नाबालिग बेटी की जगह अब मंझली बेटी बनेगी दुल्हन
ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के प्रयास से रुका बाल विवाह। आपसी रजामंदी से बालिक बेटी को शादी के लिए किए राजी।
लखनऊ, जेएनएन। काकोरी में सामाजिक कार्यकर्ताओं व जागरूक ग्रामीणों के प्रयास के चलते बाल विवाह रुक गया। वहीं तय शादी टूटने से सामाजिक प्रतिष्ठा खराब न हो इसलिए नाबालिग बेटी की जगह पर अब मंझली बेटी दुल्हन बनेगी। इसको लेकर दोनों परिवारो में सहमति बन गई है। अब परिजन समेत ग्रामीणो में भी खुशी का माहौल है।
सैफलपुर गांव में एक परिवार के मुखिया यानी पिता की मौत हो चुकी है। परिवार में मां, तीन बेटियां व दो बेटे हैं, जिसमें से बड़ी बेटी की शादी हो चुकी है। छोटी बेटी अभी भी नाबालिग है। परजिनों ने बताया कि मझली बेटी आगे पढऩा चाह रही थी इस वजह से छोटी की शादी तय की गई। परिजनों का यह भी कहना था कि दोनों बेटियां बालिग हैं हालांकि दस्तवेजो में छोटी नाबालिग थी।
इस बात की जानकारी जब ग्रामीणों को हुई कि छोटी बेटी नाबालिग है और उसकी शादी की जा रही है तो इसकी जानकारी सामाजिक संस्थाओं व कार्यकर्ताओं को दी गई। जिनके हस्ताक्षेप के बाद बाल विवाह रुक गया। इसके बाद परिजनों ने सामाजिक कार्यकर्ताओं को आश्वासन दिया कि अब नाबालिग बेटी की शादी नही करेंगे। परिजनों ने आपसी सहमति से तय किया कि अब नाबालिग बेटी की जगह उससे बड़ी यानी मंझली बेटी की शादी तय रिश्ते में होगी। यह भी तय किया गया कि मंझली बेटी की पढ़ाई में भी कोई बाधा नहीं आने दी जाएगी। दरअसल शादी आगामी 19 फरवरी को तय थी। जिसको लेकर शादी के कार्ड भी बंट चुके है इसलिए दोनों परिवार सामाजिक प्रतिष्ठा को बनाये रखने के लिए मंझली बेटी से रिश्ता करने को सहमत हो गए। प्रधान गोपी यादव ने बताया कि बाल विवाह रुक गया है । अब नाबालिग बेटी की जगह मंझली बेटी दुल्हन बनेगी।