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LGBTQIA समुदाय ने निकाली गौरव यात्रा, सरकार से की एक और मांग

लखनऊ में एलजीबीटीक्यूआइए समुदाय की ओर से तीसरी क्वीयर गौरव यात्रा निकली गई।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sun, 10 Feb 2019 04:10 PM (IST)Updated: Sun, 10 Feb 2019 09:40 PM (IST)
LGBTQIA समुदाय ने निकाली गौरव यात्रा, सरकार से की एक और मांग
LGBTQIA समुदाय ने निकाली गौरव यात्रा, सरकार से की एक और मांग

लखनऊ, जेएनएन। वेलेंटाइन वीक पर राजधानी में सर्वोच्च न्यायलय के धारा 377 से आजादी मिलने की खुशी मनाई गई। रविवार को एलजीबीटीक्यू आइए (लेस्बियन, गे, बाइसेक्सुअल, ट्रांसजेंडर, क्वीयर) समुदाय की ओर से तीसरी क्वीयर गौरव यात्रा निकली गई।

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प्यार करने के अधिकार को गैर अपराधिक घोषित होने की बात से खुश समुदाय के लोगों ने रंग बिरंगी वेश भूषा में दैनिक जागरण चौराहे से लेकर हजरतगंज जीपीओ तक यात्रा निकाली। ढोल के साथ नाचते-गाते हुए खुशी जाहिर की। इस दौरान समुदाय के लोगों ने सरकार से शादी करने की मान्यता देने की भी मांग की। समुदाय के लगभग 150 लोगों ने इस प्राइड मार्च में भाग लिया।

समलैंगिकता अपराध नहीं

समलैंगिकता को अपराध मानने वाली आइपीसी की धारा 377 की वैधानिकता पर सुप्रीम कोर्ट ने 6 सिंतबर 2018 को फैसला सुनाया था। कोर्ट ने कहा था  कि दो बालिगों के बीच सहमति से बनाए गए समलैंगिक संबंधों को अपराध मानने वाली धारा 377 को खत्म कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने धारा 377 को मनमाना करार देते हुए व्यक्तिगत चॉइस को सम्मान देने की बात कही थी।

जानें, क्या है धारा 377 

भारतीय दंड संहिता की धारा 377 के मुताबिक, कोई किसी पुरुष, स्त्री या पशुओं से प्रकृति की व्यवस्था के विरुद्ध संबंध बनाता है तो यह अपराध होगा। इस अपराध के लिए उसे उम्रकैद या 10 साल तक की कैद के साथ आर्थिक दंड का भागी होना पड़ेगा। सीधे शब्दों में कहें तो धारा-377 के मुताबिक अगर दो वयस्क आपसी सहमति से भी समलैंगिक संबंध बनाते हैं तो वह अपराध होगा।


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