लखनऊ: आपसी झगडे़ में लगाई आग, पति-पत्नी की जलकर मौत
किराए के मकान में पति-पत्नी 7 साल से रहते थे। घटना के वक्त बच्चे बाहर खेल रहे थे। पुलिस पति-पत्नी के बीच किसी बात को लेकर विवाद की आशंका जता जा रही है ।
लखनऊ, जेएनएन। शेरपुरलवल गांव में किराये के मकान में रहने वाले मूलरूप से असम के लखीमपुर निवासी ट्रक चालक दिनेश और उसकी पत्नी शांति ने रविवार सुबह खुद को आग लगा ली, जिसमें दोनों जिंदा जल गए। दिनेश की शादी 13 जनवरी 2013 को झारखंड के गुमला कस्बे की रहने वाली शांति से हुई थी। पुलिस दोनों की मौत का कारण पता कर रही है।
ग्रामीणों के मुताबिक दिनेश और शांति पांच साल के बेटे विशाल और तीन साल की बेटी माही के साथ गांव के पंचायत भवन के सामने भुइयादीन के मकान में करीब सात साल से रह रहे थे। रविवार सुबह करीब 10:30 बजे दिनेश के कमरे से तेज धुआं निकलता देख पड़ोसी व कुछ छात्रों ने शोर मचाया। लोग कुछ समझ पाते कि आग की लपटों से घिरा दिनेश चीखते हुए कमरे से बाहर सड़क पर आ गया। दिनेश भागते हुए दोबारा कमरे की तरफ दौड़ा, जिसके पीछे स्थानीय लोग भी गए। कमरे में आग लगी थी और शांति उसमें घिरी हुई थी। बिस्तर व अन्य सामान के साथ-साथ शांति को भी आग की लपटों ने घेर लिया था।
कमरे से आ रही थी मिट्टी तेल की बदबू
कमरे से मिट्टी के तेल की तेज बदबू आ रही थी और पास में ही माचिस की डिब्बी पड़ी थी। कड़ी मशक्कत के बाद लोगों ने किसी तरह आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक शांति पूरी तरह से झुलस चुकी थी। पुलिस घटनास्थल पर पहुंची, लेकिन तब तक शांति ने दम तोड़ दिया। इसके बाद दिनेश को गंभीर अवस्था में सीएचसी मोहनलालगंज ले जाया गया, जहां से डॉक्टरों ने सिविल अस्पताल रेफर कर दिया। हालांकि, इलाज के दौरान दिनेश की भी मौत हो गई। एसओ निगोहां जगदीश पांडेय के मुताबिक, मृतका के घरवालों को घटना की जानकारी दे दी गई है। आग कैसे लगी, इसके बारे में छानबीन की जा रही है।
सिर से छिन गया माता-पिता का साया
घटना के वक्त विशाल और माही घर पर ही मौजूद थे। विशाल ने बताया कि सुबह से ही मम्मी पापा की आपस में लड़ाई हो रही थी। तेज आवाज सुनकर वह एक बार कमरे में गया तो उसे पापा ने बाहर भगा दिया। इस घटना से दोनों बच्चे बेहद डरे हुए हैं। ग्रामीण दोनों बच्चों की देखरेख कर रहे हैं। ग्रामीणों के मुताबिक पति-पत्नी में पहले कोई विवाद नहीं होता था। एक माह पूर्व दोनों कहीं बाहर गए थे। वापस आने के बाद से ही दोनों में मनमुटाव शुरू हुआ था।
एंबुलेंस नहीं आई, तड़पता रहा दिनेश
गंभीर रूप से झुलसे दिनेश को अस्पताल ले जाने के लिए ग्रामीणों ने 108 एंबुलेंस को फोन किया, लेकिन वह नहीं आई। इसके बाद पुलिस ने आनन-फानन एनएचआइ की एंबुलेंस को बुलाया और उसी से दिनेश को गांव के सुरेंद्र वर्मा के साथ सीएचसी भेजा गया। यहां पर डॉक्टरों ने दिनेश को सिविल अस्पताल ले जाने की सलाह दी। इस पर गांव के सुरेंद्र और सिपाही ने दोबारा एंबुलेंस से संपर्क किया तो उसने गोसाईगंज में होने की बात कही। इस दौरान दिनेश जमीन पर रखे स्ट्रेचर पर तड़पता रहा। काफी देर एंबुलेंस आई और दिनेश को सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी भी इलाज के दौरान मौत हो गई।