सुरक्षित सफर की हमसफर बनेंगी हाईटेक पिंक बसें, जानें ऐसी मिलेंगी सुविधाएं
महिला सुरक्षा से जुड़े उपकरणों का तीन बसों में चल रहा परीक्षण।
लखनऊ, [नीरज मिश्र]। महिलाओं के लिए बहुप्रतीक्षित पिंक बस सेवा जल्द शुरू होने वाली है। अभी तीन पिंक बसों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए लगाए गए उपकरणों पैनिक बटन, अत्याधुनिक कैमरों, एनवीआर (नेटवर्क वीडियो रिकॉर्डर) का परीक्षण किया जा रहा है। प्रत्येक बस में डेढ़ लाख रुपये के उपकरण लगाए गए हैं। पहली खेप में दस बसें आएंगी। उसके बाद 40 और पिंक बसों को बेड़े में शामिल किया जाएगा। निर्भया फंड से कुल पचास गाड़ियां आनी हैं। पिछले दिनों रोडवेज बोर्ड की बैठक में इस पर मुहर लग गई।
पैनिक बटन ऐसे करेगा काम
किसी भी तरह के खतरे का आभास होते ही महिला अपनी सीट के ऊपर छत पर लगे लाल पैनिक बटन को दबा सकती है। प्रेस होते ही इसका अलर्ट रोडवेज के कमांड सेंटर और यूपी 100 में पहुंचेगा। इसके साथ ही कैमरे की रिकॉर्डिग शुरू हो जाएगी। वह तत्काल इसे कंट्रोल रूम भेजना शुरू कर देगा। इससे बस की लोकेशन के साथ ही उसके भीतर की जानकारी सीधे कंट्रोल रूम में दिखने लगेगी। अलर्ट आते ही उसे परखा जाएगा। अगर गलती से इस बटन को प्रेस कर दिया गया है तो उस सूचना को नजरंदाज कर दिया जाएगा। अगर खतरा वास्तविक है तो उस सूचना को तत्काल यूपी 100 को कार्रवाई के संकेत दे दिए जाएंगे। यूपी 100 से कुछ ही पलों में थाने और आसपास मौजूद इंटरसेप्टर तक सूचना पहुंच जाएगी। परिवहन निगम का कमांड सेंटर अपने इंटरसेप्टर को भी अलर्ट देगा।
कैमरे एनवीआर तकनीक से लैस
इन पिंक बसों में डीवीआर यानी डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर के स्थान पर एनवीआर (नेटवर्क वीडियो रिकॉर्डर) तकनीक का इस्तेमाल होगा। यह तकनीक न केवल बस की पूरी लोकेशन, बस नंबर आदि जानकारियों को दर्शाएगी, बल्कि इसकी रिकॉर्डिग भी करेगी।
क्या कहते हैं अफसर ?
परिवहन निगम प्रबंध निदेशक पी. गुरु प्रसाद का कहना है कि निर्भया फंड से 50 पिंक बसें तैयार की जा रही हैं। महिला सुरक्षा से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण चीजों का ख्याल रखा जा रहा है। तीन बसें तैयार हो गई हैं। इनमें लगे तकनीकी उपकरणों का परीक्षण चल रहा है। इसके बाद मुख्यालय के कंट्रोल रूम और यूपी 100 से जोड़कर टेस्टिंग की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।