त विकारों की कर रहे पुष्टि।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Thu, 09 May 2019 10:08 AM (IST)Updated: Thu, 09 May 2019 10:13 AM (IST)
World Thalassemia Day: बंधन से पहले कुंडली संग 'सेहत' का मिलान
World Thalassemia Day: बंधन से पहले कुंडली संग 'सेहत' का मिलान

लखनऊ [संदीप पांडेय]। यूं तो वैवाहिक बंधन में जन्म कुंडली अहम कड़ी है। मगर, अब एक-दूजे की 'सेहत' का मिलान भी हो रहा है। युवक-युवतियां सात फेरों से पहले कैरियर स्क्रीनिंग करा रहे हैं। दरअसल, देश में तमाम लोग आनुवांशिक रोगों की गिरफ्त में हैं, जिसके चलते माता-पिता से आनुवांशिक बीमारी बच्चे में ट्रांसफर हो रही है। इसको ध्यान में रखकर राजधानी के युवक-युवतियां शादी के पहले 'कैरियर स्क्रीनिंग' करा रहे हैं। इसके जरिए वह एक-दूजे में थैलेसीमिया, हीमोफीलिया, रक्त विकारों से कंफर्म हो रहे हैं।

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सजगता से रुकेगा बीमारी का प्रसार

केजीएमयू की सेंटर फॉर एडवांस रिसर्च (सीएफआर) की साइटोजेनेटिक यूनिट की इंचार्ज डॉ. नीतू निगम के मुताबिक रक्त संबंधी रोगों में थैलेसीमिया का प्रसार काफी है। मगर, स्क्रीनिंग के अभाव में रोगियों की हकीकत सामने नहीं आ पा रही है। संस्थान में वर्ष भर से कैरियर स्क्रीनिंग प्रोग्राम शुरू किया गया है। इसमें शादी से पहले युवक-युवतियां भी स्क्रीनिंग करा रहे हैं। इनमें कुछ को माइनर थैलेसीमिया की पुष्टि हुई। 

109 नंबर काउंटर पर जमा करें रक्त सैंपल

केजीएमयू के पैथोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. आशुतोष कुमार के मुताबिक थैलेसीमिया व रक्त संबंधी रोगों की जांच के लिए काउंटर बनाया गया है। कोई भी व्यक्ति शुल्क जमा कर 109 नंबर काउंटर पर सैंपल जमा कर सकता है। यहां हर रोज 14-15 थैलेसीमिया जांच के लिए सैंपल आते हैं। इनमें से दो या तीन में माइनर थैलेसीमिया की पुष्टि होती है। वहीं मेडिसिन विभाग, क्वीनमेरी विभाग से युवक-युवतियों की स्क्रीनिंग के भी सैंपल भेजे जाते हैं।

क्या है थैलेसीमिया? 

थैलेसीमिया बच्चों को माता-पिता से अनुवांशिक रोग है। इसमें शरीर में हीमोग्लोबिन निर्माण की प्रक्रिया में गड़बड़ी हो जाती है। इसके चलते रक्तक्षीणता के लक्षण पैदा हो जाते हैं। 

माइनर व मेजर थैलेसीमिया ?

शरीर में मौजूद क्रोमोसोम खराब होने से माइनर थैलेसीमिया हो सकता है। यदि दोनों क्रोमोसोम खराब हो जाएं यह मेजर थैलेसीमिया बन जाता है। वहीं इन मरीजों से जन्म लेने वाले बच्चों में छह महीने बाद शरीर में खून बनना बंद हो जाता है। 

थैलेसीमिया के लक्षण ?

थकान, कमजोरी, त्वचा का पीला रंग , चेहरे की हड्डी में विकृति, धीमी गति से शारीरिक विकास, पेट की सूजन

इलाज के लिए बने सेंटर

थैलेसिमिक्स सोसाइटी के अध्यक्ष प्रवीर आर्या के मुताबिक पीजीआइ में बुधवार को वल्र्ड थैलेसीमिया डे मनाया गया। थैलेसीमिया का सरकार ने  इलाज मुफ्त की व्यवस्था की है।  राजधानी में केजीएमयू, पीजीआइ समेत 12 जनपदों के अस्पतालों में सेंटर खोले गए हैं। इनमें मरीजों को मुफ्त ब्लड ट्रांसफ्यूजन सुविधा के साथ-साथ दवाएं भी उपलब्ध कराई जाती हैं। प्रदेश में लगभग 1870 रोगी पंजीकृत हैं। 

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